रेडियो कॉलर खरीद में ढिलाई, 55 लाख के बावजूद बाघों को लग रहे उधार के कॉलर..
CG News: रायपुर में वन विभाग उधार के रेडियो कॉलर से रेसक्यू के बाद जंगल में छोडे़ गए बाघों की मॉनिटरिंग कर रहा है। इसके नहीं होने के कारण मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों से मंगवाया गया था।
CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में वन विभाग उधार के रेडियो कॉलर से रेसक्यू के बाद जंगल में छोडे़ गए बाघों की मॉनिटरिंग कर रहा है। इसके नहीं होने के कारण मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों से मंगवाया गया था। जिसका भुगतान बाद में विभाग की ओर से किया गया। हालात यह है कि इस समय वन विभाग के पास रेडियो कॉलर नहीं है। इसे देखते हुए खरीदी के लिए 55 लाख रुपए जारी किए गए हैं। इसकी आपूर्ति होते ही बाघों को लगाया जाएगा।
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CG News: बाघों के लिए कॉलर खरीदी में लापरवाही
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संरक्षित क्षेत्र से बाहर आने और घायल या फिर हिंसक होने पर रेसक्यू किया जाता है। साथ ही उपचार करने के बाद उसे जंगलों में छोड़ने के साथ ही रेडियो कॉलर के जरिए मॉनिटरिंग की जाती है। इसके नहीं होने पर भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून, एएंडएस क्रियेशन नई दिल्ली और मध्यप्रदेश से उधार लिया गया था। इसमें से 2 नग रेडियो कॉलर का भुगतान भारतीय वन्यजीव संस्थान को कर दिया गया है।
खरीदी की प्रक्रिया
राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में रेडियो कॉलर खरीदी के लिए 55 लाख रुपए जंगल सफारी को जारी किया गया था। लेकिन, तकनीकी कारणों के चलते इसकी प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ी। इसे देखते हुए दूसरे राज्यों से रेडियो कॉलर लिया गया था। वहीं दोबारा नए सिरे से अप्रैल 2025 में इसकी खरीदी के लिए 55 लाख रुपए का आवंटन किया गया है। इसे मेसर्स एएंडएस क्रियेशन दिल्ली को भुगतान करने की कवायद चल रही है। बता दें कि अच्छी क्वॉलिटी का रेडियो कॉलर विदेशों से मंगवाया जाता है।
उधार के रेडियो कॉलर का उपयोग
पिछले वर्ष मनेंद्रगढ़ से एक घायल बाघिन का जंगल सफारी में उपचार कराने के बाद अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ने के पहले उधार के रेडियो कॉलर को लगाया गया। बताया जाता है कि एटीआर प्रबंधन द्वारा डब्लूआईआई, देहरादून की मदद से हासिल किया था। इसी तरह से कोरिया में विचरण कर रहे बाघिन को मध्यप्रदेश से लिए गए रेडियो कॉलर और बारनवापारा से रेस्क्यू किए गए बाघ उधार का रेडियो कॉलर लगाकर छोड़ा गया है।
पीसीसीएफ वन्यजीव प्रबंधन योजना एवं इको टूरिज्म प्रेम कुमार ने कहा की बाघ के लिए करीब 7 रेडियो कॉलर की खरीदी करने के लिए विभाग की ओर से 55 लाख रुपए जारी किया गया है। खरीदी के बाद जरूरत के अनुसार बाघों में इसे लगाया जाएगा। साथ ही जहां से रेडियो कॉलर लिए गए थे उन्हे वापस लौटाया जाएगा।
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