छत्तीसगढ़ आएंगे इसरो के साइंटिस्ट और ओलंपिक एक्सपर्ट:स्थानीय खिलाड़ियों को करेंगे तैयार; सैटेलाइट इमेजरी-GIS तकनीक के जरिए होगा रिसर्च
छत्तीसगढ़ स्पोर्ट्स और एग्रीकल्चर रिसर्च पर फोकस करने जा रहा है। स्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट इसरो और इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन के साइंटिट्स और एक्सपर्ट छत्तीसगढ़ आएंगे। यहां के किसानों और युवाओं को इन दोनों ही एजेंसी के एक्सपर्ट और साइंटिस्ट खास गाइडेंस देंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दिल्ली दौरे पर रहे, इस बीच उन्होंने इन दोनों संस्थाओं के प्रमुखों से मुलाकात की। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की पीटी ऊषा और इसरो के डॉक्टर वी नारायणन और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बीच काफी देर तक छत्तीसगढ़ को लेकर चर्चा हुई। प्रदेश में खेल, कृषि और रिसर्च एक्टिविटीज को अपग्रेड करने पर सरकार का फोकस है। इसी कड़ी में इन दो बड़ी संस्थाओं की मदद सरकार लेने जा रही है। ओलंपिक लेवल पर खिलाड़ियों की ट्रेनिंग होगी भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद पी. टी. उषा ने छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों के स्पेशल गाइडेंस देने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की ओर से एक विशेष प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस दल में विभिन्न खेलों के अनुभवी कोच और विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो स्थानीय खिलाड़ियों को ओलंपिक स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए प्रशिक्षित करेंगे और उनकी खेल तकनीकों को निखारने में सहायता करेंगे। पीटी उषा ने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, और यदि उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधन मिले तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। सीएम साय ने इसे लेकर कहा- छत्तीसगढ़ सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ के बीच यह साझेदारी राज्य में खेलों के विकास को नया आयाम देगी। इसरो के साइंटिस्ट की टीम छत्तीसगढ़ आएगी इसरो के साइंटिस्ट और अध्यक्ष डॉ वी नारायणन ने बताया कि इसरो के साइंटिस्ट की टीम छत्तीसगढ़ आएगी। हम राज्य में सैटेलाइट इमेजरी, जीआईएस (GIS) तकनीक और डेटा विश्लेषण के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों का विस्तृत अध्ययन करेंगे। राज्य में खेती के लिए मिट्टी की टेस्टिंग, जल स्रोतों का सटीक आकलन, बाढ़ और सूखे की भविष्यवाणी, और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए डेटा-संचालित निर्णय लेने का सिस्टम डेवलप किया जाएगा। डॉ नारायणन ने कहा कि इसरो की मदद से छत्तीसगढ़ को कृषि, आपदा प्रबंधन, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग, पर्यावरण एवं वन संरक्षण सहित अन्य क्षेत्रों में फायदा मिलेगा। जंगलों की निगरानी की नई व्यवस्था हो पाएगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इसरो और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच साझेदारी से राज्य में तकनीकी प्रगति को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। इस पहल के तहत छत्तीसगढ़ अनुसंधान संस्थानों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे युवा वैज्ञानिकों को नवाचारों में योगदान देने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के नए युग में इसरो का सहयोग राज्य को भविष्य की तकनीकों से सशक्त बनाएगा, जिससे कृषि, पर्यावरण, जल प्रबंधन और आपदा न्यूनीकरण जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने मुख्यमंत्री के साथ छत्तीसगढ़ में सैटेलाइट आधारित सर्वेक्षण, भू-मानचित्रण (geo-mapping), प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और स्मार्ट एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर बात की। इसमें इसरो की ओर से मदद देने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि, जल संसाधन, पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसरो के सहयोग से हम इन क्षेत्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कार्य करेंगे, जिससे किसानों को अधिक सटीक जानकारी मिले और राज्य के विकास को गति मिले।
छत्तीसगढ़ स्पोर्ट्स और एग्रीकल्चर रिसर्च पर फोकस करने जा रहा है। स्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट इसरो और इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन के साइंटिट्स और एक्सपर्ट छत्तीसगढ़ आएंगे। यहां के किसानों और युवाओं को इन दोनों ही एजेंसी के एक्सपर्ट और साइंटिस्ट खास गाइडेंस देंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दिल्ली दौरे पर रहे, इस बीच उन्होंने इन दोनों संस्थाओं के प्रमुखों से मुलाकात की। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की पीटी ऊषा और इसरो के डॉक्टर वी नारायणन और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बीच काफी देर तक छत्तीसगढ़ को लेकर चर्चा हुई। प्रदेश में खेल, कृषि और रिसर्च एक्टिविटीज को अपग्रेड करने पर सरकार का फोकस है। इसी कड़ी में इन दो बड़ी संस्थाओं की मदद सरकार लेने जा रही है। ओलंपिक लेवल पर खिलाड़ियों की ट्रेनिंग होगी भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद पी. टी. उषा ने छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों के स्पेशल गाइडेंस देने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की ओर से एक विशेष प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस दल में विभिन्न खेलों के अनुभवी कोच और विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो स्थानीय खिलाड़ियों को ओलंपिक स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए प्रशिक्षित करेंगे और उनकी खेल तकनीकों को निखारने में सहायता करेंगे। पीटी उषा ने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, और यदि उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधन मिले तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। सीएम साय ने इसे लेकर कहा- छत्तीसगढ़ सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ के बीच यह साझेदारी राज्य में खेलों के विकास को नया आयाम देगी। इसरो के साइंटिस्ट की टीम छत्तीसगढ़ आएगी इसरो के साइंटिस्ट और अध्यक्ष डॉ वी नारायणन ने बताया कि इसरो के साइंटिस्ट की टीम छत्तीसगढ़ आएगी। हम राज्य में सैटेलाइट इमेजरी, जीआईएस (GIS) तकनीक और डेटा विश्लेषण के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों का विस्तृत अध्ययन करेंगे। राज्य में खेती के लिए मिट्टी की टेस्टिंग, जल स्रोतों का सटीक आकलन, बाढ़ और सूखे की भविष्यवाणी, और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए डेटा-संचालित निर्णय लेने का सिस्टम डेवलप किया जाएगा। डॉ नारायणन ने कहा कि इसरो की मदद से छत्तीसगढ़ को कृषि, आपदा प्रबंधन, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग, पर्यावरण एवं वन संरक्षण सहित अन्य क्षेत्रों में फायदा मिलेगा। जंगलों की निगरानी की नई व्यवस्था हो पाएगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इसरो और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच साझेदारी से राज्य में तकनीकी प्रगति को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। इस पहल के तहत छत्तीसगढ़ अनुसंधान संस्थानों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे युवा वैज्ञानिकों को नवाचारों में योगदान देने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के नए युग में इसरो का सहयोग राज्य को भविष्य की तकनीकों से सशक्त बनाएगा, जिससे कृषि, पर्यावरण, जल प्रबंधन और आपदा न्यूनीकरण जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने मुख्यमंत्री के साथ छत्तीसगढ़ में सैटेलाइट आधारित सर्वेक्षण, भू-मानचित्रण (geo-mapping), प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और स्मार्ट एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर बात की। इसमें इसरो की ओर से मदद देने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि, जल संसाधन, पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसरो के सहयोग से हम इन क्षेत्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कार्य करेंगे, जिससे किसानों को अधिक सटीक जानकारी मिले और राज्य के विकास को गति मिले।