10 रुपए खर्च कर महिलाओं ने कारोबारियों के लाखों उड़ाए:रायपुर में फंसा ध्यान भटकाने में माहिर नागपुर-गैंग,जानिए ठगी के पैटर्न और बचने के तरीके
रायपुर में महाराष्ट्र के नागपुर की महिला चोर गैंग ऑटो या ई-रिक्शा में बैठी महिलाओं और कारोबारियों के बगल में 10 रुपए खर्च कर खुद सवारी बनकर बैठ जाती। फिर चालाकी से कैश, पर्स या गहने पार कर देती थीं। पुलिस ने ऐसे ही दो मामले में गिरोह की 4 महिलाओं को गिरफ्तार किया है। ये महिलाएं इतनी शातिर है कि, कुछ ही मिनट में किसी भी व्यक्ति का ध्यान भटका देती है। ज्यादातर शातिर महिलाएं भीड़-भाड़ वाली जगहों पर एक्टिव रहती थी। जिससे ये अपना शिकार आसानी से ढूंढ सके। पुलिस ने इस तरह की ठगी के पैटर्न और इनसे बचने के तरीके भी बताएं हैं। बर्तन व्यापारी को बनाया शिकार आरिफ खान ने गोलबाजार थाने में अपनी शिकायत में बताया कि, वो बलौदाबाजार का रहने वाला है। प्लास्टिक और स्टील बर्तन का बिजनेस चलाता है। वो अपने बैग में कैश लेकर सामान लेने के लिए 12 जून को रायपुर आया था। तेलीबांधा चौक से जयस्तंभ चौक तक ई रिक्शा में बैठा। इस दौरान दो महिलाएं भी उसके साथ बैठ गई। वो गोल बाजार में एक दुकान पर उतर गया और अपना बैग चेक किया, तो उसमें रखे 60 हजार रुपए गायब थे। उसने गोलबाजार थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई है। किराना व्यापारी के साथ 2 लाख की उठाईगिरी मुकेश कुमार भोजवानी ने 19 अप्रैल को मौदहापारा थाने में अपनी शिकायत में बताया कि वो तिल्दा नेवरा में रहता है। किराना व्यापारी है। वो शारदा चौक जाने के लिए रेलवे स्टेशन से ई-रिक्शा में बैठा था। उसके साथ बगल में दो महिलाएं भी बैठी थी। वह मंजू ममता होटल के पास उतर गया, फिर सामान लेने चला गया। जब उसने अपना बैग चेक किया तो उसमें 500-500 के बंडल करीब 2 लाख रुपए गायब थे। पुलिस ने दो मामलों में 4 महिलाओं को गिरफ्तार किया पुलिस ने CCTV जांच में संदिग्ध महिलाओं की पहचान की। इसके बाद 4 महिला मालती शेण्डे, प्रिया इंचुरकर, शालीता उफाडे और संगीता पात्रे से पूछताछ की। महिलाओं ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन सख्ती होते ही सच उगल दिया। पुलिस ने महिलाओं से चोरी किए 35 हजार कैश जब्त किया है। ये महिलाएं सीतानगर गोगांव थाना गुढियारी में छिपकर रह रही थी। गिरफ्तार महिला आरोपी (गोलबाजार थाना केस) 1. मालती शेंडे पति शिवा शेंडे (37) निवासी कन्हान रेलवे स्टेशन के पीछे सत्रापुर थाना कन्हान जिला नागपुर (महाराष्ट्र)। हाल पता- सीतानगर गोगांव थाना गुढियारी रायपुर।
