World Heart Day: कम उम्र के लोगों को भी आ रहा हार्ट अटैक, 11 साल के बालक का वॉल्व रिप्लेसमेंट
World Heart Day: रायपुर में बचपन की सर्दी-खांसी रूमेटिक हार्ट डिसीज का कारण बन सकती है। इससे वॉल्व रिप्लेसमेंट की नौबत भी आ सकती है।
World Heart Day: छत्तीसगढ़ के रायपुर में बचपन की सर्दी-खांसी रूमेटिक हार्ट डिसीज का कारण बन सकती है। इससे वॉल्व रिप्लेसमेंट की नौबत भी आ सकती है। यही नहीं ज्यादा तनाव, स्मोङ्क्षकग के कारण 20-21 साल के युवकों का हार्ट भी कमजोर हो रहा है। अनियंत्रित डायबिटीज व हायपरटेंशन भी हार्ट की बीमारी को बढ़ा रहा है। एसीआई में 11 साल के बालक का वॉल्व रिप्लेसमेंट किया गया। डॉक्टर इसका कारण सर्दी-खांसी को मानते हैं।
29 सितंबर को वल्र्ड हार्ट डे है। इस मौके पर पत्रिका ने कार्डियोलॉजिस्ट व कार्डियक सर्जन से बात की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पहले 55 साल से इससे अधिक उम्र वालों में हार्ट अटैक के केस आते थे। अब सबसे ज्यादा केस 40 से 50 साल के लोगों में देखने को मिल रहे हैं। रूमेटिक हार्ट डिजीज बचपन में सर्दी-खांसी के ठीक से इलाज न कराने के कारण होती है।
World Heart Day: बचपन की सर्दी-खांसी बन सकती है रूमेटिक हार्ट डिसीज की वजह
दरअसल बचपन में स्ट्रेप्टोकोकस नामक बैक्टीरिया का गले में संक्रमण होता है, जो सामान्य सर्दी-खांसी के रूप में होता है। जब यह बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश करता है, तब हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा इस बैक्टीरिया के विरूद्ध एंटीबॉडी बनाती है, लेकिन यह एंटीबॉडी बैक्टीरिया को न मारकर हमारे हार्ट के वॉल्व को ही बैक्टीरिया समझ कर खराब करना शुरू कर देती है। या यूं कहें कि यह एंटीबॉडी मिस गाइडेड मिसाइल की तरह होती है।
यह बीमारी नार्थ एवं सेंट्रल इंडिया में सबसे ज्यादा मिलती है एवं दक्षिण भारत में सबसे कम। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया डॉ. शिवकुमार शर्मा एसीआई में 20-21 साल के युवाओं में हार्ट की बीमारी मिली है। अत्यधिक तनाव, चाहे वह करियर का हो या रिलेशनशिप का, यह हार्ट को कमजोर कर रहा है। अब 40 से 50 साल के लोगों में हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा केस आ रहे हैं। यह एक तरह से वार्निंग है।
6 माह में हार्ट अटैक के एक हजार मरीज
एडवांस कार्डियक इंटरव्यू (एसीआई) में जनवरी से जून तक यानी 6 माह में हार्ट अटैक के 1000 मरीज आए हैं। सबसे ज्यादा 234 मरीज जनवरी में मिले हैं। ज्यादातर मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई। मरीजों में अधेड़ से लेकर बुजुर्ग भी शामिल हैं। सबसे कम उम्र का मरीज 35 साल का है। जनवरी में बाकी माह की तुलना में ज्यादा मरीज चौंकाने वाले इसलिए भी हैं, क्योंकि इस माह में ज्यादा ठंड नहीं रहती।
सर्दी के सीजन में सर्दी-खांसी का इंफेक्शन हो जाता है। इन्हीं कारणों से जो नसें ब्लॉक हैं, उसमें समस्या शुरू हो जाती है। इसमें हार्ट व ब्रेन की समस्या प्रमुख है। ज्यादा सर्दी के कारण नसें सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड की सप्लाई भी प्रभावित होती है। इससे हार्ट को पंप करने के लिए ज्यादा ताकत की जरूरत पड़ती है।
एचओडी कार्डियक सर्जरी डॉ. कृष्णकांत साहू एसीआई बचपन की सर्दी-खांसी का ठीक से इलाज न होने से यह रूमेटिक डिसीज का कारण बनता है। 11 साल के बालक का वॉल्व रिप्लेसमेंट किया गया था। दूसरे का रिपेयर किया गया। अत्यधिक तनाव, अनियंत्रित डायबिटीज व हायपरटेंशन हार्ट को कमजोर कर रहा है। जंक फूड खाना व मोबाइल की लत भी हार्ट के लिए घातक है।
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