तेलंगाना सीमा पर बसे पामेड़ गांव के लिए 30 साल बाद चली बस, नक्सलियों की टूटी कमर
पामेड़ गांव पहले जिला मुख्यालय से सीधे जुड़ा नहीं था। अब पहली बार सड़क मार्ग से पहुंच योग्य हो गया है। पहले इस गांव तक पहुंचने के लिए तेलंगाना के रास्ते लगभग 200 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता था। अब दूरी घटकर 100 किमी रह गई है।
पामेड़ गांव पहले जिला मुख्यालय से सीधे जुड़ा नहीं था। अब पहली बार सड़क मार्ग से पहुंच योग्य हो गया है। पहले इस गांव तक पहुंचने के लिए तेलंगाना के रास्ते लगभग 200 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता था। अब दूरी घटकर 100 किमी रह गई है। What's Your Reaction?