2. प्रिया इंचुरकर पति भोला इंचुरकर (40) निवासी गोल्डन बार के पीछे एम जी नगर तारसा रोड थाना कन्हान जिला नागपुर (महाराष्ट्र)। हाल पता- सीतानगर गोगांव थाना गुढियारी रायपुर। गिरफ्तार महिला आरोपी ( मौदहापारा थाना केस) 1. शालीता उफाडे पति संतोष उफाडे (40) निवासी एम जी नगर मुण्ड कोटा थाना तिरोड़ा जिला नागपुर (महाराष्ट्र)। हाल पता- सीतानगर गोगांव थाना गुढियारी रायपुर। 2. संगीता पात्रे पति विनोद पात्रे (40) निवासी सरकारी स्कुल के पास नवेगांव थाना, जिला गोंदिया (महाराष्ट्र)। हाल पता- सीतानगर गोगांव थाना गुढियारी रायपुर। करीब आधे दर्जन वारदात करने के बाद छोड़ देती हैं शहर रायपुर पश्चिम ASP दौलतराम पोर्ते के मुताबिक, इस गैंग के सदस्य अलग-अलग राज्यों में घूमकर शातिर तरीके से चोरी और ठगी को अंजाम देते हैं। ये ज्यादातर सोने की चेन, पर्स और मोबाइल को टारगेट करती हैं। ये भीड़भाड़ वाली जगह में टारगेट खोजते हैं। चोरी के बाद ये एक दूसरे को इशारा कर देती हैं। फिर सभी एक साथ मौके से फरार हो जाती हैं। गैंग किसी भी शहर में करीब 6 से ज्यादा वारदातें करता है। फिर ये उस शहर को छोड़ देते हैं। ठगी के अलग-अलग पैटर्न- मदद लेने के बहाने ठगी जमीन पर नोट गिराकर भटकाते हैं ध्यान महिलाओं का चोर गैंग तीन से चार की संख्या में महिलाएं सामान्य तरीके से आपके आसपास मौजूद रहेंगी। संभावना है कि इनमें से किसी एक के पास बच्चा भी हो। जिससे उन पर किसी को शक न हो पाए। इन महिलाओं का गैंग किसी भी तरीके से आपका ध्यान भटका कर चोरी या स्नेचिंग को अंजाम दे सकता है। इस तरह हो सकती है संदिग्ध की पहचान- अलग वेशभूषा और भाषा-बोली ज्यादातर इस गैंग की महिलाएं, स्थानीय महिलाओं से एक अलग वेशभूषा में रहती हैं। यह किसी विशेष इलाके या कबीले से जुड़े होते हैं। इस वजह से इनके कपड़े या पहनावे में वहां की छाप होती है।
महिलाओं का गैंग आपस में एक-दूसरे से एक अलग भाषा और बोली में बातें करती हैं। ये दूसरी भाषाओं को पढ़ने या सीखने में उतनी सक्षम नहीं होती। ध्यान भटकाने में माहिर इन महिलाओं का गैंग भीड़ वाले इलाके या बस/ऑटो में घुसकर अलग-अलग तरीकों से ध्यान भटकाता है। फिर सामने वाले का कुछ सेकेंड के लिए जैसे ही ध्यान भटकता है। ग्रुप की एक अन्य महिला पैसे, पर्स और सोने की चेन पार कर देती है। इमोशनल फैक्ट या पूछताछ के बहाने बातचीत की शुरुआत इस गैंग की महिलाएं किसी इमोशनल फैक्ट या अनजान बनकर बातचीत की शुरुआत करती हैं। जैसे कि ऑटो या बस में सवारी के दौरान स्पीड ब्रेकर में कमर या पैर दर्द की बात करेंगी। किसी फेमस रास्ते या दुकान के बारे में पूछना। जिससे की आप तुरंत जवाब देने लगो। इस दौरान मौका पाकर दूसरी महिला वारदात कर लेती हैं। आपस में कोई चौंकाने वाली बात करना सफर के दौरान इन महिलाओं का गैंग आपस में जोर-जोर से कुछ चौंकाने वाली बातचीत करती हैं। ये ध्यान भटकाने की तकनीक है। उनकी कोशिश रहती है कि इन बातों के बीच से आप कोई एक लाइन में उलझ जाओ। फिर वो आसानी से वारदात कर ले। धक्का-मुक्की देकर झटके से चेन या मोबाइल खींचना भीड़ वाले इलाकों में ये महिलाएं तीन से चार की संख्या में होती है। ये अपने टारगेट को तीन-चार तरफ से घेर लेती हैं। फिर तंग जगहों पर धक्का-मुक्की का फायदा उठाकर कुछ लोग ध्यान भटकाते रहते हैं और एक महिला चोरी कर लेती है। ऐसे अपराधों के शिकार होने से बचने के तरीके
