CGPSC भर्ती घोटाले में बड़ा खुलासा! आरती, जीवन और तीन अन्य के खिलाफ 2000 पन्नों का चालान…
CGPSC Scam: घोटाले में अब बड़ा कदम उठाया गया है। सीबीआई ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पांच आरोपियों के खिलाफ 2000 पन्नों का चालान पेश किया है।
CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षाओं में से एक को लेकर हुए घोटाले में अब बड़ा कदम उठाया गया है। सीबीआई ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पांच आरोपियों के खिलाफ 2000 पन्नों का चालान पेश किया है। इस चालान में तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, तत्कालीन अध्यक्ष टामन सोनवानी के भाई की पुत्रवधु दीपा आडील और मिशा सोनवानी को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
CGPSC Scam: भ्रष्टाचार का यह पूरा खेल
सीबीआई की जांच में सामने आया है कि इन सभी ने आपसी मिलीभगत से भर्ती परीक्षा में भारी फर्जीवाड़ा किया। आरोप है कि इन लोगों ने न केवल सीधे तौर पर, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी गड़बड़ी में सहयोग किया। इस सांठगांठ का फायदा उठाकर अपात्र उम्मीदवारों और रिश्तेदारों को नौकरी दिलाई गई, जबकि योग्य उम्मीदवारों को वंचित कर दिया गया।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, भ्रष्टाचार का यह पूरा खेल एक संगठित सिंडिकेट के रूप में चल रहा था, जिसमें सीजीपीएससी के अधिकारी, कारोबारी और अन्य लोग सक्रिय रूप से शामिल थे। इस घोटाले की वजह से कई होनहार उम्मीदवारों का भविष्य अंधकार में धकेल दिया गया।
6 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर
सीबीआई ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी को 6 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। कहा जा रहा है कि सीबीआई का यह चालान केवल पहला चरण है। आने वाले समय में इस घोटाले से जुड़े और भी नाम सामने आ सकते हैं। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि इस पूरे नेटवर्क में कितने अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों की भूमिका रही।
इस घोटाले ने प्रदेश के हजारों युवाओं का भरोसा हिला दिया है। योग्य अभ्यर्थियों का कहना है कि “हमने मेहनत से तैयारी की थी, लेकिन भ्रष्टाचार ने हमारी मेहनत पर पानी फेर दिया। अब हमें सिर्फ न्याय की उम्मीद है। वहीं, सीबीआई अधिकारियों ने कहा है कि मामले की गहन जांच जारी है और किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।
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