Crime News: नकली पनीर की फैक्ट्री वालों ने की गुंडागर्दी, खाद्य विभाग वाले नहीं पहुंचे, पुलिस ने की कार्रवाई
रायपुर. उरला की नकली पनीर फैक्ट्री के कर्मचारियों ने टिकरापारा इलाके के बस स्टैंड में जमकर गुंडागर्दी की। उनकी गाड़ी में बड़ी मात्रा में पनीर लोड था। इसकी सूचना फूड एंड ड्रग विभाग को दी गई, लेकिन टीम नहीं पहुंची। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की। हालांकि पुलिस ने भी संदिग्ध नकली पनीर को जब्त नहीं किया। केवल माल वाहक के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करके छोड़ दिया।
बस स्टैंड में रोज पहुंच रहा 50 किलो पनीर, जांचने वाला कोई नहीं
जानकारी के मुताबिक उरला में नकली पनीर की बड़ी फैक्ट्री है, यहां पिछले साल खाद्य एवं औषधि विभाग ने छापा मारा था। कुछ दिन बंद रहने की बाद फैक्ट्री फिर शुरू हो गई है। फैक्ट्री से एक मालवाहक में करीब 50 किलो पनीर लेकर चार युवक भाठागांव बस स्टैंड पहुंचे। इस दौरान पार्किंग कर्मचारियों से उनका विवाद हो गया। इसके बाद गाड़ी में नकली पनीर होने का हल्ला मचा। इसकी सूचना खाद्य एवं औषधि विभाग को भी दी गई। मौके पर विभाग की टीम नहीं पहुंची। दूसरी ओर मालवाहक युवकों और पार्किंग वालों के बीच जमकर मारपीट हो गई। इसके बाद टिकरापारा पुलिस मौके पर पहुंची।
छोटे नगरों में खपा रहे नकली पनीर
शहर में उरला और गोकुल नगर में नकली पनीर बनाने की दो बड़ी फैक्ट्री है। यहां पाउडर और कुछ हानिकारक चीजों को मिलाकर पनीर बनाया जाता है। दोनों जगह से रोज चार-पांच मालवाहक में पनीर लोड करके बस स्टैंड पहुंचाते हैं। इसके बाद यात्री बसों में पनीर को लेकर आरंग, तिल्दा-नेवरा, महासमुंद, खरोरा आदि इलाकों में भेजते हैं। फिर यहां से होटलों-ढाबों, दुकानों आदि में बेचा जाता है। रोज बस स्टैंड पहुंचने वाले पनीर की कभी जांच नहीं होती।
महीने भर बाद खुल गई फैक्ट्री
उरला की जिस फैक्ट्री में खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने छापा मारकर बड़ी मात्री में नकली पनीर जब्त किया था, वह करीब एक माह बाद फिर शुरू हो गई है। बताया जाता है कि फैक्ट्री संचालक को एक नेता का सहयोग मिला है। इस कारण उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।
प्रतिबंधात्मक एक्ट के तहत कार्रवाई
पनीर लोड मालवाहक में सवार युवकों का बस स्टैंड में विवाद हो गया था। पनीर से जुड़ा मामला होने के कारण खाद्य एवं औषधि विभाग को सूचना दी गई। मारपीट करने वाले युवकों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
-विनय सिंह बघेल, टीआई, टिकरापारा
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