छत्तीसगढ़ के इस गांव में शराब, जुआ व पॉलीथिन बैन, नियम का उल्लंघन करने पर देना होगा 50 हजार का जुर्माना, जानें वजह

CG News: बैठक में निर्णय लिया गया कि गांव में शराब, गांजा न तो बिकेगा और न ही कोई सार्वजनिक रूप से कहीं इसका सेवन करेगा। यही नहीं गांव में बिना किसी कारण रात 10 बजे के बाद कोई नहीं घूमेगा।

Aug 18, 2025 - 11:11
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छत्तीसगढ़ के इस गांव में शराब, जुआ व पॉलीथिन बैन, नियम का उल्लंघन करने पर देना होगा 50 हजार का जुर्माना, जानें वजह

CG News: गांव के लोगों ने नशाबंदी के लिए कदम उठाना प्रारंभ कर दिया है। नांदघाट तहसील क्षेत्र के दो ग्राम पंचायत व बेमेतरा ब्लॉक के दो ग्राम पंचायत में नशा, पॉलीथिन मुक्त करने व सट्टा-जुआ पर पूरी तरह रोक लगा दी है। सामूहिक पहल के चलते गांव में अब कोई नशे की हालत को दूर हो रहे हैं। वहीं पानी पाउच में भी पानी पीते भी नजर नहीं आते। ग्रामीणों की पहल से गांव में सकारात्मक बदलाव आया है।

नशे के खिलाफ गांवों में जन जागरण की स्थिति है। ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से साहसिक निर्णय लेते हुए नशे पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। यही नहीं नियमों का उल्लंघन करने पर 50 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान भी कर दिया है। इतना ही नहीं गांवों में पानी पाउच और डिस्पोजल बेचने और उपयोग पर शर्तों के साथ रोक लगा दी गई है। निर्णय लेने के बाद अर्थदंड लगाने का क्रम भी प्रारंभ हो चुका है।

बेमतरा विकासखंड और नांदघाट तहसील के खहरिया, मल्दा, केशला, धोबघट्टी और मगरघटा पंचायत में शराब, जुए और सट्टे पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इन पंचायतों में शराब बेचना, सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना, सट्टा चलाना, खेलना प्रतिबंधित है। कोई भी अगर इस तरह की गतिविधियों में पाया जाता है तो उस पर 50 हजार रुपए तक जुर्माना लगने लगा है। गांवों में पानी पाउच और डिस्पोजल का उपयोग भी शर्तों के साथ ही किया जा सकता है। सार्वजनिक रूप से कचरा फैलाने पर भी रोक है।

खम्हरिया में रात में बैठक भी नहीं होगी

खम्हरिया पंचायत के सरपंच रामदिल निषाद बताया कि आस-पास के गांवों में नशे पर पाबंदी की शुरुआत 2 महीने से हुई है। हम सब गांव के लोग अवैध शराब बिक्री और युवाओं में नशे की लत को लेकर परेशान हो गए थे। गांव में यह एक बड़ी समस्या बनती जा रही थी। इसे दूर करने कठोर निर्णय लेना आवश्यक हो गया था। उन्होंने पंचायत की बैठक बुलाई।

बैठक में निर्णय लिया गया कि गांव में शराब, गांजा न तो बिकेगा और न ही कोई सार्वजनिक रूप से कहीं इसका सेवन करेगा। यही नहीं गांव में बिना किसी कारण रात 10 बजे के बाद कोई नहीं घूमेगा। बैठक भी नहीं करेगा। अगर कोई पंचायत के निर्णय का उल्लंघन करता है तो उस 5 से 15 हजार तक जुर्माना लगाया जाएगा। पुलिस कार्रवाई भी हो सकेगी। दो महीने में उल्लंघन के 3 मामले भी आए थे, जिन पर जुर्माना भी लगाया और कड़ी चेतावनी भी दी गई है।

केशला वालों ने जुलाई में लिया निर्णय

केशला गांव में भी नशा मुक्ति को लेकर पहल की जा रही है। गांव में 27 जुलाई को निर्माण लेकर ग्राम मल्दा, मगरघटा व अन्य गांवों की तरह नशा करने पर पांबदी व अन्य रोक लगाई है। रोक लगाने के बाद से गांव में व्यापक बदलाव आया है। उपसरपंच मोती लाल साहू ने बताया कि गांव में नशे की वजह से माहौल खराब हो रहा था। सभी को बच्चों की भविष्य की चिंता था। ईश्वर साहू ने बताया कि पॉलीथिन पर भी रोक लगाकर पर्यावरण के लिए काम किया गया है। केशला में शराब-जुए-सट्टे पर भी पाबंदी लगाई गई है।

धोबघट्टी और मगरघटा तक व्यापक असर

नशा मुक्ति की शुरुआत ने कई गांवों को न सिर्फ प्रेरित किया बल्कि नशा मुक्ति का एक अभियान भी बना दिया। मल्दा पंचायत में लिए गए कड़े निर्णयों का व्यापक असर हो रहा है। गांव धोबघट्टी और मगरघटा में रोक लगा दी गई है। मगरधटा के सरंपच योगेश जांगडे़ ने बताया कि गांव में चार माह से पांबदी लगा दी गई है। इस दौरान शराब बेचने पर दो लोगों पर अर्थदंड लगा है। वहीं सार्वजनिक स्थान पर पीने पर दो लोगों से अर्थदंड लिया गया है। नए वित्तीय वर्ष से गांव में इसके लिए पहल हो रही है।

शराब तो शराब पाउच और डिस्पोजल पर भी रोक

मल्दा पंचायत के सरपंच मनोज साहू ने बताया कि क्षेत्र में मल्दा प्रमुख गांवों में से एक है। गांव की मान-मर्यादा और शिक्षा-दीक्षा की चर्चा भी अन्य गांवों में दशकों से होती रही है लेकिन मल्दा की छवि शराब और जुए से धूमिल होती जा रही थी। नदी, तालाबों, नालों और जमीनों को खराब कर रहा था। नशा, सट्टे, जुआ पर रोक लगाना बेहद आवश्यक हो गया था। लिहाजा पंचायत ने एक कड़ा फैसला लिया। पंचायत ने पांच बिन्दुओं पर निर्णय लेकर रोक लगाना तय किया है। रोक को नहीं मानने पर अधिकतम 25 हजार रुपए तक आर्थिक दंड लगाया जाएगा।

नशा मुक्ति के कदम उठाने वाले गांव

चिल्फी, मुरता, सोमईकला, सोमईखुर्द, आंनदगांव, बेलगांव, खाती, मगरघटा, केशला, मल्दा, खम्हरिया, धोबीभट्ठी।

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