कांकेर में आंगनबाड़ी कर्मियों का नियमितीकरण को लेकर प्रदर्शन:21 हजार मासिक वेतन और पेंशन की मांग; अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

कांकेर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने एकदिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने महिला बाल विकास विभाग के केंद्रीय व राज्य मंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष जयश्री राजपूत ने बताया कि वर्तमान में कार्यकर्ता मात्र 10 हजार रुपए मानदेय पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष कल्पना चांद ने कहा कि देश के 27 लाख और छत्तीसगढ़ के 1 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यह स्थिति आईसीडीएस योजना के 50 वर्ष पूरे होने के बाद भी बनी हुई है। कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें हैं: - कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा - कार्यकर्ताओं को 21 हजार रुपये मासिक वेतन - सहायिकाओं को वेतन का 85 प्रतिशत - सेवानिवृत्ति पर पेंशन, ग्रेच्युटी और समूह बीमा की सुविधा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि मार्च 2025 के बजट में इन मांगों को नहीं माना गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इससे होने वाली किसी भी परेशानी की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

Mar 10, 2025 - 15:49
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कांकेर में आंगनबाड़ी कर्मियों का नियमितीकरण को लेकर प्रदर्शन:21 हजार मासिक वेतन और पेंशन की मांग; अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
कांकेर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने एकदिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने महिला बाल विकास विभाग के केंद्रीय व राज्य मंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष जयश्री राजपूत ने बताया कि वर्तमान में कार्यकर्ता मात्र 10 हजार रुपए मानदेय पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष कल्पना चांद ने कहा कि देश के 27 लाख और छत्तीसगढ़ के 1 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यह स्थिति आईसीडीएस योजना के 50 वर्ष पूरे होने के बाद भी बनी हुई है। कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें हैं: - कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा - कार्यकर्ताओं को 21 हजार रुपये मासिक वेतन - सहायिकाओं को वेतन का 85 प्रतिशत - सेवानिवृत्ति पर पेंशन, ग्रेच्युटी और समूह बीमा की सुविधा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि मार्च 2025 के बजट में इन मांगों को नहीं माना गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इससे होने वाली किसी भी परेशानी की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

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