ये तो हद हो गई… राजधानी के निजी नेत्र अस्पतालों में मरीजों से 200 गुना तक वसूल रहे मुनाफा

CG Hospital: बिजली कंपनी के इंजीनियर्स पब्लिक वेलफेयर एसोसिएशन निजी अस्पतालों में लेंस की कीमत को लेकर विरोध में खड़ा हो गया है।

Sep 3, 2025 - 13:34
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ये तो हद हो गई… राजधानी के निजी नेत्र अस्पतालों में मरीजों से 200 गुना तक वसूल रहे मुनाफा

CG Hospital: निजी आंखों के अस्पतालों के डॉक्टर 750 रुपए कीमत वाले लेंस को मरीजों को 15 हजार रुपए में लगा रहे हैं। यही नहीं 1500 रुपए के लेंस को 10 हजार में लगा रहे हैं। इस तरह अस्पताल वाले केवल लेंस पर 6 से 20 गुना ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं। जून में बिजली कंपनी व अनुबंधित नेत्र अस्पतालों के बीच लेंस की कीमत को लेकर जमकर विवाद हुआ था।

CG Hospital: बायोफोकल वाले चश्मे को हमेशा पहन सकते…

हालांकि अब अनुबंधित अस्पताल लेंस के एमआरपी में 40 फीसदी डिस्काउंट देने के लिए सहमत हो गए हैं। इससे विवाद लगभग खत्म हो गया है। पहले 20 फीसदी डिस्काउंट का प्रावधान था। अस्पताल ये डिस्काउंट बिजली कंपनी को देते थे, लेकिन मरीजों से वसूलते थे। सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद ऑपरेशन होने के बाद मरीजों को फाइनल फॉलोअप यानी डेढ़ माह पश्चात् पावर वाला चश्मा फ्री देना है, लेकिन नहीं दे रहे हैं। ये चश्मा जिले स्तर पर दिया जाता है। नहीं देने के कारण मरीजों को खुद के खर्चे पर चश्मा बनवाना पड़ रहा है।

टेंडर कर रहे बायोफोकल का, दे रहे यूनिफोकल चश्मे: जिन लोगों की पास की नजर कमजोर है, उन्हें बायोफोकल चश्मा नहीं दिया जा रहा है। दूर दृष्टि दोष (हाइपरोपिया) वाले लोगों को प्रेसबायोपिक बायोफोकल चश्मा बांटना अनिवार्य है। टेंडर के नियमों में ये शर्त शामिल भी हैं। पत्रिका ने नेत्र रोग से जुड़े लोगों से बात की तो पता चला कि बायोफोकल वाले चश्मे को हमेशा पहन सकते हैं।

इंजीनियर्स की पीएमओ में शिकायत, कार्रवाई की मांग

बिजली कंपनी के इंजीनियर्स पब्लिक वेलफेयर एसोसिएशन निजी अस्पतालों में लेंस की कीमत को लेकर विरोध में खड़ा हो गया है। इसकी शिकायत पीएमओ में की गई है। पत्र के अनुसार नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइजिंग अथॉरिटी ने 2013 में स्टेंट व लेंस की अधिकतम सीलिंग रेट का निर्धारण किया था।

CG Hospital: केंद्र सरकार ने 6 अक्टूबर 2005 को अधिसूचना 1468 (ई) के माध्यम से इंट्राऑक्युलर लेंस को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 3 (बी) (तीन) के अनुसार ड्रग की श्रेणी में शामिल किया है। मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान उपयोग में लाए जाने वाले इंट्राआक्युलर लेंस की अधिकतम कीमत निर्धारित करने की जरूरत है। ताकि इसका लाभ आम मरीजों के साथ पेंशनरों को भी मिल सके।

CG Hospital

केंद्र सरकार का ऐसा कोई नॉर्म्स नहीं

डॉ. निधि ग्वालारे, स्टेट नोडल अफसर अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम: केंद्र सरकार का ऐसा कोई नॉर्म्स नहीं है कि लेंस की अधिकतम कीमत क्या होगी? इसलिए हम इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि पहले प्राइज को लेकर शिकायत मिली थी।

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