CG News: अब ड्रोन से होगी निगरानी, रेत-बजरी के अवैध खनन पर लगेगी लगाम
CG News: अब रेत-बजरी और पत्थर जैसे गौण खनिजों की निगरानी ड्रोन से होगी। सरकार को ज्यादा राजस्व मिलेगा और रॉयल्टी का पैसा आम लोगों के विकास और नए रोजगार के अवसरों पर खर्च होगा।
राहुल जैन/CG News: राज्य में गौण खनिजों के अवैध उत्खनन के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें रेत के अवैध खनन को लेकर आती है। इसमें जनहानि तक होती है। इसे रोकने के लिए सरकार ने नए सिरे से कवायद शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने गौण खनिज संसाधनों की खोज, व्यविस्थत विकास और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य खनिज अन्वेषण न्यास का गठन किया है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रहेंगे।
CG News: सरकार को 125 करोड़ का राजस्व
यह न्यास ड्रोन सर्वेक्षण जैसी आधुनिक तकनीक के माध्यम से खनन और संबंधित गतिविधियों की निगरानी भी करेगा। राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इस न्यास को गौण खनिज से मिलने की वाली रायल्टी का दो फीसदी हिस्सा मिलेगा।
इस राशि का उपयोग नए खनिज क्षेत्रों की खोज और क्षेत्र के प्रभावित लोगों के विकास के लिए करेगा। बता दें कि प्रदेश में गौण खनिजों का उत्पादन करीब 190 लाख टन है। इससे सरकार को 125 करोड़ का राजस्व मिलता है। इस हिसाब से न्याय में 2 से 3 करोड़ की राशि मिलेगी। आने वाले समय में राशि ज्यादा मिलने की उम्मीद रहेगी।
जनता को फायदे
राज्य सरकार ने खनन गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्रों के पर्यावरण, स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) का गठन किया है। इसका दायर सिमटा रहता है। यानी इस निधि की राशि सीमित क्षेत्रों में ही खर्च होती है। इससे अन्य क्षेत्र के लोगों को लाभ नहीं मिल पता था। अब राज्य खनिज अन्वेषण न्यास के गठन के बाद इसके तहत मिली राशि के खर्च का दायरा बढ़ जाएगा। यानी अब जिस गांव में विकास कार्यों की जरूरत है, वहां इस निधि का उपयोग किया जा सकता है। चाहे वो खनन प्रभावित क्षेत्र हो या नहीं हो।
छत्तीसगढ़ में 37 प्रकार के लघु खनिज
50 से ज़्यादा रेत खदानों का संचालन
13.7 मिलियन टन लघु खनिजों का उत्पादन
₹125 करोड़ का राजस्व प्राप्त
ट्रस्ट को ₹3 करोड़ न्यास को हर साल मिलेगी
अलग-अलग कार्य योजना बनाकर करेगा काम
CG News: इस न्यास के लिए 17 उद्देश्य तय किए है। न्यास इन्हीं बिंदुओं पर काम करेगा। इसके तहत राज्य में खनिज संसाधनों के नियोजित विकास और उनके अन्वेषण के लिए अल्पावधि, मध्यावधि और दीर्घावधि विजन तैयार करेगा और इसके अनुसार अलग-अलग कार्य योजना बनाएगा।
वन क्षेत्रों में खनन की अनुमति हासिल करने की जिम्मेदारी भी न्यास की होगी। इसके अलावा स्पष्ट भूवैज्ञानिक संभावित क्षेत्रों के भू-भौतिकीय, जमीनी और हवाई सर्वेक्षण तथा भू-रासायनिक सर्वेक्षण के लिए न्यास काम करेगा। खनिज विकास और तकनीकी पद्धतियों को अपनाने और खनिज निष्कर्षण धातु विज्ञान का अध्ययन एवं क्रियान्वयन करने का काम भी करेगा।
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