साइबर अपराध में ठगी की रकम वापस पाने के लिए "गोल्डन आवर" का महत्व अत्यधिक होता है।

गोल्डन आवर वह 24 घंटे का समय होता है जब ठगी के तुरंत बाद कार्रवाई करने से पैसे वापस पाने की संभावना सबसे अधिक होती है। ठगी के मामले में, साइबर ठग आम तौर पर पैसा तुरंत दूसरी जगह ट्रांसफर करने की कोशिश करते हैं। यदि इस अवधि में शिकायत दर्ज करवाई जाए, तो बैंक और साइबर सेल अवैध ट्रांजेक्शन को फ्रीज करने और रकम को रिकवर करने में सक्षम हो सकते हैं।

Dec 15, 2024 - 17:04
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साइबर अपराध में ठगी की रकम वापस पाने के लिए "गोल्डन आवर" का महत्व अत्यधिक होता है।

क्या होता है गोल्डन आवर

साइबर अपराध में ठगी की रकम वापस पाने के लिए "गोल्डन आवर" का महत्व अत्यधिक होता है।

गोल्डन आवर वह  24 घंटे का समय होता है  जब ठगी के तुरंत बाद कार्रवाई करने से पैसे वापस पाने की संभावना सबसे अधिक होती है। ठगी के मामले में, साइबर ठग आम तौर पर पैसा तुरंत दूसरी जगह ट्रांसफर करने की कोशिश करते हैं। यदि इस अवधि में शिकायत दर्ज करवाई जाए, तो बैंक और साइबर सेल अवैध ट्रांजेक्शन को फ्रीज करने और रकम को रिकवर करने में सक्षम हो सकते हैं।

1, जितनी जल्दी रिपोर्ट करेंगे, उतनी जल्दी बैंक और संबंधित संस्थान रकम को ट्रैक और ब्लॉक कर सकते है
2. ठग अक्सर रकम को जल्दी से कई खातों में ट्रांसफर करते हैं। शुरुआती कार्रवाई इसे रोक सकती है।
3; बैंक और साइबर सेल समय पर दी गई जानकारी पर तेजी से काम कर सकते हैं, जिससे रिकवरी आसान होती है।

ठगी के बाद ये कदम उठाए

राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें।
साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और घटना की रिपोर्ट करें।

समय पर कदम उठाने से ठगी के मामलों में रकम वापस पाने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत रिपोर्ट करें।

RBI के निर्देश

यदि पीड़ित 3 दिनों के भीतर रिपोर्ट करता है, तो बैंक का दायित्व बनता है कि वह जांच कर रकम वापस करे।

सावधान रहें  ,सुरक्षित रहे।

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रोहित मालेकर
निरीक्षक 
थाना सिविल लाइन
रायपुर

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