आप भी लगाते हैं शेयर मार्केट में पैसा, तो हो जाएं सावधान! ठगी से बचने सिर्फ इस अकाउंट में करें ट्रांजेक्शन
Share Trading Fraud: शेयर मार्केट के नाम पर साइबर ठगी से बचने के लिए केवल डीमेट खाते से ही निवेश करें। इसी से लेनदेन करें। यह सेबी की ओर से संचालित होता है।
Share Trading Fraud: शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगी करने वाले काफी एजुकेटेड, फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट में स्किल्ड होते हैं। यही वजह की अच्छे जानकार भी उनके झांसे में आ जाते हैं। यह कहना है देवाशीष पांडा का है कि उनका कहना है कि मेरे साथ साइबर ठगों की पूरी बातचीत अंग्रेजी में हुई। वे काफी अच्छी इंग्लिश बोल रहे थे।
देवाशीष पांडा ने आगे बताया कि मुझे पहले वाट्सऐप ग्रुप से जोड़ा गया। उसमें शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट की ट्रेनिंग देते थे। कई सेशन हुए। वे ट्रेनिंग में अच्छी-अच्छी जानकारी देते गए। चूंकि मैं करीब 15 सालों से शेयर मार्केट से जुड़ा हूं इसलिए इन्वेस्टमेंट के बारे में जानता हूं। उनकी ट्रेनिंग ऐसी थी कि उस पर कोई शक नहीं हुआ।
Share Trading Fraud: मोबाइल ऐप के जरिए हुई धोखाधड़ी
ट्रेनिंग के बाद शेयर मार्केट का लाइव डेमो शुरू हुआ। बिल्कुल शेयर मार्केट की तरह स्टॉक्स के अप डाउन बताते थे। सुबह जिस समय मार्केट खुलता था वैसे ही उनके मोबाइल ऐप में भी होता था। एक-एक स्टॉक की जानकारी देते थे। फिर उसी दौरान चुनिंदा स्टॉक में पैसा लगाने के लिए उकसाते थे।
अपनी बताई हुई कंपनियों में पैसा लगाने को कहते थे। लेकिन पहले तो मैंने मना कर दिया। फिर उनके बताए स्टॉक्स में अपने हिसाब से कुछ पैसे लगाए। उससे 40 से 50 हजार का फायदा हुआ। इसके बाद फ्लो में 25 लाख, 50 लाख करते करते कुल 7 करोड़ 50 लाख निवेश कर दिया।
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16 करोड़ का प्रॉफिट दिखाया
देवाशीष ने बताया कि मैंने उनके बताए अलग-अलग बैंक खाते में पूरी राशि आरटीजीएस और एनईएफटी की है। पूरे निवेश पर मेरा मुनाफा उनके ऐप में 16 करोड़ दिखा रहा था। इतनी राशि देखकर मैंने जब 3 करोड़ रुपए निकालने की कोशिश कि तब साइबर ठगों का असली चेहरा सामने आया। उन्होंने मुझसे टैक्स की मांग की। टैक्स की राशि खुद मांगने लगे, तब मुझे शक हुआ। फिर थाने में शिकायत की।
शेयर में निवेश कर रहे, तो डीमेट का करें इस्तेमाल
Share Trading Fraud: शेयर मार्केट के नाम पर साइबर ठगी से बचने के लिए केवल डीमेट खाते से ही निवेश करें। इसी से लेनदेन करें। यह सेबी की ओर से संचालित होता है। वाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्म में अनजान नंबर से कॉल या मैसेज को स्वीकार न करें। नॉर्मल कॉल पर ही बातचीत करें।
देवाशीष पांडा, एनर्जी सेक्टर की मल्टीनेशनल कंपनी से जुड़े हैं। इनसे जुलाई में 7.50 करोड़ की ऑनलाइन ठगी हुई थी। पुलिस करीब 1 करोड़ होल्ड करवा पाई है।
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