NEET PG 2025: मेडिकल पीजी प्रवेश प्रक्रिया रद्द, HC ने दिए री-काउंसलिंग के आदेश

NEET PG 2025: काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान पता चला कि कई अपात्र उम्मीदवारों को गलत तरीके से सेवारत श्रेणी में शामिल कर लिया गया। जिसको लेकर हाईकोर्ट ने प्रवेश की पूरी प्रक्रिया निरस्त करने के आदेश जारी किया।

Feb 28, 2025 - 09:48
 0  5
NEET PG 2025: मेडिकल पीजी प्रवेश प्रक्रिया रद्द, HC ने दिए री-काउंसलिंग के आदेश

NEET PG 2025: प्रदेश में मेडिकल स्नातकोत्तर (पीजी) में प्रवेश की पूरी प्रक्रिया को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश जारी किया है। प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर पीजी में नये सिरे से प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने और इसका लाभ सभी सबंधित उम्मीदवारों को देने का आदेश दिया है।

NEET PG 2025: तीन वर्षों की सेवा पूरी करना अनिवार्य

याचिकाकर्ता डा. यशवंत राव और डा.पी.राजशेखर ने याचिका दायर कर बताया था कि वे सेवारत डाक्टर हैं और उन्होंने 2024 की प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल की है। नियमों के अनुसार, सेवारत श्रेणी के तहत पात्रता के लिए उम्मीदवार को 31 जनवरी 2024 तक कम से कम तीन वर्षों की सेवा पूरी करनी अनिवार्य है। हालांकि, काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान पता चला कि कई अपात्र उम्मीदवारों को गलत तरीके से सेवारत श्रेणी में शामिल कर लिया गया।

यह भी पढ़ें: CG Medical College: PSM विभाग के डॉक्टर PG छात्रों को देते है फेल कर देने की धमकी, स्टूडेंट्स ने लगाए कई गंभीर आरोप

हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी

याचिका में आरोप लगाया गया कि अधिकारियों ने सेवा अवधि की गणना कट ऑफ तारीख के बाद तक बढ़ा दी। इससे ऐसे उम्मीदवारों को भी सेवारत श्रेणी में शामिल कर लिया गया, जो इस श्रेणी में आने के पात्र नहीं थे। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी।

इस मामले में राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष स्वीकार किया था कि शिकायत प्रथम दृष्टया सही प्रतीत हो रही है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि तत्काल पूरे मामले में शपथपत्र प्रस्तुत करें और याचिकाकर्ताओं को उसकी प्रति उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे उचित प्रत्युत्तर दाखिल कर सकें।

सीट आवंटन में गड़बड़ी

NEET PG 2025: याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा, जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई। प्रारंभिक सुनवाई में ही कोर्ट ने पाया कि निजी उम्मीदवार को कट ऑफ तारीख के बाद सीट आवंटित की गई, जो नियमों का उल्लंघन है। कोर्ट ने स्ट्रे राउंड काउंसलिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी और यह स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि समान स्थिति वाले सभी उम्मीदवारों पर लागू होगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

PoliceDost Police and Public Relations