CG Film: छत्तीसगढ़ी फिल्म के प्रीमियर के बाद बहसबाजी, भोजपुरी से तुलना करने पर भड़के डायरेक्टर सतीश
CG Film: छत्तीसगढ़ी फिल्म की तुलना भोजपुरी फिल्म से करने पर बॉलीवुड के राइटर और छत्तीसगढ़ी फिल्मों के डायरेक्टर के बीच बहस हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि जैन को मंच छोड़कर जाना पड़ा।
CG Film: नवा रायपुर स्थित मल्टीप्लैक्स में शुक्रवार को बॉलीवुड के राइटर अशोक मिश्र और छत्तीसगढ़ी फिल्मों के डायरेक्टर सतीश जैन के बीत मतभेद हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि जैन मंच छोड़कर बाहर निकल गए। मल्टीप्लैक्स में दो बजे एक छत्तीसगढ़ी फिल्म का प्रीमियर शो रखा गया था।
CG Film: कमर्शियल सिनेमा क्यों नहीं बनाना चाहिए?
इसमें चीफ गेस्ट के तौर पर अशोक मिश्र आमंत्रित थे। फिल्म छूटने के बाद ऑडी में ही वे फिल्म को लेकर विचार रख रहे थे। उन्होंने इस फिल्म की तारीफ की लेकिन इससे पहले बन रही फिल्मों पर सवाल उठाया कि क्या यहां भी भोजपुरी जैसा हाल तो नहीं हो जाएगा। उन्होंने मौके पर मौजूद डायरेक्टर मनोज वर्मा को भी हिदायत दे दी कि आपने सुकवा फिल्म अच्छी नहीं बनाई।
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आपको कमर्शियल सिनेमा की बजाय भूनल द मेज वाले रास्ते पर जाना चाहिए। इस बीच सतीश जैन ने आपत्ति जताई कि कमर्शियल सिनेमा क्यों नहीं बनाना चाहिए। आज जितनी भी टाकीजें देख रहे हैं वे सब कमर्शियल सिनेमा के चलते ही जिंदा हैं। आपने छत्तीसगढ़ी फिल्में देखी नहीं है। एक-दो फिल्म को देखकर किसी इंडस्ट्री को भोजपुरी से तुलना नहीं कर सकते। इसके बाद अशोक कुछ कहते, सतीश जैन बाहर निकल गए।
फ्रस्ट्रेशन निकालते हैं
CG Film: सतीश जैन, निर्माता-निर्देशक: कमर्शियल सिनेमा का उपहास उड़ाना फैशन सा हो गया है। इनकी फिल्म थिएटर पर चलती नहीं और गाहे-बगाहे अपना फ्रस्ट्रेशन निकालते रहते हैं।
विवाद नहीं, संवाद कहें
अशोक मिश्र, राइटर: मैं यादवजी के मधुजी के संदर्भ में यही कह रहा था था कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा को कमर्शियल के नाम पर फुहड़ता दिखाने से बचना चाहिए और यादवजी… जैसी उद्देश्यपरक कमर्शियल फिल्म बनानी चाहिए। हम दोनों के बीच जो भी हुआ उसे विवाद की बजाय संवाद कहें।
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