राज्य पक्षी राम चिलुका की तस्करी का बड़ा खुलासा, बेचने से पहले पुलिस ने दबोचा

CG News: ये तोते विशाखापट्टनम से दुर्ग एक्सप्रेस के जरिए रायपुर लाए जा रहे थे और इन्हें छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में बेचा जाने की योजना थी..

Dec 21, 2024 - 14:56
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राज्य पक्षी राम चिलुका की तस्करी का बड़ा खुलासा, बेचने से पहले पुलिस ने दबोचा

CG News: रायपुर रेलवे स्टेशन पर वन विभाग और जीआरपी ने मिलकर आंध्रप्रदेश के राज्य पक्षी राम चिलुका (तोते) की तस्करी के मामले का पर्दाफाश किया। कार्रवाई में 105 तोते बरामद किए गए हैं। तस्करी के आरोप में शम्सुद्दीन नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। ये तोते विशाखापट्टनम से दुर्ग एक्सप्रेस के जरिए रायपुर लाए जा रहे थे और इन्हें छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में बेचा जाने की योजना थी।

CG News: तोते की कीमत और उम्र

बरामद तोतों की उम्र करीब दो से तीन माह है। एक तोते की अनुमानित कीमत 1500 से 2000 रुपए के बीच बताई जा रही है। यह तोते शिकारियों द्वारा अवैध तरीके से पकड़कर तस्करी के जरिए बेचने के लिए लाए गए थे। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तस्करी का उद्देश्य वन्यजीवों के संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करना था, जो ऐसी गतिविधियों को सख्त रूप से प्रतिबंधित करता है।

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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और तस्करी

CG Crime news: रायपुर वनमंडल के रेंजर सतीश मिश्रा ने बताया कि यह मामला वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध माना जाता है। इस अधिनियम के तहत वन्यजीवों की तस्करी और उनका शोषण पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसे मामलों में कठोर सजा का प्रावधान है। वन विभाग इस मामले की पूरी गहराई से जांच कर रहा है।

जांच के दौरान तस्करी में शामिल अन्य व्यक्तियों का भी पता चलने की संभावना है। यह घटना रायपुर में वन्यजीव तस्करी के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। हाल के महीनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जो यह दर्शाती हैं कि तस्करी करने वालों का नेटवर्क सक्रिय है। वन विभाग इस मुद्दे पर गंभीर है और तस्करी के मामलों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की योजना बना रहा है।

तस्कर की गिरफ्तारी और कार्रवाई

गिरफ्तार तस्कर शम्सुद्दीन गुढ़ियारी का निवासी है। वह फाफाडीह में एक दुकान का मालिक है। तस्कर लंबे समय से फरार था, लेकिन अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। वन विभाग ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है, ताकि तस्करी के नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों का भी पता चल सके। रायपुर वनमंडल के गिरीश रंजक, ललित साहू सहित और अधिकारी कर्मचारियों का योगदान था।

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