रायपुर में महाराष्ट्र के नागपुर की महिला चोर गैंग ऑटो या ई-रिक्शा में बैठी महिलाओं और कारोबारियों के बगल में 10 रुपए खर्च कर खुद सवारी बनकर बैठ जाती। फिर चालाकी से कैश, पर्स या गहने पार कर देती थीं। पुलिस ने ऐसे ही दो मामले में गिरोह की 4 महिलाओं को गिरफ्तार किया है। ये महिलाएं इतनी शातिर है कि, कुछ ही मिनट में किसी भी व्यक्ति का ध्यान भटका देती है। ज्यादातर शातिर महिलाएं भीड़-भाड़ वाली जगहों पर एक्टिव रहती थी। जिससे ये अपना शिकार आसानी से ढूंढ सके। पुलिस ने इस तरह की ठगी के पैटर्न और इनसे बचने के तरीके भी बताएं हैं। बर्तन व्यापारी को बनाया शिकार आरिफ खान ने गोलबाजार थाने में अपनी शिकायत में बताया कि, वो बलौदाबाजार का रहने वाला है। प्लास्टिक और स्टील बर्तन का बिजनेस चलाता है। वो अपने बैग में कैश लेकर सामान लेने के लिए 12 जून को रायपुर आया था। तेलीबांधा चौक से जयस्तंभ चौक तक ई रिक्शा में बैठा। इस दौरान दो महिलाएं भी उसके साथ बैठ गई। वो गोल बाजार में एक दुकान पर उतर गया और अपना बैग चेक किया, तो उसमें रखे 60 हजार रुपए गायब थे। उसने गोलबाजार थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई है। किराना व्यापारी के साथ 2 लाख की उठाईगिरी मुकेश कुमार भोजवानी ने 19 अप्रैल को मौदहापारा थाने में अपनी शिकायत में बताया कि वो तिल्दा नेवरा में रहता है। किराना व्यापारी है। वो शारदा चौक जाने के लिए रेलवे स्टेशन से ई-रिक्शा में बैठा था। उसके साथ बगल में दो महिलाएं भी बैठी थी। वह मंजू ममता होटल के पास उतर गया, फिर सामान लेने चला गया। जब उसने अपना बैग चेक किया तो उसमें 500-500 के बंडल करीब 2 लाख रुपए गायब थे। पुलिस ने दो मामलों में 4 महिलाओं को गिरफ्तार किया पुलिस ने CCTV जांच में संदिग्ध महिलाओं की पहचान की। इसके बाद 4 महिला मालती शेण्डे, प्रिया इंचुरकर, शालीता उफाडे और संगीता पात्रे से पूछताछ की। महिलाओं ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन सख्ती होते ही सच उगल दिया। पुलिस ने महिलाओं से चोरी किए 35 हजार कैश जब्त किया है। ये महिलाएं सीतानगर गोगांव थाना गुढियारी में छिपकर रह रही थी। गिरफ्तार महिला आरोपी (गोलबाजार थाना केस) 1. मालती शेंडे पति शिवा शेंडे (37) निवासी कन्हान रेलवे स्टेशन के पीछे सत्रापुर थाना कन्हान जिला नागपुर (महाराष्ट्र)। हाल पता- सीतानगर गोगांव थाना गुढियारी रायपुर।
2. प्रिया इंचुरकर पति भोला इंचुरकर (40) निवासी गोल्डन बार के पीछे एम जी नगर तारसा रोड थाना कन्हान जिला नागपुर (महाराष्ट्र)। हाल पता- सीतानगर गोगांव थाना गुढियारी रायपुर। गिरफ्तार महिला आरोपी ( मौदहापारा थाना केस) 1. शालीता उफाडे पति संतोष उफाडे (40) निवासी एम जी नगर मुण्ड कोटा थाना तिरोड़ा जिला नागपुर (महाराष्ट्र)। हाल पता- सीतानगर गोगांव थाना गुढियारी रायपुर। 