2.79 किमी लंबी टनल बनी छत्तीसगढ़ की पहचान, तीन राज्यों को जोड़ेगा यह आर्थिक गलियारा… जानें जनता को क्या-क्या लाभ मिलेगा?

Chhattisgarh Tunnel Construction: राज्य को हाल ही में उसकी पहली राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग (टनल) की सौगात मिली है, जो न केवल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक मिसाल है, बल्कि प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई रफ्तार देने वाली परियोजना साबित होगी।

Oct 6, 2025 - 08:02
 0  4
2.79 किमी लंबी टनल बनी छत्तीसगढ़ की पहचान, तीन राज्यों को जोड़ेगा यह आर्थिक गलियारा… जानें जनता को क्या-क्या लाभ मिलेगा?

Chhattisgarh Tunnel Construction: छत्तीसगढ़ अब सिर्फ खनिज और वन संपदा के लिए नहीं, बल्कि आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी जाना जाएगा। राज्य को हाल ही में उसकी पहली राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग (टनल) की सौगात मिली है, जो न केवल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक मिसाल है, बल्कि प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई रफ्तार देने वाली परियोजना साबित होगी।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने महज 12 महीनों में 2.79 किलोमीटर लंबी यह टनल (लेफ्ट हैंड साइड) पूरी कर ली है। यह निर्माण कार्य रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे (एनएच-130 सीडी) का अहम हिस्सा है, जिसे अभनपुर परियोजना कार्यान्वयन इकाई द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस टनल के निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक, भू-वैज्ञानिक अध्ययन और सटीक इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिला है।

रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे की रीढ़

रायपुर से विशाखापट्टनम को जोड़ने वाला यह आर्थिक गलियारा तीन राज्यों छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच संपर्क और व्यापार को मजबूत करने वाला है। जब यह ट्विन ट्यूब टनल पूरी तरह से चालू हो जाएगी, तो न केवल यात्रा का समय घटेगा बल्कि लॉजिस्टिक्स कॉस्ट में भी भारी कमी आएगी। इससे प्रदेश में निवेश, उद्योग और पर्यटन के नए अवसर खुलेंगे।

CM विष्णुदेव साय ने कही ये बात

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह टनल समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क एवं परिवहन अधोसंरचना का विकास प्रदेश की प्रगति की रीढ़ है। इस टनल से छत्तीसगढ़ में पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक जुड़ाव के नए अवसर भी खुलेंगे।

जानिए जनता को क्या होगा लाभ?

टनल के निर्माण से सबसे बड़ा फायदा स्थानीय जनता को होगा। अब पहाड़ी और कठिन रास्तों से होकर लंबी दूरी तय करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

  • यात्रा का समय और ईंधन की बचत: इससे आम लोगों और ट्रांसपोर्टरों दोनों को राहत मिलेगी।
  • सड़क सुरक्षा में सुधार: टनल के माध्यम से भारी वाहनों का दबाव नियंत्रित रहेगा और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
  • स्थानीय रोजगार में वृद्धि: निर्माण कार्य से लेकर रखरखाव तक, हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं।

छत्तीसगढ़ अब देश के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर राज्यों की कतार में खड़ा

2.79 किलोमीटर लंबी यह सुरंग पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरती है, जहां कार्य करना तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण था। इसके बावजूद इंजीनियरों और मजदूरों ने समय से पहले ब्रेकथ्रू हासिल कर यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ अब देश के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर राज्यों की कतार में खड़ा है।

cg news

विकास की नई दिशा

यह टनल सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि राज्य के समग्र विकास का प्रतीक है।

  • यह परियोजना “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को बेहतर बनाएगी।
  • रायपुर से विशाखापट्टनम बंदरगाह तक माल परिवहन में तेजी आएगी, जिससे निर्यात और औद्योगिक विकास को बल मिलेगा।
  • पर्यावरणीय दृष्टि से भी यह मार्गनियोजन टिकाऊ है, क्योंकि टनल से प्राकृतिक क्षेत्र को कम क्षति पहुंची है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow