राशन वितरण में डिजिटल व्यवस्था से परेशानी:कोंडागांव में नेटवर्क और OTP की समस्या से ग्रामीण हलकान; बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत

कोंडागांव जिले में राशन वितरण की नई डिजिटल व्यवस्था ग्रामीणों के लिए चुनौती बन गई है। विकासखंड कोंडागांव के उमरगांव, दाड़िया और केंवटी सहित कई गांवों के लोग राशन लेने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। राशन दुकानों पर लोग लंबी कतारों में खड़े रहते हैं। मोबाइल पर ओटीपी न आने या देर से आने के कारण कई लोगों को बिना राशन के लौटना पड़ता है। खासकर बुजुर्ग और मोबाइल न रखने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जब तक नेटवर्क और तकनीकी समस्याएं दूर नहीं होतीं, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। जिससे गरीबों, बुजुर्गों और मोबाइल विहीन हितग्राहियों को राहत मिल सके। बुजुर्ग को पास मोबाइल नहीं 70 वर्षीय कमला बाई के पास मोबाइल नहीं है और बेटे के साथ दुकान जाने पर भी घंटों इंतजार के बाद ओटीपी नहीं मिलता। कुछ हितग्राहियों का कहना है कि ओटीपी आने में कभी-कभी एक घंटा तक लग जाता है। क्षेत्र में कमजोर नेटवर्क से यह समस्या और बढ़ जाती है। लेप्स संचालक ने बताई तकनीकी बाधाएं स्थानीय लेप्स संचालक ने बताया कि इस क्षेत्र में नेटवर्क कमजोर है, जिस कारण ओटीपी आधारित वितरण बाधित हो रहा है। नई प्रणाली में ओटीपी और मोबाइल अनिवार्य कर दिए गए हैं, पर यहां अभी तक आधारयुक्त फिंगरप्रिंट सत्यापन की नई मशीनें नहीं आई हैं। 22-23 जून तक मशीनें आ जाएंगी तो व्यवस्था सुचारु हो जाएगी। फिंगरप्रिंट स्कैन से होगा समस्या का हल जिला खाद्य अधिकारी नवीन श्रीवास्तव ने बताया कि समस्या का मुख्य कारण आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर हैं। ओटीपी उसी नंबर पर जाता है जो आधार कार्ड में दर्ज है। उन्होंने आश्वासन दिया कि माह के अंत तक केंद्र सरकार से नई मशीनें आएंगी। इनमें फिंगरप्रिंट स्कैन से राशन वितरण होगा, जिससे यह समस्या हल हो जाएगी।

Jun 18, 2025 - 13:11
 0  4
राशन वितरण में डिजिटल व्यवस्था से परेशानी:कोंडागांव में नेटवर्क और OTP की समस्या से ग्रामीण हलकान; बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत
कोंडागांव जिले में राशन वितरण की नई डिजिटल व्यवस्था ग्रामीणों के लिए चुनौती बन गई है। विकासखंड कोंडागांव के उमरगांव, दाड़िया और केंवटी सहित कई गांवों के लोग राशन लेने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। राशन दुकानों पर लोग लंबी कतारों में खड़े रहते हैं। मोबाइल पर ओटीपी न आने या देर से आने के कारण कई लोगों को बिना राशन के लौटना पड़ता है। खासकर बुजुर्ग और मोबाइल न रखने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जब तक नेटवर्क और तकनीकी समस्याएं दूर नहीं होतीं, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। जिससे गरीबों, बुजुर्गों और मोबाइल विहीन हितग्राहियों को राहत मिल सके। बुजुर्ग को पास मोबाइल नहीं 70 वर्षीय कमला बाई के पास मोबाइल नहीं है और बेटे के साथ दुकान जाने पर भी घंटों इंतजार के बाद ओटीपी नहीं मिलता। कुछ हितग्राहियों का कहना है कि ओटीपी आने में कभी-कभी एक घंटा तक लग जाता है। क्षेत्र में कमजोर नेटवर्क से यह समस्या और बढ़ जाती है। लेप्स संचालक ने बताई तकनीकी बाधाएं स्थानीय लेप्स संचालक ने बताया कि इस क्षेत्र में नेटवर्क कमजोर है, जिस कारण ओटीपी आधारित वितरण बाधित हो रहा है। नई प्रणाली में ओटीपी और मोबाइल अनिवार्य कर दिए गए हैं, पर यहां अभी तक आधारयुक्त फिंगरप्रिंट सत्यापन की नई मशीनें नहीं आई हैं। 22-23 जून तक मशीनें आ जाएंगी तो व्यवस्था सुचारु हो जाएगी। फिंगरप्रिंट स्कैन से होगा समस्या का हल जिला खाद्य अधिकारी नवीन श्रीवास्तव ने बताया कि समस्या का मुख्य कारण आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर हैं। ओटीपी उसी नंबर पर जाता है जो आधार कार्ड में दर्ज है। उन्होंने आश्वासन दिया कि माह के अंत तक केंद्र सरकार से नई मशीनें आएंगी। इनमें फिंगरप्रिंट स्कैन से राशन वितरण होगा, जिससे यह समस्या हल हो जाएगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

PoliceDost Police and Public Relations