IT Raid in CG: रायपुर-धमतरी में IT की रेड, सराफा कारोबारियों ने सरेंडर किए 15 करोड़ रुपए
IT Raid in CG: राजधानी रायपुर के सदर बाजार स्थित ए.एम ज्वेलर्स और धमतरी में इतवारी बाजार स्थित श्री सेठिया ज्वेलर्स के ठिकानों पर दो दिनों तक चली आयकर विभाग की छापेमारी।
IT Raid in CG: सराफा कारोबारियों ने गड़बडी़ पकड़े जाने के बाद टैक्स चोरी स्वीकार करते हुए बुधवार को 15 करोड़ रुपए आयकर विभाग को सरेंडर कर दिए। दूसरे दिन रायपुर के सदर बाजार और धमतरी के ईतवारी बाजार स्थित उनके शोरूम में तलाशी के दौरान बरामद दस्तावेजों और इलेक्ट्रानिक डिवाइस का बैकअप लिया गया है। इसमें लेनदेन के पेपर्स, कंप्यूटर, लैपटॉप और डिवाइस शामिल हैं।
IT Raid in CG: सराफा कारोबारियों से पूछताछ
उक्त सभी की जांच करने के बाद टैक्स का निर्धारित किया जाएगा। बता दें कि टैक्स चोरी करने की शिकायत मिलने पर आयकर विभाग की 30 सदस्यीय टीम ने रायपुर और धमतरी स्थित सराफा कारोबारियों के शोरूम में 4 फरवरी को सर्वे शुरू किया था। इस दौरान लगातार लेनदेन, आय से अधिक खर्च करने और स्टॉक में गड़बड़ी मिली थी। इसके संबंध में पूछताछ कर सराफा कारोबारियों से पूछताछ कर बयान लिया गया था।
सराफा कारोबारी अपनी अघोषित आय को छिपाने के लिए अधिकांश काम कच्चे में करते थे। तलाशी के दौरान रायपुर के सराफा कारोबारी के प्रतिष्ठान से 12 किलो और धमतरी के कारोबारी के प्रतिष्ठान से 6 किलो निर्धारित स्टॉक से ज्यादा मिला था। सर्वे के दौरान लेन-देन में गड़बडी़ के साथ ही कच्चे में लेनदेन और अकाउंट बुक्स से बाहर किए गए निवेश की जानकारी मिली। इस संबंध में पूछताछ करने पर संतोषजनक जवाब नहीं देने पर 15 फरवरी तक 4.50 करोड़ रुपए एडवांस टैक्स जमा करने का निर्देश दिया है।
यह भी पढ़ें: IT Raid in CG: 200 आयकर अफसरों ने रायपुर में मारा छापा, घर और ऑफिसों में दी दबिश, चल रही जांच
छोटे कारोबारियों के साथ ग्राहकों को उधार
आयकर विभाग को तलाशी के दौरान छत्तीसगढ़ और ओडिशा के छोटे कारोबारियों को कैश के साथ उधार में कारोबार करने के दस्तावेज मिले। इस आय को छिपाने के लिए अलग के हिसाब किया जाता था। सर्वे के दौरान बड़ी संख्या में प्रॉमिसरी नोट्स भी जब्त किए गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह प्रतिष्ठान अवैध रूप से गिरवी रखे गए गहनों के बदले नकद उधार देने का कारोबार किया जा रहा था।
प्रापर्टी में निवेश करने के इनपुट मिले
IT Raid in CG: इसे अकाउंट बुक्स से बाहर रखा गया था। इससे अर्जित आय को प्रापर्टी में निवेश करने के इनपुट मिले हैं। इसे जांच के दायरे में लिया गया है। बता दें कि सर्वे की यह कार्रवाई मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआईटी) प्रदीप हेडाउ के निर्देश पर संयुक्त आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयुक्त राहुल मिश्रा के नेतृत्व में की गई।
What's Your Reaction?


