CG News: केवल डीसीआर पैनल लगाने पर ही मिलेगी सब्सिडी, जानें आवेदन करने का तरीका
CG News: सोलर पैनल वेंडर की ओर से उपभोक्ता द्वारा लगाने पर कोई भी सब्सिडी प्रदान नहीं की जाएगी और उपभोक्ता को पैनल लगाने का पूरा खर्च स्वयं वहन करना पड़ेगा।
CG News: @ दिनेश कुमार। हाफ बिजली छूट योजना का दायरा सीमित होने और पीएम सूर्यघर योजना में केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से मिलने वाली डबल सब्सिडी के कारण उपभोक्ता रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की ओर आकर्षित हुए हैं। लेकिन, यह सब्सिडी केवल डीसीआर पैनल (Domestic Content Requirement) यानि मेड इन इंडिया सोलर पैनल और उपकरण लगाने पर ही उपभोक्ताओं को मिलेगी।
नान डीसीआर पैनल लगाने पर न राज्य और न ही केंद्र सरकार दोनों प्रकार की सब्सिडी उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगी। सरकार ने यह कदम स्वदेशी उपकरणों को बढ़ावा देने के तहत उठाया है। इसलिए उपभोक्ता वेंडर चुनते समय इस बात की सावधानी और जानकारी रखने की जरूरत है। अन्य देशों से निर्मित सोलर पैनल वेंडर की ओर से उपभोक्ता द्वारा लगाने पर कोई भी सब्सिडी प्रदान नहीं की जाएगी और उपभोक्ता को पैनल लगाने का पूरा खर्च स्वयं वहन करना पड़ेगा।
पहले घरों में सोलर प्लांट लगाने के जहां 1607 औसत आवेदन मासिक मिलते थे। वहीं, सितंबर माह में राज्य सब्सिडी के घोषणा और हाफ बिजली बिल छूट का दायरा घटने के बाद 5866 आवेदन मिल रहे हैं। प्लांट के स्थापना भी 337 प्रतिमाह होने की अपेक्षा कई गुना 2106 औसत प्रतिमाह होने लगी है। अब तक प्रदेश में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के लिए 64738 घरेलू उपभोक्ता आवेदन कर चुके हैं, जिनमें से 8089 घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाये जा चुके हैं। उपभोक्ताओं अब सस्ती बिजली के लिए सरकारी योजना के बदले आत्मनिर्भरता की तरफ बढऩे लगे हैं।
कम ब्याज दर पर आसान कर्ज
उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार कम ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध करा रही है। सब्सिडी के बाद बची मार्जिन मार्जिन मनी के लिए बैंकों से 10 वर्षों के लिए 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर आसान ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रहा है।
एक महीने में स्टेट सब्सिडी देने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने राज्य सब्सिडी पैनल स्थापना के एक माह के भीतर स्टेट सब्सिडी देने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत गत 8 सितम्बर को आयोजित 618 हितग्राहियों के बैंक खाते में 1.85 करोड़ रुपए की सब्सिडी उनके बैंक खातों में अंतरित कर दी गई है।
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1 किलोवॉट के सोलर प्लांट से प्रतिमाह औसतन 120 यूनिट बिजली उत्पादन होता है, जिस पर 30000 केंद्र व 15000 राज्य से वित्तीय सहायता दी जाती है। उपभोक्ता को लगभग 15000 स्वयं वहन करने होते हैं।
2 किलोवॉट प्लांट के लिए प्रतिमाह औसतन 240 यूनिट उत्पादन संभव है, जिस पर 60000 केंद्र और 30000 राज्य से सब्सिडी मिलती है। उपभोक्ता को केवल 30000 खर्च करना होता है।
3 किलोवॉट के प्लांट से प्रतिमाह औसतन 360 यूनिट उत्पादन संभव है, और इसमें 78000 केंद्र से 30000 रुपए राज्य यानी कुल 108000 रुपए की सहायता मिलती है। उपभोक्ता को 72000 वहन करना पड़ता है, जो ऋण पर उपलब्ध है।
कम ब्याज दर पर आसान कर्ज
उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार कम ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध करा रही है। सब्सिडी के बाद बची मार्जिन मनी के लिए बैंकों से 10 वर्षों के लिए 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर आसान ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रहा है।
राज्य सरकार को एक माह में सब्सिडी देने के निर्देश
मुख्यमंत्री साय ने राज्य सब्सिडी पैनल की स्थापना के एक माह के भीतर हितग्राहियों को स्टेट सब्सिडी देने के निर्देश दिए हैं। पीएम सूर्य घर योजना के तहत गत 8 सितम्बर को 618 हितग्राहियों के बैंक खाते में 1.85 करोड़ रुपए की सब्सिडी अंतरित कर दी गई है।
रूफटॉप सोलर पावर प्लांट
पहले आवेदन- 1607 प्रति माह, स्थापना-337
सितंबर में आवेदन- 5866, स्थापना-2106
64738 कुल आवेदन मिल चुके सभी को अप्रूवल
29837 उपभोक्ताओं ने वेंडर चयन कर चुके
8089 घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लग चुके
5326 उपभोक्ताओं को मिल चुकी सब्सिडी
1.08 लाख रुपए सब्सिडी दी जाती है तीन किलोवाट तक के कनेक्शन में
डीसीआर (मेड इन इंडिया) पैनल लगवाने पर ही उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलेगी। नान डीसीआर माड्यूल लगाने पर कोई भी सब्सिडी नहीं मिलेगी। वर्तमान में रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए घरेलू उपभोक्ताओं को रुचि बढ़ी है। आवेदनों को अप्रूवल भी पावर कंपनी की ओर 24 घंटे में दिया जा रहा है। -आरए पाठक, डायरेक्टर, सोलर एनर्जी शाखा, सीएसपीडीसीएल
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