CG News: पत्रिका से बातचीत में मेनका गांधी ने चिंता जाहिर की, बायसन की मौत पर उठाए सवाल
CG News: मेनका ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से अपील की थी कि सोनू को जंगल में छोड़ा जाए, ताकि वह अपनी प्राकृतिक जिंदगी जी सके।
CG News: गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के बार नवापारा से शिफ्ट किए गए दो बायसन (गौर) में से एक की मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों ने इस मौत के लिए एक्सपायरी दवा को जिम्मेदार ठहराया है। अधिकारियों के अनुसार, बायसन को होश में लाने के लिए जो दवा दी गई थी। वह एक्सपायरी हो चुकी थी और इसके कारण उसकी जान चली गई।
इस घटना पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और पीपुल्स फॉर एनिमल की संस्थापक मेनका गांधी ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह कैसे संभव है कि वन विभाग द्वारा एक्सपायरी डेट की दवाओं का इस्तेमाल किया गया? उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि इन दवाओं की खरीद और आपूर्ति पर कोई निगरानी क्यों नहीं रखी जाती। उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
CG News: वन्यजीवों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो
मेनका गांधी ने छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार और वन विभाग से वन्यजीव संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि: जंगलों में सुरक्षा गश्त बढ़ाई जाए, ताकि वन्यजीवों के शिकार और मौतों को रोका जा सके।
वन्यप्राणियों की मौत के मामलों की गहराई से जांच की जाए, ताकि इसके कारणों का पता चल सके और भविष्य में ऐसे हादसे न हों। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। वन्यजीव संरक्षण को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जाए, ताकि लोगों में वन्यजीवों के महत्व और सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाई जा सके।
हाथी को छोड़ने की मांग भी कर चुकी मेनका
मेनका गांधी ने पिछले वर्ष गणेश चतुर्थी पर एक और अपील की, जिसमें उन्होंने सोनू नाम के हाथी को जंगल में छोड़ने की मांग की। सोनू आठ वर्षों से वन विभाग की कैद में है और अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया है। मेनका ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से अपील की थी कि सोनू को जंगल में छोड़ा जाए, ताकि वह अपनी प्राकृतिक जिंदगी जी सके। उन्होंने कहा था कि सोनू के पैरों में बंधी जंजीरों को तोड़कर उसे आजाद करने का वक्त आ चुका है।
भविष्य के लिए खतरा
मेनका गांधी ने कहा कि अगर अब भी इन मुद्दों को हल्के में लिया गया, तो यह पूरे पर्यावरणीय संतुलन के लिए खतरा है। छत्तीसगढ़ के वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। वन विभाग यदि अपनी कार्यशैली नहीं सुधारता, तो वन्यप्राणियों की मौतों की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
वन विभाग में मचा हड़कंप
CG News: गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में बायसन की मौत के अलावा छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व में भी हाल ही में एक बाघिन (एकेटी-13) का शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया। बाघिन की उम्र लगभग चार साल थी और शव दो दिन पुराना बताया गया। इस घटना के समय तक अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन को जानकारी भी नहीं थी। इसके अलावा गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में एक और बाघ का शव मिला, जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया।
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