CG News: एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई, अस्पतालों पर लटके ताले
CG News: नियमित टीकाकरण, स्कूल और आंगनबाड़ी स्वास्थ्य परीक्षण, साथ ही टीबी, मलेरिया, और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों के लिए दवाइयां भी उपलब्ध नहीं हैं।
CG News: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 900 से अधिक कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ऐसे में स्वास्थ्य से सबंधित शायद ही कोई ऐसा विभाग हो जहां इसका प्रभाव न पड़ा हो। लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण इलाके के मरीजों को उठाना पड़ रहा है। ग्रामीण इलाकों के कई स्वास्थ्य केंद्रों पर ताला जड़ा हुआ है।
ऐसे में इलाज के लिए मरीजों को एक जगह से दूसरे जगह जाना पड़ रहा है। यदि कोई गंभीर मामला होता है तो यह स्थिति और भी गंभीर बन जाएगी। पत्रिका ने ऐसे ही तारापुर के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उपस्वास्थ्य केंद्र और बड़े चकवा के सेंटरों की स्थिति जानी। यहां पहुंचने पर पता चला कि सभी कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं जिसकी वजह से इन सेंटरों पर ताला जड़ा हुआ है।
CG News: रैली निकालकर पहुंचे भाजपा कार्यालय, वादा दिलाया याद
हड़ताल के दौरान, एनएचएम कर्मचारियों ने रैली निकाली और जिला भाजपा कार्यालय में जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश पांडेय को मुख्यमंत्री के नाम मोदी की गारंटी का ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने याद दिलाया कि सरकार ने 100 दिनों में मांगें पूरी करने का वादा किया था, जो अब तक अधूरा है। इसके साथ ही, प्रशासनिक अधिकारियों को भी ज्ञापन सौंपा गया। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।
सरकार की अनदेखी का आरोप
छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष शकुन्तला जंघेल ने बताया कि कर्मचारियों ने कई बार मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, मेडिकल अवकाश और ग्रेड पे पर स्वीकृति के बावजूद आदेश जारी नहीं किए गए। कोविड-19 महामारी के दौरान भी हमने सुदूर क्षेत्रों में सेवाएं दीं, लेकिन सरकार हमारी मूलभूत सुविधाओं को अनदेखा कर रही है।’’
ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई
CG News: तारापुर के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उपस्वास्थ्य केंद्र और बड़े चकवा के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ताले लटके हुए हैं। मरीजों को इलाज तो छोड़िए दवाइयां तक नसीब नहीं हो रहीं है। वहीं नवजात शिशु वार्ड (एनआईसीयू), पोषण आहार केंद्र, शुगर और ब्लड टेस्ट, ट्रूनाट, सीबीनाट, बलगम टेस्ट, और नेत्र जांच जैसी सेवाएं भी ठप हैं। नियमित टीकाकरण, स्कूल और आंगनबाड़ी स्वास्थ्य परीक्षण, साथ ही टीबी, मलेरिया, और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों के लिए दवाइयां भी उपलब्ध नहीं हैं।
मेकाज और महारानी में सबसे ज्यादा एनआईसीयू प्रभावित
महारानी और मेकाज जैसे प्रमुख अस्पतालों में भी गायनिक और एनआईसीयू वार्ड सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सुदूर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कई अस्पताल बंद होने की कगार पर हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जब वे यहां इलाज के लिए पहुंच रहे हैं तो यहां भी कर्मचारियों की कमी से लोगों को काफी दिक्कत पेश आ रही है।
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