छत्तीसगढ़ में ‘मोदी की गारंटी’ को लेकर फेडरेशन का अल्टीमेटम, 16 जुलाई को आंदोलन
Modi Guarantee: छत्तीसगढ़ सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा करने में रुचि नहीं दिखाई तो 22 अगस्त को प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी सामूहिक अवकाश में रहकर राज्यव्यापी कलम बंद काम बंद हड़ताल करेंगे।
Modi Guarantee: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने राज्य शासन को मोदी की गारंटी लागू करने का नोटिस दिया है। फेडरेशन की बैठक में तय हुआ है कि प्रथम चरण में 16 जुलाई को राज्य के सभी ब्लॉक तथा जिलों में रैली निकालकर ‘मोदी की गारंटी’ लागू करने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
Modi Guarantee: फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय
बता दें कि फेडरेशन ने विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश के कर्मचारियों से किया गया मोदी की गारंटी का वादा छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पूरा नहीं करने के कारण चरणबद्ध आंदोलन किया था। वादाखिलाफी के विरुद्ध पुन: आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, बी पी शर्मा, राजेश चटर्जी, जी आर चंद्रा, चंद्रशेखर तिवारी, रोहित तिवारी,संजय सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रथम चरण में 16 जुलाई को राज्य के सभी ब्लॉक तथा जिला मुख्यालय में वादा निभाओ रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा।
यदि छत्तीसगढ़ सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा करने में रुचि नहीं दिखाई तो 22 अगस्त को प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी सामूहिक अवकाश में रहकर राज्यव्यापी कलम बंद काम बंद हड़ताल करेंगे। उन्होंने बताया कि यदि सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा नहीं किया तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेने पर बाध्य होगा।
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कर्मचारियों में आक्रोश का कारण
Modi Guarantee: फेडरेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी की घोषणा की गई थी। इसमें सरकार बनने पर प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान डीए, डीआर दिया जाएगा। लंबित डीए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित किया जाएगा। अनियमित, संविदा, दैनिक वेतनभोगी, अतिथि शिक्षक आदि संवर्ग का नियमितीकरण किया जाएगा।
प्रदेश के सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति दूर किया जाएगा। प्रदेश के लिपिकों, सहायक शिक्षकों एवं अन्य संवर्ग के लिए वेतन विसंगति दूर करने गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाएगा। मितानिनों, रसोईया एवं सफाई कर्मचारियों के मानदेय में 50 प्रतिशत वृद्धि की जाएगी सहित अन्य मुद्दों का वादा किया, लेकिन सरकार बनने के बाद क्रियान्वयन पर मौन धारण करना कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बना हुआ है।
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