Ladder of success: पगडंडियों से पंख तक, मेरिट में चमकी 5 ग्रामीण बेटियां

कभी नक्सलियों की धमक (Naxal threat ) से सहमी गलियां, आज उन बच्चियों की कामयाबी की कहानियां (telling the success stories ) सुना रही हैं, जिन्होंने किताबों को हथियार बनाया और सपनों को मुकाम (books their weapons and realised their dreams ) तक पहुंचाया। राज्य के प्रयास शासकीय आवासीय विद्यालय की 5 छात्राओं ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं बोर्ड परीक्षा में टॉप-10 में स्थान बनाकर इतिहास रच दिया है।

May 10, 2025 - 08:45
 0  4
Ladder of success: पगडंडियों से पंख तक, मेरिट में चमकी 5 ग्रामीण बेटियां

नक्सल और अत्यंत बीहड़ इलाकों से

यह पहला अवसर है जब इस स्कूल की पांच छात्राएं मेरिट सूची में शामिल हुई हैं और वह भी ऐसी छात्राएं, जो नक्सल और अत्यंत बीहड़ इलाकों से आती हैं। इन बालिकाओं ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और नियमित अध्ययन को दिया है। अधिकतर छात्राएं प्रतिदिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई करती थीं और रिविजन पर विशेष ध्यान देती थीं। विद्यालय प्रबंधन ने सभी छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न सिर्फ विद्यालय, बल्कि समूचे प्रयास शिक्षा मॉडल की सफलता का प्रतीक है।

इन छात्राओं ने टॉप-10 में पाया स्थान

  • खुशबू सेन (ग्राम इटार, जिला खैरागढ़) — 588 अंक / 98त्न, 8वां स्थान
  • महक चंद्रवंशी (ग्राम झिटिया, जिला मोहला-मानपुर) — 587 अंक / 97.83त्न, 9वां स्थान
    अंजली साहू (ग्राम टेमरी, जिला महासमुंद) — 586 अंक / 97.67त्न, 10वां स्थान
    नेहा चक्रधारी (ग्राम झलय, जिला महासमुंद) — 586 अंक / 97.67त्न, 10वां स्थान
    काव्या वर्मा (ग्राम भैंसातरा, जिला राजनांदगांव) — 586 अंक / 97.67त्न, 10वां स्थान

पिछले वर्षों की मेरिट सूची में शामिल छात्राएं

2023-24- बॉबी मिंज —10वां स्थान
2022-23- चित्रांशी साहू — छठवां स्थान
2022-23- चांदनी पटेल — 10वां स्थान
2019-20- धारिणी गौर — 7वां स्थान
2018-19- दीपिका लकड़ा — 10वां स्थान

संघर्ष से सफलता की ओर

प्रयास स्कूल में खासतौर पर उन छात्राओं को दाखिला दिया जाता है जो नक्सल प्रभावित, दूरस्थ और सामाजिक रूप से वंचित क्षेत्रों से आती हैं। सीमित संसाधनों और चुनौतियों के बीच ये बेटियां अपने शिक्षक-प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में हर बाधा को पीछे छोड़ते हुए बोर्ड परीक्षा में प्रदेशभर में चमकीं।

सिर्फ अंक नहीं, संदेश भी दिया

इन छात्राओं की सफलता इस बात का संदेश है कि अगर मंच मिले, तो ग्रामीण और संघर्षशील परिवेश से आने वाली बेटियां भी प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दिशा दे सकती हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow