शिक्षकों को 50 घंटे का वार्षिक प्रशिक्षण अनिवार्य, CBSE ने एसटीईएम शिक्षा पर दिया जोर..
CG News: रायपुर में सीबीएसई ने शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एसटीईएम शिक्षा पर जोर दिया और शिक्षकों के लिए न्यूनतम 50 घंटे का वार्षिक प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया है।
CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में सीबीएसई ने शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एसटीईएम शिक्षा पर जोर दिया और शिक्षकों के लिए न्यूनतम 50 घंटे का वार्षिक प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षण सुधार के लिए सीबीएसई ने यह कदम उठाया है।
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CG News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने की पहल
यह प्रशिक्षण समान रूप से विभाजित किया जाएगा, जिसमें 25 घंटे सीबीएसई या सरकारी संस्थानों के माध्यम से और 25 घंटे इन हाउस या स्कूल कॉप्लेक्स कार्यक्रमों के माध्यम से दिया जाएगा। सीबीएसई के स्कूलों में लाखों शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक प्रशिक्षण हस्तक्षेप ढांचा और समाधान टीआईएफएस भी विकसित कर रहा है। इसमें विशेष रूप से कक्षा 1 से 10 के शिक्षकों के लिए एसटीईएम शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।
सीबीएसई प्रशिक्षण कार्यक्रम
अनिवार्य प्रशिक्षण: प्रत्येक शिक्षक को न्यूनतम 50 घंटे का वार्षिक प्रशिक्षण।
एसटीईएम फोकस
व्यापक पहुंच: कार्यक्रम का उद्देश्य सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में बड़ी संया में शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है। गुणवत्ता पर ध्यान, प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षण पद्धतियों में सुधार और शिक्षक दक्षताओं को बढ़ाना है। निशुल्क एआई प्रशिक्षण: सीबीएसई कक्षा 8-12 के छात्रों को एआई कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए निशुल्क एआई प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
क्या है एसटीईएम
एसटीईएम शिक्षा का मतलब है विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्रों में शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना, जो छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना है। बोर्ड ने इस संबंध में स्कूलों को भी स्टैम आधारित गतिविधियों को अपनाने का सुझाव भी दिया है।
सीबीएसई के अनुसार दुनिया तेजी से विकसित हो रही है, जहां तकनीकी प्रगति और वैज्ञानिक नवाचार भविष्य को आकार दे रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी स्टैम शिक्षा को महत्व देती है जो एक प्रगतिशील और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में सहायक है।
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