गरियाबंद में करोड़ों की मंजूरी, लेकिन शुरू नहीं हुआ काम:8 पंचायतों के लोगों ने खुद उठाया जिम्मा, 2 क्षतिग्रस्त रपटों की मरम्मत में जुटे
गरियाबंद में प्रशासन की उदासीनता के चलते ग्रामीणों ने खुद पहल करते हुए क्षतिग्रस्त रपटों की मरम्मत शुरू कर दी है। राजापड़ाव-शोभा मार्ग पर स्थित 5 बरसाती नालों में से 2 क्षतिग्रस्त रपटों का काम श्रमदान से किया जा रहा है। बाघ नाला रपटे पर रविवार को दूसरे दिन गरहाडीह पंचायत के 100 युवा जुटे। उन्होंने ढाई मीटर चौड़ी और 4 मीटर लंबी स्लैब की ढलाई की। स्लैब की मोटाई 10 इंच से ज्यादा रखी गई है। इससे पहले शनिवार को गौर गांव के युवाओं ने भी इतनी ही बड़ी स्लैब की ढलाई की थी। शोभा नाला की मरम्मत शोभा गांव के युवाओं ने सुबह में पूरी कर ली। 8 पंचायतों के लोगों ने लिया फैसला अंबेडकर वादी युवा संगठन ने इस पहल की अगुआई की है। संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार दोनों रपटों की मरम्मत में श्रम को छोड़कर लगभग 5 लाख रुपए का सामान लग रहा है। आठ पंचायतों के लोगों ने बैठक कर यह निर्णय लिया। एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है जिसमें सामग्री का हिसाब रखा जा रहा है। स्थानीय सरपंच, जिला पंचायत सदस्य, पंचायत प्रतिनिधि, कामकाजी युवक, छोटे व्यवसायी और वाहन मालिकों ने मिलकर निर्माण की लागत जुटाई है। सोमवार को कोकड़ी और गोना पंचायत के युवा भी मरम्मत कार्य में शामिल होंगे। जिला पंचायत सदस्य के अनुसार भूख हड़ताल के बाद मिला मरम्मत की मंजूरी का आश्वासन झूठा साबित हुआ। बरसात में हर साल होते हैं हादसे पूर्व जनपद सदस्य श्रीराम मरकाम, गौतम मंडावी, सरपंच शंकर नेताम ने बताया कि रपटा क्षतिग्रस्त होने के बाद 2021 में कोकड़ी पंचायत के आश्रित पारा डूमरबुडरा निवासी रामनाथ और पत्नी सुगनतीन बह गए। 2022 के बाद हर साल बारिश में स्कूली बच्चे बह जाने के 4, 5 घटना के अलावा 15 से ज्यादा बाइक सवार के दुर्घटनाग्रस्त हो गए। मरम्मत के बार-बार मांग के बावजूद सुधार नहीं हुआ तो जान जोखिम में आते देख ग्रामीणों ने जन सहयोग से मरम्मत करने का मन बनाया। भूख हड़ताल में किया गया वादा झूठा निकला क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने कहा कि सप्ताह भर पहले 10 सूत्रीय मांगों को लेकर भूख हड़ताल की गई थी। मांग में क्षतिग्रस्त रपटा के मरम्मत भी शामिल था। मैनपुर एसडीएम जिला प्रशासन की ओर से बताया था कि उक्त 2 रपटा के मरम्मत के लिए जिला प्रशासन ने राशि मंजूर किया है। लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। स्कूल 16 जून से खुलने जा रहा। इसलिए आपसी जन सहयोग से मरम्मत करने की ठान लिया गया। पांचों नाले पर पूल की मंजूरी मिल गई प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग के एसडीओ कमलेश चंद्राकर ने बताया कि रपटा में उच्च स्तरीय पुलिया निर्माण के लिए अड़गड़ी नाला पर 2.31 करोड़ और ज़रहीडीह नाला के 2.26 करोड़ की मंजूरी मिली है, पीडब्ल्यूडी द्वारा काम का अनुबंध कराया जा चुका है। साल 2023 में शोभा नाला के लिए 3.33 करोड़, बाघ नाला के लिए 2.41 करोड़ की प्रशासकीय मंजूरी मिल चुकी है। गरहा बाघ नाला के लिए 3.47 करोड़ की मंजूरी 2021 में मिल चुकी है। 9वीं बार टेंडर काल किया गया है। उक्त तीनों कार्य पीडब्ल्यूडी के सेतु शाखा काम देख रहा है। विधिवत रपटा संबंधित विभागों को हैंडओवर कराया गया है, इसलिए हमारे विभाग से मरम्मत का प्रावधान नहीं किया गया है।
