बिलासपुर में पूर्व सरपंच ने किया करोड़ों का गबन:सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर किश्तों में निकाली राशि, बिना बिल-व्हाउचर के कराया निर्माण कार्य, FIR की मांग
बिलासपुर में जनपद पंचायत बिल्हा के ग्राम पंचायत ढेका में पूर्व सरपंच ने करोड़ों की राशि गबन कर ली। सचिव का आरोप है कि उसकी जानकारी के बिना फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर कर विभिन्न मद के पैसे किश्तों में निकाली गई। साथ ही बिना बिल-व्हाउचर के निर्माण कार्य कराया गया। सचिव ने पूर्व सरपंच दिनेश मौर्य पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए शिकायत कर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। पंचायत के सचिव सचिन कुमार कौशिक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शिकायत कर बताया कि चुनाव से पहले और बाद में उसने सरपंच से जानकारी मांगी थी, जिस पर वो टालमटोल करता रहा। उसका आरोप है कि 22 जनवरी 2022 से वो सचिव पद पर कार्यरत है। लेकिन, सरपंच दिनेश मौर्य और उसके मित्र ने उसे पंचायत के अभिलेखों को देखने तक नहीं दिया। 15 वें वित्त आयोग की राशि का आहरण उसके फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए किया गया है। उसने बताया कि उसकी डिजिटल आईडी को छिनकर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर उसके मोबाइल नंबर को बदलकर दिनेश मौर्य ने अपने मोबाइल नंबर पर पंजीकृत करा लिया। ताकि ऑनलाइन डिजिटल हस्ताक्षर कर वो राशि का आहरण कर सके। फर्जी हस्ताक्षर कर पोटर्ल को किया अनरजिस्टर्ड
सचिव का यह भी आरोप है कि 19 जून 2024 को पूर्व सरपंच दिनेश मौर्य ने उसकी डिजिटल आईडी ई-ग्राम स्वराज पोर्टल से अनरजिस्टर्ड करने के लिए उसका फर्जी हस्ताक्षर कर आवेदन पत्र जनपद पंचायत कार्यालय में जमा किया था। इसकी जानकारी उसे तब हुई, जब उसने 13 मई 2025 को जानकारी जुटाई। इसी दौरान उसे पता चला कि उसके डिजिटल आईडी को पूर्व सरपंच अपने मोबाइल के जरिए ऑपरेट कर रहा था। ताकि, रकम की हेराफेरी की जानकारी उसे न हो सके। फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक में लगाया चेक
सचिव का आरोप है कि विभिन्न मदों और निर्माण कार्यों के भुगतान के लिए पूर्व सरपंच ने चेक में उसका फर्जी हस्ताक्षर बैंक में लगाया है। जिससे लाखों रुपए का भुगतान भी करा लिया। वहीं, कई भुगतान बिना बिल, व्हाउचर, सत्यापन के बिना ही करा लिया। सचिव ने आरोप लगाया है कि पंचायत में करोड़ों रुपए के कार्यों के नाम पर इस तरह से फर्जीवाड़ा किया गया है, जिसकी जांच कर दोषी पूर्व सरपंच से रिकवरी करने और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। सरपंच ने कहा- सचिव ही रखता है पंचायत का हिसाब इधर, सचिव के आरोपों पर पूर्व सरपंच दिनेश मौर्य ने कहा कि पंचायत का पूरा लेखाजोखा सचिव के पास रहता है, उसकी जानकारी के बिना कोई काम नहीं होता। पंचायत में किसी तरह की गड़बड़ी और अनियमितता नहीं हुई है। सभी आरोप गलत है। जांच के बाद होगी कार्रवाई जिला पंचायत CEO संदीप अग्रवाल ने कहा कि ग्राम पंचायत ढेका में अनियमितता की शिकायत मिली है। मामले में जनपद CEO को जांच करने कहा गया है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
बिलासपुर में जनपद पंचायत बिल्हा के ग्राम पंचायत ढेका में पूर्व सरपंच ने करोड़ों की राशि गबन कर ली। सचिव का आरोप है कि उसकी जानकारी के बिना फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर कर विभिन्न मद के पैसे किश्तों में निकाली गई। साथ ही बिना बिल-व्हाउचर के निर्माण कार्य कराया गया। सचिव ने पूर्व सरपंच दिनेश मौर्य पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए शिकायत कर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। पंचायत के सचिव सचिन कुमार कौशिक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शिकायत कर बताया कि चुनाव से पहले और बाद में उसने सरपंच से जानकारी मांगी थी, जिस पर वो टालमटोल करता रहा। उसका आरोप है कि 22 जनवरी 2022 से वो सचिव पद पर कार्यरत है। लेकिन, सरपंच दिनेश मौर्य और उसके मित्र ने उसे पंचायत के अभिलेखों को देखने तक नहीं दिया। 15 वें वित्त आयोग की राशि का आहरण उसके फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए किया गया है। उसने बताया कि उसकी डिजिटल आईडी को छिनकर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर उसके मोबाइल नंबर को बदलकर दिनेश मौर्य ने अपने मोबाइल नंबर पर पंजीकृत करा लिया। ताकि ऑनलाइन डिजिटल हस्ताक्षर कर वो राशि का आहरण कर सके। फर्जी हस्ताक्षर कर पोटर्ल को किया अनरजिस्टर्ड
सचिव का यह भी आरोप है कि 19 जून 2024 को पूर्व सरपंच दिनेश मौर्य ने उसकी डिजिटल आईडी ई-ग्राम स्वराज पोर्टल से अनरजिस्टर्ड करने के लिए उसका फर्जी हस्ताक्षर कर आवेदन पत्र जनपद पंचायत कार्यालय में जमा किया था। इसकी जानकारी उसे तब हुई, जब उसने 13 मई 2025 को जानकारी जुटाई। इसी दौरान उसे पता चला कि उसके डिजिटल आईडी को पूर्व सरपंच अपने मोबाइल के जरिए ऑपरेट कर रहा था। ताकि, रकम की हेराफेरी की जानकारी उसे न हो सके। फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक में लगाया चेक
सचिव का आरोप है कि विभिन्न मदों और निर्माण कार्यों के भुगतान के लिए पूर्व सरपंच ने चेक में उसका फर्जी हस्ताक्षर बैंक में लगाया है। जिससे लाखों रुपए का भुगतान भी करा लिया। वहीं, कई भुगतान बिना बिल, व्हाउचर, सत्यापन के बिना ही करा लिया। सचिव ने आरोप लगाया है कि पंचायत में करोड़ों रुपए के कार्यों के नाम पर इस तरह से फर्जीवाड़ा किया गया है, जिसकी जांच कर दोषी पूर्व सरपंच से रिकवरी करने और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। सरपंच ने कहा- सचिव ही रखता है पंचायत का हिसाब इधर, सचिव के आरोपों पर पूर्व सरपंच दिनेश मौर्य ने कहा कि पंचायत का पूरा लेखाजोखा सचिव के पास रहता है, उसकी जानकारी के बिना कोई काम नहीं होता। पंचायत में किसी तरह की गड़बड़ी और अनियमितता नहीं हुई है। सभी आरोप गलत है। जांच के बाद होगी कार्रवाई जिला पंचायत CEO संदीप अग्रवाल ने कहा कि ग्राम पंचायत ढेका में अनियमितता की शिकायत मिली है। मामले में जनपद CEO को जांच करने कहा गया है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।