2. संगीता पात्रे पति विनोद पात्रे (40) निवासी सरकारी स्कुल के पास नवेगांव थाना, जिला गोंदिया (महाराष्ट्र)। हाल पता- सीतानगर गोगांव थाना गुढियारी रायपुर। करीब आधे दर्जन वारदात करने के बाद छोड़ देती हैं शहर रायपुर पश्चिम ASP दौलतराम पोर्ते के मुताबिक, इस गैंग के सदस्य अलग-अलग राज्यों में घूमकर शातिर तरीके से चोरी और ठगी को अंजाम देते हैं। ये ज्यादातर सोने की चेन, पर्स और मोबाइल को टारगेट करती हैं। ये भीड़भाड़ वाली जगह में टारगेट खोजते हैं। चोरी के बाद ये एक दूसरे को इशारा कर देती हैं। फिर सभी एक साथ मौके से फरार हो जाती हैं। गैंग किसी भी शहर में करीब 6 से ज्यादा वारदातें करता है। फिर ये उस शहर को छोड़ देते हैं। ठगी के अलग-अलग पैटर्न- मदद लेने के बहाने ठगी जमीन पर नोट गिराकर भटकाते हैं ध्यान महिलाओं का चोर गैंग तीन से चार की संख्या में महिलाएं सामान्य तरीके से आपके आसपास मौजूद रहेंगी। संभावना है कि इनमें से किसी एक के पास बच्चा भी हो। जिससे उन पर किसी को शक न हो पाए। इन महिलाओं का गैंग किसी भी तरीके से आपका ध्यान भटका कर चोरी या स्नेचिंग को अंजाम दे सकता है। इस तरह हो सकती है संदिग्ध की पहचान- अलग वेशभूषा और भाषा-बोली ज्यादातर इस गैंग की महिलाएं, स्थानीय महिलाओं से एक अलग वेशभूषा में रहती हैं। यह किसी विशेष इलाके या कबीले से जुड़े होते हैं। इस वजह से इनके कपड़े या पहनावे में वहां की छाप होती है।
महिलाओं का गैंग आपस में एक-दूसरे से एक अलग भाषा और बोली में बातें करती हैं। ये दूसरी भाषाओं को पढ़ने या सीखने में उतनी सक्षम नहीं होती। ध्यान भटकाने में माहिर इन महिलाओं का गैंग भीड़ वाले इलाके या बस/ऑटो में घुसकर अलग-अलग तरीकों से ध्यान भटकाता है। फिर सामने वाले का कुछ सेकेंड के लिए जैसे ही ध्यान भटकता है। ग्रुप की एक अन्य महिला पैसे, पर्स और सोने की चेन पार कर देती है। इमोशनल फैक्ट या पूछताछ के बहाने बातचीत की शुरुआत इस गैंग की महिलाएं किसी इमोशनल फैक्ट या अनजान बनकर बातचीत की शुरुआत करती हैं। जैसे कि ऑटो या बस में सवारी के दौरान स्पीड ब्रेकर में कमर या पैर दर्द की बात करेंगी। किसी फेमस रास्ते या दुकान के बारे में पूछना। जिससे की आप तुरंत जवाब देने लगो। इस दौरान मौका पाकर दूसरी महिला वारदात कर लेती हैं। आपस में कोई चौंकाने वाली बात करना सफर के दौरान इन महिलाओं का गैंग आपस में जोर-जोर से कुछ चौंकाने वाली बातचीत करती हैं। ये ध्यान भटकाने की तकनीक है। उनकी कोशिश रहती है कि इन बातों के बीच से आप कोई एक लाइन में उलझ जाओ। फिर वो आसानी से वारदात कर ले। धक्का-मुक्की देकर झटके से चेन या मोबाइल खींचना भीड़ वाले इलाकों में ये महिलाएं तीन से चार की संख्या में होती है। ये अपने टारगेट को तीन-चार तरफ से घेर लेती हैं। फिर तंग जगहों पर धक्का-मुक्की का फायदा उठाकर कुछ लोग ध्यान भटकाते रहते हैं और एक महिला चोरी कर लेती है। ऐसे अपराधों के शिकार होने से बचने के तरीके