बीजापुर में पहली बार लहराया तिरंगा, जश्न की सबसे खूबसूरत तस्वीरें जोश भर देंगी
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस स्वतंत्रता दिवस पर कई गांवों और बस्तियों में पहली बार शान से तिरंगा फहराया गया. यह इलाका दशकों से नक्सल हिंसा का गवाह रहा है. दशकों तक नक्सलवाद और हिंसा के साए में रहने वाले कई गांवों कोंडा पल्ली, जिद्पली, जीड पल्ली, वातेवागु, कोरा गुट्टा, गोरना, पीडिया, पुजारी कांकेर, गूंजे परती, भीमा राम, तोड़का, कोर चोली और गुटम पल्ली जैसे गांवों में देशभक्ति का माहौल देखने लायक था. जहां कभी गोलियों की गूंज सुनाई देती थी, वहां अब ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज रहे थे. इस बदलाव का श्रेय सुरक्षा बलों की सक्रियता, नक्सलियों के आत्मसमर्पण और विकास कार्यों को दिया जा रहा है. 2025 में अब तक 466 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 820 गिरफ्तार हुए हैं. प्रभावित इलाकों में 20 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं. कई गांवों में बिजली, मोबाइल नेटवर्क और स्कूल की घंटी पहली बार बजी. पूरे प्रदेश सहित बस्तर में भी स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया गया. (रिपोर्ट: रंजन दास)
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस स्वतंत्रता दिवस पर कई गांवों और बस्तियों में पहली बार शान से तिरंगा फहराया गया. यह इलाका दशकों से नक्सल हिंसा का गवाह रहा है. दशकों तक नक्सलवाद और हिंसा के साए में रहने वाले कई गांवों कोंडा पल्ली, जिद्पली, जीड पल्ली, वातेवागु, कोरा गुट्टा, गोरना, पीडिया, पुजारी कांकेर, गूंजे परती, भीमा राम, तोड़का, कोर चोली और गुटम पल्ली जैसे गांवों में देशभक्ति का माहौल देखने लायक था. जहां कभी गोलियों की गूंज सुनाई देती थी, वहां अब ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज रहे थे. इस बदलाव का श्रेय सुरक्षा बलों की सक्रियता, नक्सलियों के आत्मसमर्पण और विकास कार्यों को दिया जा रहा है. 2025 में अब तक 466 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 820 गिरफ्तार हुए हैं. प्रभावित इलाकों में 20 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं. कई गांवों में बिजली, मोबाइल नेटवर्क और स्कूल की घंटी पहली बार बजी. पूरे प्रदेश सहित बस्तर में भी स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया गया. (रिपोर्ट: रंजन दास)