Karpoor Chandra Kulish: हिंदी पत्रकारिता में कुलिशजी का योगदान अविस्मरणीय, वक्ताओं ने बताया निर्भीक पत्रकारिता की मिसाल

Karpur Chandra Kulish: छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पूर्व आइएएस अधिकारी और साहित्यकार डॉ.सुशील त्रिवेदी ने कहा कि पत्रकारिता में छत्तीसगढ़ का विशेष स्थान रहा है।

Mar 21, 2025 - 10:03
 0  6
Karpoor Chandra Kulish: हिंदी पत्रकारिता में कुलिशजी का योगदान अविस्मरणीय, वक्ताओं ने बताया निर्भीक पत्रकारिता की मिसाल

Karpoor Chandra Kulish: पत्रकारिता के पुरोधा और पत्रिका समूह के संस्थापक कर्पूर चन्द्र कुलिश के जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत में गुरुवार को यहां कुलिश स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पूर्व आइएएस अधिकारी और साहित्यकार डॉ.सुशील त्रिवेदी ने कहा कि पत्रकारिता में छत्तीसगढ़ का विशेष स्थान रहा है।

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ की बेटी ने किलिमंजारो पर्वत पर फहराया तिरंगा, पत्रिका और CM का जताया आभार, देखें VIDEO

जो काम छत्तीसगढ़ में माधवराव सप्रे ने किया, वही कार्य कुलिशजी ने राजस्थान में किया। कुलिशजी भारतीय पत्रकारिता के लिए आदर्श हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रमुख लोकायुक्त इंदरसिंह ओबेवेजा ने हिंदी की स्तिथि पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में आज भी हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने में संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में हिंदी पत्रकारिता में कुलिशजी का योगदान अविस्मरणीय है।

पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा, कि कुलिशजी निर्भीक पत्रकारिता की मिसाल थे। व्यंग्यकार गिरीश पंकज ने कहा, कुलिशजी ने पत्रकारिता और साहित्य की पीढ़ी को बहुत कुछ दिया है। आज राष्ट्रीय एकता में अगर हिंदी की भूमिका है तो इसका श्रेय कहीं न कहीं कुलिशजी को भी जाता है।

कार्यक्रम में इतिहासकार एवं शंकरा विवि के पूर्व कुलपति प्रो. लक्ष्मीशंकर निगम, छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान के कोषाध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ल, महासचिव सुधीर शर्मा सहित भिलाई, दुर्ग व आसपास के अंचल के साहित्यकार शामिल हुए।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow