NIT Raipur: देशभर में NIT रायपुर को मिला AI पर काम करने का प्रोजेक्ट, बीमारी से बचने के बताएगा उपाय

NIT Raipur: सलेक्टेड 8 प्रोजेक्ट में देशभर के एनआईटी में रायपुर का एनआईटी इकलौता है जिसका प्रोजेक्ट सलेक्ट हुआ। इस पहल का उद्देश्य एआई प्रौद्योगिकियों के विकास, परिनियोजन और अपनाने को आगे बढ़ाना है।

May 24, 2025 - 09:49
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NIT Raipur: देशभर में NIT रायपुर को मिला AI पर काम करने का प्रोजेक्ट, बीमारी से बचने के बताएगा उपाय

NIT Raipur: एनआईटी रायपुर में एक ऐसा एआई मॉडल डेवलप किया जा रहा है जो लोगों को पहले ही बीमारियों के बारे में सचेत कर देगा। साथ ही गलत इलाज को भी रोकेगा। यह एआई मॉडल बता देगा कि व्यक्ति को कैंसर, हार्ट अटैक जैसी समस्या होनी वाली है, आपको इससे बचने के लिए क्या करना होगा?

NIT Raipur: रायपुर का एनआईटी इकलौता

प्रोजेक्ट स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में पूर्वाग्रह कम करने के लिए जिम्मेदार एआई के विकास पर काम कर रहे कप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के डॉ. प्रदीप सिंह ने बताया कि यह प्रोजेक्ट इंडिया एआई मिशन के तहत चयनित किया गया है। इसमें उन्हें 22,94,112 रुपए की फंडिंग भी दी गई है।

सलेक्टेड 8 प्रोजेक्ट में देशभर के एनआईटी में रायपुर का एनआईटी इकलौता है जिसका प्रोजेक्ट सलेक्ट हुआ। (NIT Raipur) परियोजना का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा में उपयोग करने वाले एआई एल्गोरिदम में प्रणालीगत पूर्वाग्रहों को दूर करना, चिकित्सा प्रौद्योगिकियों और निर्णय लेने के लिए समान और समावेशी पहुंच सुनिश्चित करना है। प्रोजेक्ट में डॉ बीके सिंह भी काम कर रहे हैं।

नहीं होगा गलत उपचार

नैतिक और जिमेदार एआई को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, इंडियाएआई ने इंडियाएआई मिशन के सुरक्षित और विश्वसनीय एआई स्तंभ के तहत आठ अत्याधुनिक परियोजनाओं का चयन किया है। परियोजनाओं को शुरुआत में जारी की गई रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) के जवाब में प्रस्तुत 2000 से अधिक प्रस्तावों में से चुना गया जिसमें एनआईटी का प्रोजेक्ट भी शामिल है।

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इस पहल का उद्देश्य एआई प्रौद्योगिकियों के विकास, परिनियोजन और अपनाने को आगे बढ़ाना है जो सुरक्षित, संरक्षित और भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई संदर्भ के साथ संरेखित हैं। एआई हेल्थकेयर टूल्स में पूर्वाग्रह के कारण गलत उपचार, असमान उपचार और कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों के लिए देखभाल की गुणवत्ता में कमी हो सकती है।

लेकिन डॉ प्रदीप सिंह की पहल से भारत की विविध आबादी के अनुरूप स्वदेशी पूर्वाग्रह का पता लगाने और उसे कम करने के ढांचे विकसित करने में मदद मिलेगी। जो सामाजिक-आर्थिक असमानताओं, क्षेत्रीय स्वास्थ्य भिन्नता और लिंग-आधारित उपचार अंतर जैसी प्रमुख चिंताओं को संबोधित करते हैं।

एस और प्राइवेट हॉस्पिटल से लेंगे डाटा

NIT Raipur: डॉ. प्रदीप सिंह ने बताया कि एआई मॉडल महिला, पुरुष के हिसाब से अलग-अलग सुझाव देगा। साथ ही व्यक्ति के रंग के आधार पर भी सही सुझाव देगा। मॉडल सभी तरह के पैरामीटर्स पर काम करेगा। जिससे किसी भी तरह के गलत इलाज से बचा जा सकेगा।

अभी जो एआई टूल्स हैं वे महिला-पुुरुष को जाने-समझे बिना सलाह देते हैं, लेकिन हम जो मॉडल तैयार कर रहे हैं वो सभी तरह के पैरामीटर से जांच करेगा। इसमें अभी डाटा भी लेंगे। इसमें हम एस और दूसरे प्राइवेट हॉस्पिटल से भी डाटा लेकर काम करेंगे।

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