NEET PG स्टेट टॉपर डॉ. खुशी ने खोले राज, बोलीं- रॉन्ग डायरी और कंसिस्टेंसी से मिली सफलता
NEET PG Topper: नीट पीजी स्टेट टॉपर डॉ. खुशी ने पत्रिका के साथ अपने सक्सेस स्टोरी को पत्रिका के साथ साझा किया है। इंटरव्यू में कई अहम बातों को खुलकर शेयर किया है..
ताबीर हुसैन. नीट पीजी ( NEET PG Topper ) परीक्षा में देशभर में 225वीं रैंक लाने वाली डॉ. खुशी ने साबित कर दिया कि निरंतर मेहनत और सही रणनीति से सफलता हासिल की जा सकती है। मेडिकल की पढ़ाई के पहले वर्ष से ही उन्होंने पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखी और अपने प्रयासों को धीरे-धीरे बढ़ाया। ( CG News ) परिवार का सहयोग, कोचिंग का मार्गदर्शन और खुद की ‘रॉन्ग डायरी’ बनाए रखने जैसी आदतों ने उन्हें प्रतियोगिता की कठिन राह पर मजबूती दी। अपनी उपलब्धि पर उन्होंने सबसे पहले परिवार के साथ खुशी साझा की। उनसे हुई बातचीत के खास अंश-
NEET PG Topper: रिजल्ट आने पर आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी?
रिजल्ट सबसे पहले मेरे परिवार और दोस्तों ने देखा। मैं तो पहले थोड़ी शॉक्ड थी, बाद में खुद देखा और भरोसा हुआ कि यह मेरा ही रिजल्ट है।
आपकी तैयारी की रणनीति क्या रही?
मेरी स्ट्रैटेजी एक ही रही कंसिस्टेंसी। पहले साल से ही रोजाना कम से कम एक घंटे पढ़ाई को देती थी और धीरे-धीरे समय बढ़ाती गई। ब्रेक लेना भी उतना ही जरूरी था ताकि दिमाग फ्रेश रहे।
तैयारी के दौरान चुनौतियों को आपने कैसे संभाला?
जीटी (ग्रैंड टेस्ट) के स्कोर ऊपर-नीचे होते रहते थे। मैंने हर गलत सवाल को ‘रॉन्ग डायरी’ में लिखा, सब्जेक्ट-वाइज एनालिसिस किया और दोबारा वही गलती न हो इसका ध्यान रखा। यही आदत असली परीक्षा में काम आई।
आपका ड्रीम स्पेशलाइजेशन क्या है?
मेरा सपना शुरू से ही ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनोकॉलॉजी का है। मेरी मौसी और मामी इसी फील्ड में हैं और उनसे मुझे प्रेरणा मिली है।
नीट पीजी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को क्या टिप्स देना चाहेंगी?
सबसे अहम है कंसिस्टेंसी। रोजाना मेहनत करें, पॉजिटिव रहें और गलतियों से सीखते रहें। यही सफलता की कुंजी है। पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेना जरूरी होता है, ताकि आप पढ़ते-पढ़ते ऊब न जाएं। आत्मविश्वास बनाए रखें सफलता जरूर मिलेगी।
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