10 एकड़ सरकारी जमीन का फर्जी नामांतरण:धमतरी में दो साल से न्याय के लिए भटक रहे ग्रामीण; दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सरकारी जमीन के फर्जी नामांतरण का मामला सामने आया है। मगरलोड क्षेत्र के नारदा गांव की 10 एकड़ शासकीय जमीन का नामांतरण 2022 में एक बाहरी व्यक्ति के नाम कर दिया गया। जब यह व्यक्ति जमीन देखने आया, तब ग्रामीणों को इस फर्जीवाड़े का पता चला। भूमि अभिलेखों की जांच से स्पष्ट हुआ कि यह जमीन सरकारी है। ग्रामीणों के विरोध के बाद जमीन गांव को वापस मिल गई। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन का नामांतरण एक मुकेश दंबानी नाम के व्यक्ति के नाम पर किया गया। पिछले दो सालों से ग्रामीण इस शासकीय जमीन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जमीन वापस मिलने के बावजूद, फर्जी नामांतरण करने वाले दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। न्याय की मांग को लेकर ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं। कलेक्टर ने इस मामले में दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। ग्रामीण बोले- ये एक बड़ा मुद्दा है मगरलोड की जनपद सदस्य सुलोचना प्रेमानंद साहू ने बताया कि ग्राम नारधा से मुकेश दंबानी का दूर-दूर तक नाता नहीं है। जिसके नाम में एकाएक जमीन चले जाना, फिर से उस जमीन का शासकीय हो जाना, शासकीय होने के बाद b1 नहीं निकलना। कहीं ना कहीं एक बड़ा मुद्दा है। सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग ग्रामीणों की यही मंशा है कि, दो सालों से आवेदन लग रहे हैं, जिसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है, जिसमें चाहे तहसीलदार हो या पटवारी हो उसके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की बात कही। एडीएम लेवल पर जांच कराने का आश्वासन कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने बताया कि इस मामले में एडीएम लेवल पर जांच कराई जाएगी। जिसका पूरा दस्तावेज देखा जाएगा। और कैसे यह निमंत्रण हुआ। नियम अनुसार काम किया जाएगा। और अगर गड़बड़ी पाई गई तो कर्मचारी और अधिकारी के ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सरकारी जमीन के फर्जी नामांतरण का मामला सामने आया है। मगरलोड क्षेत्र के नारदा गांव की 10 एकड़ शासकीय जमीन का नामांतरण 2022 में एक बाहरी व्यक्ति के नाम कर दिया गया। जब यह व्यक्ति जमीन देखने आया, तब ग्रामीणों को इस फर्जीवाड़े का पता चला। भूमि अभिलेखों की जांच से स्पष्ट हुआ कि यह जमीन सरकारी है। ग्रामीणों के विरोध के बाद जमीन गांव को वापस मिल गई। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन का नामांतरण एक मुकेश दंबानी नाम के व्यक्ति के नाम पर किया गया। पिछले दो सालों से ग्रामीण इस शासकीय जमीन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जमीन वापस मिलने के बावजूद, फर्जी नामांतरण करने वाले दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। न्याय की मांग को लेकर ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं। कलेक्टर ने इस मामले में दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। ग्रामीण बोले- ये एक बड़ा मुद्दा है मगरलोड की जनपद सदस्य सुलोचना प्रेमानंद साहू ने बताया कि ग्राम नारधा से मुकेश दंबानी का दूर-दूर तक नाता नहीं है। जिसके नाम में एकाएक जमीन चले जाना, फिर से उस जमीन का शासकीय हो जाना, शासकीय होने के बाद b1 नहीं निकलना। कहीं ना कहीं एक बड़ा मुद्दा है। सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग ग्रामीणों की यही मंशा है कि, दो सालों से आवेदन लग रहे हैं, जिसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है, जिसमें चाहे तहसीलदार हो या पटवारी हो उसके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की बात कही। एडीएम लेवल पर जांच कराने का आश्वासन कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने बताया कि इस मामले में एडीएम लेवल पर जांच कराई जाएगी। जिसका पूरा दस्तावेज देखा जाएगा। और कैसे यह निमंत्रण हुआ। नियम अनुसार काम किया जाएगा। और अगर गड़बड़ी पाई गई तो कर्मचारी और अधिकारी के ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।