CG News: PG छात्रों को मेडिकल काउंसिल में कराना होगा पंजीयन, तभी कर सकेंगे 3 साल पढ़ाई
CG News: एमबीबीएस का साढ़े चार साल कोर्स होता है। एक साल इंटर्नशिप करने व दो साल की ग्रामीण सेवा करने के बाद छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन होता है।
CG News: मेडिकल कॉलेजों के पोस्ट ग्रेजुएशन यानी एमडी-एमएस कोर्स में एडमिशन के लिए छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन अनिवार्य है। डीएमई कार्यालय ने पहले ही इस नियम का सख्ती से पालन करने को कहा था, लेकिन कॉलेजों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि अब नेहरू मेडिकल कॉलेज के डीन को यह आदेश जारी करना पड़ा है। उन्होंने सभी एचओडी से कहा कि पीजी की पढ़ाई कर रहे छात्रों का सीजीएमसी में पंजीयन जरूरी है।
CG News: एडमिशन के लिए नीट पीजी
जिन्होंने पंजीयन नहीं कराया है, उन्हें एक माह की मोहलत दी गई है। पंजीयन की कॉपी डीन कार्यालय में जमा करने को भी कहा गया है। दो साल पहले डीएमई कार्यालय ने सभी मेडिकल कॉलेजों को पत्र लिखकर पीजी में एडमिशन के लिए सीजीएमएसी में पंजीयन अनिवार्य किया था। यही नहीं, जिन छात्रों का काउंसिल में पंजीयन नहीं हुआ था, उन्हें कॉलेज में प्रवेश नहीं देने को कहा था।
शुक्रवार को जारी पत्र में डीन डॉ. विवेक चौधरी ने कहा है कि सभी छात्र काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवा लें। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जा सकती है। डीएमई के आदेश के अनुसार, छात्रों को एमबीबीएस के आधार पर पंजीयन करवाना था। प्रदेश के 6 सरकारी व 2 निजी मेडिकल कॉलेजों में पीजी की 502 सीटें हैं। इन सीटों पर एडमिशन के लिए नीट पीजी जून में होने वाली है।
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छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन
ऑल इंडिया कोटे में प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों के छात्र भी होते हैं। ये छात्र पीजी में एडमिशन के लिए पात्र होते हैं। अब दस्तावेज सत्यापन के दौरान काउंसिल में पंजीयन भी देखा जाएगा। काउंसिल पंजीयन कराने वाले छात्रों को रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करता है। इसके बाद प्रैक्टिस और नौकरी कर सकते हैं। प्रदेश में नेहरू मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा 150 पीजी की सीटें हैं।
तीन निजी कॉलेजों में 170 से ज्यादा सीटें हैं। क्लीनिकल व नॉन क्लीनिकल सीटों पर एडमिशन होता है। ज्यादातर छात्र क्लीनिकल सीटों पर एडमिशन लेते हैं, क्योंकि इसमें प्रैक्टिस का स्कोप ज्यादा होता है। प्रवेश सत्र 2024-25, 2023-24 एवं 2022-23 में प्रवेशित ऐसे पीजी छात्र-छात्राएं जिनका छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन है।
वे प्रमाणपत्र की छायाप्रति डीन कार्यालय में जमा करें। तीनों बैच के ऐसे पीजी छात्र-छात्राएं, जिनका काउंसिल में पंजीयन नहीं है, वे अनिवार्य रूप से एक माह के भीतर पंजीयन करवाएं। ऐसा नहीं करने पर छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में प्रैक्टिस व पढ़ाई के लिए पंजीयन जरूरी
CG News: एमबीबीएस का साढ़े चार साल कोर्स होता है। एक साल इंटर्नशिप करने व दो साल की ग्रामीण सेवा करने के बाद छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन होता है। इसके बाद छात्र प्रैक्टिस करने के लिए पात्र हो जाते हैं। हालांकि बांड में जाने के पहले अस्थायी पंजीयन का भी नियम है।
दो साल की सेवा पूरी करने के बाद स्थायी पंजीयन हो जाता है। अगर छत्तीसगढ़ में प्रैक्टिस करना है तो काउंसिल में पंजीयन अनिवार्य है। चूंकि पीजी वही छात्र कर सकता है, जिसके पास एमबीबीएस की डिग्री हो। ऐसे छात्र नीट पीजी में शामिल होते हैं और क्वालिफाइड होने पर एडमिशन के लिए पात्र होते हैं।
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