जगदलपुर निगम में हुआ MIC का गठन:नए पार्षदों को मिला मौका, कांग्रेस छोड़ भाजपा में आईं पार्षद को भी मिली जगह
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर नगर निगम में 10 सदस्यीय MIC का गठन हो गया है। भाजपा के 29 पार्षदों में से 10 को MIC में जगह मिली है। कुछ वरिष्ठ और पहली बार के युवा पार्षदों को इसमें शामिल किया गया है। खास बात है कि कांग्रेस छोड़ BJP में शामिल हुईं पार्षद को भी इसमें जगह मिली है। एक दिन पहले नगर निगम में सुंदरकांड का पाठ करवाने के बाद मेयर संजय पांडेय ने देर शाम MIC की सूची जारी की है। इन्हें मिला ये जिम्मा पहली बार के 3 पार्षदों को मिली जगह पहली बार चुनाव जीतकर आए 3 पार्षदों को भी MIC शामिल किया गया है। इनमें कलावती कसेर, लक्ष्मण झा और संजय विश्वकर्मा शामिल हैं। लक्ष्मण संजय पांडेय के करीबी माने जाते हैं। वहीं पूर्व में MIC सदस्य रहे BJP के कुछ पार्षदों को भी इस बार जगह नहीं मिली है। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुईं श्वेता बघेल को भी MIC में जगह मिल गई है। मंत्री-विधायक के पास भी लगाया सोर्स शहर में चर्चा है कि MIC में जिन पार्षदों को शामिल किया गया है, उनमें से एक-दो पार्षद ऐसे हैं जिन्होंने MIC में जगह बनाने के लिए विधायक और मंत्री तक सोर्स लगाया है। जिसके बाद सूची में उनका नाम तय हुआ है। महापौर बोले- साथ मिलकर करेंगे शहर का विकास महापौर संजय पांडेय ने MIC की घोषणा करते हुए सभी को बधाई व शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर भाजपा के 29 पार्षदों में से 10 को MIC में जगह दी गई है। शहर के विकास में सभी पार्षदों की मदद से कार्य होंगे। सभी MIC मेंबर को अलग-अलग विभागों का दायित्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि, नगर निगम में मेयर इन काउंसिल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। खेमसिंह बने सभापति जगदलपुर नगर निगम में करीब 10 दिन पहले सभापति पद के लिए वोटिंग हुई थी। पार्षद खेमसिंह देवांगन को 34 वोट मिले और वे निगम सभापति बन गए। 2 निर्दलीय पार्षदों ने भी समर्थन दिया था। इधर, कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग हुई और राजेश चौधरी को 16 कांग्रेसी पार्षदों में से 15 वोट ही मिल पाए थे। एक दिन पहले किया था शुद्धिकरण नवनिर्वाचित महापौर संजय पांडेय ने MIC गठन से पहले अपने दफ्तर में सुंदरकांड का पाठ करवाया था। जिसमें सभापति खेमसिंह देवांगन समेत BJP के अन्य पार्षद भी मौजूद थे। कहा गया कि 5 सालों तक बिना किसी विवाद के जनता के हित में काम हो, इसलिए काम शुरू करने से पहले निगम में शुद्धिकरण किया गया।
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर नगर निगम में 10 सदस्यीय MIC का गठन हो गया है। भाजपा के 29 पार्षदों में से 10 को MIC में जगह मिली है। कुछ वरिष्ठ और पहली बार के युवा पार्षदों को इसमें शामिल किया गया है। खास बात है कि कांग्रेस छोड़ BJP में शामिल हुईं पार्षद को भी इसमें जगह मिली है। एक दिन पहले नगर निगम में सुंदरकांड का पाठ करवाने के बाद मेयर संजय पांडेय ने देर शाम MIC की सूची जारी की है। इन्हें मिला ये जिम्मा पहली बार के 3 पार्षदों को मिली जगह पहली बार चुनाव जीतकर आए 3 पार्षदों को भी MIC शामिल किया गया है। इनमें कलावती कसेर, लक्ष्मण झा और संजय विश्वकर्मा शामिल हैं। लक्ष्मण संजय पांडेय के करीबी माने जाते हैं। वहीं पूर्व में MIC सदस्य रहे BJP के कुछ पार्षदों को भी इस बार जगह नहीं मिली है। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुईं श्वेता बघेल को भी MIC में जगह मिल गई है। मंत्री-विधायक के पास भी लगाया सोर्स शहर में चर्चा है कि MIC में जिन पार्षदों को शामिल किया गया है, उनमें से एक-दो पार्षद ऐसे हैं जिन्होंने MIC में जगह बनाने के लिए विधायक और मंत्री तक सोर्स लगाया है। जिसके बाद सूची में उनका नाम तय हुआ है। महापौर बोले- साथ मिलकर करेंगे शहर का विकास महापौर संजय पांडेय ने MIC की घोषणा करते हुए सभी को बधाई व शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर भाजपा के 29 पार्षदों में से 10 को MIC में जगह दी गई है। शहर के विकास में सभी पार्षदों की मदद से कार्य होंगे। सभी MIC मेंबर को अलग-अलग विभागों का दायित्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि, नगर निगम में मेयर इन काउंसिल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। खेमसिंह बने सभापति जगदलपुर नगर निगम में करीब 10 दिन पहले सभापति पद के लिए वोटिंग हुई थी। पार्षद खेमसिंह देवांगन को 34 वोट मिले और वे निगम सभापति बन गए। 2 निर्दलीय पार्षदों ने भी समर्थन दिया था। इधर, कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग हुई और राजेश चौधरी को 16 कांग्रेसी पार्षदों में से 15 वोट ही मिल पाए थे। एक दिन पहले किया था शुद्धिकरण नवनिर्वाचित महापौर संजय पांडेय ने MIC गठन से पहले अपने दफ्तर में सुंदरकांड का पाठ करवाया था। जिसमें सभापति खेमसिंह देवांगन समेत BJP के अन्य पार्षद भी मौजूद थे। कहा गया कि 5 सालों तक बिना किसी विवाद के जनता के हित में काम हो, इसलिए काम शुरू करने से पहले निगम में शुद्धिकरण किया गया।