CG News: अदा की अदायगी से बॉलीवुड में छाया रइपुर के गोलबाजार, छत्तीसगढ़ी गीतों को मिल रही राष्ट्रीय पहचान

CG News: छत्तीसगढ़ी फिल्म जीत्तु की दुल्हनिया का एक गीत है, जिसे कंचन जोशी और दुर्गेश साहू ने आवाज दी है। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर आते ही लाखों व्यू बटोर लिए और छत्तीसगढ़ी युवाओं में नई ऊर्जा का संचार कर दिया।

May 27, 2025 - 18:16
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CG News: अदा की अदायगी से बॉलीवुड में छाया रइपुर के गोलबाजार, छत्तीसगढ़ी गीतों को मिल रही राष्ट्रीय पहचान

CG News: @ताबीर हुसैन. एक ओर जहां छत्तीसगढ़ी गीतों में बढ़ती अश्लीलता को लेकर बहस जारी है, वहीं दूसरी ओर बॉलीवुड अदाकारा अदा शर्मा ने ‘रइपुर के गोलबाजार’ गीत में एक रील बनाकर देशभर में वायरल कर दिया है। छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति के लिए यह क्षण गौरवपूर्ण है, जब बड़े फिल्मी सितारे लोकगीतों को अपने अंदाज में प्रस्तुत कर रहे हैं और उसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रहे हैं।

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अदा शर्मा ने जिस गाने पर रील बनाई, वह छत्तीसगढ़ी फिल्म जीत्तु की दुल्हनिया का एक गीत है, जिसे कंचन जोशी और दुर्गेश साहू ने आवाज दी है। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर आते ही लाखों व्यू बटोर लिए और छत्तीसगढ़ी युवाओं में नई ऊर्जा का संचार कर दिया। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ी गीत को इस तरह नेशनल प्लेटफॉर्म पर पहचान मिली हो।

इससे पहले टीवी और वेब की लोकप्रिय अदाकारा निया शर्मा ने ‘मोर छैंया भुईंया का टूरी आइसक्रीम खाके फरार होगे’ गाने पर थिरकते हुए वीडियो बनाया था, जिसे लाखों लोगों ने पसंद किया। वहीं अफ्रीकी इन्लुएंसर्स ने भी %मोहिनी खवाके जोड़ी… और बस्तरिहा जैसे लोकगीतों पर रील बनाकर इन्हें ग्लोबल पहचान दिलाई। इस गीत की अभिनेत्री शालिनी विश्वकर्मा ने बताया, मैंने उन्हें कमेंट बॉक्स में रील बनाने का निवेदन किया था। मुझे यकीन नहीं था कि वे रील बना देंगी। उन्होंने हमारा मान रखा।

फिल्मी गीतों से ज्यादा व्यू

छत्तीसगढ़ी एल्बम के कई गानों को ब्लॉकबस्टर हिंदी फिल्मों के गानों से ज्यादा व्यू मिले हैं। इस बारे में छत्तीसगढ़ी सिनेमा के वरिष्ठ निर्देशक सतीश जैन बताते हैं एल्बम गानों में एक पूरी कहानी होती है, हर फ्रेम में भाव होता है। जब फिल्म का गाना रिलीज होता है, तो उसे ट्रेलर की तरह आधा-अधूरा ही दिखाया जाता है। एल्बम में न केवल कलाकार बल्कि गायक भी अपनी पूरी भाव-भंगिमा के साथ दिखते हैं। शायद यही कारण है कि एल्बम गाने ज्यादा बार देखे और शेयर किए जाते हैं।

छत्तीसगढ़ी लोकगीतों से मिली नई पहचान

कुछ साल पहले तक जिन लोकगीतों को सीमित क्षेत्रीय दायरे में सुना जाता था, अब वे सोशल मीडिया के जरिये देश-दुनिया में छा रहे हैं। मीर अली मीर द्वारा लिखित %नंदा जाही का रे…%, जितेश्वरी सिन्हा का %झूम लेबो बस्तरिहा%, भरथरी लोकगीत, मोनिका वर्मा का ‘मोहिनी खवाके’ और चंदनदीप का ‘सोन के नथनी’ जैसे गीतों को मिलियंस में व्यू मिल चुके हैं। यह दर्शाता है कि क्षेत्रीय भाषाओं में वह ताकत है जो जनमानस से सीधा जुड़ाव बना सके।

संस्कृति-ग्लैमर का मेल

आज जब पूरे देश में रीजनल गानों की लोकप्रियता बढ़ रही है, छत्तीसगढ़ भी इस लहर में पीछे नहीं है। बॉलीवुड का यह छत्तीसगढ़ी प्रेम ना सिर्फ राज्य की सांस्कृतिक विरासत को समान दिला रहा है, बल्कि युवाओं को अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए भी प्रेरित कर रहा है। यह सिलसिला यूं ही जारी रहे, तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ी गीत और भी ऊंचाइयों को छू सकते हैं।

उत्तम तिवारी, निर्देशक और गीतकार

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