गरियाबंद में प्रशासन की उदासीनता के चलते ग्रामीणों ने खुद पहल करते हुए क्षतिग्रस्त रपटों की मरम्मत शुरू कर दी है। राजापड़ाव-शोभा मार्ग पर स्थित 5 बरसाती नालों में से 2 क्षतिग्रस्त रपटों का काम श्रमदान से किया जा रहा है। बाघ नाला रपटे पर रविवार को दूसरे दिन गरहाडीह पंचायत के 100 युवा जुटे। उन्होंने ढाई मीटर चौड़ी और 4 मीटर लंबी स्लैब की ढलाई की। स्लैब की मोटाई 10 इंच से ज्यादा रखी गई है। इससे पहले शनिवार को गौर गांव के युवाओं ने भी इतनी ही बड़ी स्लैब की ढलाई की थी। शोभा नाला की मरम्मत शोभा गांव के युवाओं ने सुबह में पूरी कर ली। 8 पंचायतों के लोगों ने लिया फैसला अंबेडकर वादी युवा संगठन ने इस पहल की अगुआई की है। संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार दोनों रपटों की मरम्मत में श्रम को छोड़कर लगभग 5 लाख रुपए का सामान लग रहा है। आठ पंचायतों के लोगों ने बैठक कर यह निर्णय लिया। एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है जिसमें सामग्री का हिसाब रखा जा रहा है। स्थानीय सरपंच, जिला पंचायत सदस्य, पंचायत प्रतिनिधि, कामकाजी युवक, छोटे व्यवसायी और वाहन मालिकों ने मिलकर निर्माण की लागत जुटाई है। सोमवार को कोकड़ी और गोना पंचायत के युवा भी मरम्मत कार्य में शामिल होंगे। जिला पंचायत सदस्य के अनुसार भूख हड़ताल के बाद मिला मरम्मत की मंजूरी का आश्वासन झूठा साबित हुआ। बरसात में हर साल होते हैं हादसे पूर्व जनपद सदस्य श्रीराम मरकाम, गौतम मंडावी, सरपंच शंकर नेताम ने बताया कि रपटा क्षतिग्रस्त होने के बाद 2021 में कोकड़ी पंचायत के आश्रित पारा डूमरबुडरा निवासी रामनाथ और पत्नी सुगनतीन बह गए। 2022 के बाद हर साल बारिश में स्कूली बच्चे बह जाने के 4, 5 घटना के अलावा 15 से ज्यादा बाइक सवार के दुर्घटनाग्रस्त हो गए। मरम्मत के बार-बार मांग के बावजूद सुधार नहीं हुआ तो जान जोखिम में आते देख ग्रामीणों ने जन सहयोग से मरम्मत करने का मन बनाया। भूख हड़ताल में किया गया वादा झूठा निकला क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने कहा कि सप्ताह भर पहले 10 सूत्रीय मांगों को लेकर भूख हड़ताल की गई थी। मांग में क्षतिग्रस्त रपटा के मरम्मत भी शामिल था। मैनपुर एसडीएम जिला प्रशासन की ओर से बताया था कि उक्त 2 रपटा के मरम्मत के लिए जिला प्रशासन ने राशि मंजूर किया है। लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। स्कूल 16 जून से खुलने जा रहा। इसलिए आपसी जन सहयोग से मरम्मत करने की ठान लिया गया। पांचों नाले पर पूल की मंजूरी मिल गई प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग के एसडीओ कमलेश चंद्राकर ने बताया कि रपटा में उच्च स्तरीय पुलिया निर्माण के लिए अड़गड़ी नाला पर 2.31 करोड़ और ज़रहीडीह नाला के 2.26 करोड़ की मंजूरी मिली है, पीडब्ल्यूडी द्वारा काम का अनुबंध कराया जा चुका है। साल 2023 में शोभा नाला के लिए 3.33 करोड़, बाघ नाला के लिए 2.41 करोड़ की प्रशासकीय मंजूरी मिल चुकी है। गरहा बाघ नाला के लिए 3.47 करोड़ की मंजूरी 2021 में मिल चुकी है। 9वीं बार टेंडर काल किया गया है। उक्त तीनों कार्य पीडब्ल्यूडी के सेतु शाखा काम देख रहा है। विधिवत रपटा संबंधित विभागों को हैंडओवर कराया गया है, इसलिए हमारे विभाग से मरम्मत का प्रावधान नहीं किया गया है।