तेंदूपत्ता घोटाला… EOW की जांच के बाद 3 डिप्टी रेंजर समेत 11 वनकर्मी गिरफ्तार
Tendu patta Scam: रायपुर में ईओडब्ल्यू ने 7 करोड़ रुपए के तेंदूपत्ता घोटाले में सुकमा वनमंडल के 3 डिप्टी रेंजर और 7 वनकर्मियों को गिरफ्तार किया।
Tendu patta Scam: छत्तीसगढ़ के रायपुर में ईओडब्ल्यू ने 7 करोड़ रुपए के तेंदूपत्ता घोटाले में सुकमा वनमंडल के 3 डिप्टी रेंजर और 7 वनकर्मियों को गिरफ्तार किया, इसमें डिप्टी रेंजर चैतूराम बघेल, देवनाथ भारद्वाज, पोड़ियामी इड़िमा (हिडमा) वनरक्षक मनीष कुमार बारसे और प्रबंधक-पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु, मो. शरीफ, सीएच. रमना (चिट्टूरी), सुनील नुप्पो, रवि कुमार गुप्ता, आयतू कोरसा एवं मनोज कवासी शामिल है।
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Tendu patta Scam: जांच के बाद आरोपियों पर कार्रवाई
उक्त सभी ने मिली भगत कर तेंदूपत्ता संग्राहकों को दिए जाने वाले बोनस की रकम को आपस में बांट लिया था। प्रकरण की जांच के दौरान सिंडीकेट बनाकर घोटाला करने की जानकारी मिली। इसके आधार पर सभी को गिरफ्तार किया गया है।
वहीं घोटाले में संलिप्ता को देखते हुए वन विभाग द्वारा बोनस वितरण में लापरवाही बरतने वाले 11 प्राथमिक वनोपज समितियों के प्रबंधकों को कार्य से पृथक करते हुए संचालक मंडलों को भंग कर दिया गया है। बता दें कि इस घोटाले में सुकमा के तत्कालीन डीएफओ अशोक कुमार पटेल को पहले ही 17 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
ऐसे हुआ घोटाला
तेंदूपत्ता संग्रहण के एवज में संग्राहकों को वर्ष 2021 एवं 2022 का तेंदुपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक हेतु संग्राहको को दिया जाना था। लेकिन, तत्कालीन डीएफओ ने वनकर्मियों के साथ सांठगांठ कर 7 करोड़ रुपए आपस में बांट लिया। साथ ही दस्तावेजों में इसे वितरित करना बताया।
यह राशि मृतक वनकर्मियों के साथ ही अपने करीबी लोगों को बांटा गया। जिनका तेंदूपत्ता तोड़ाई और संग्रहण कार्य से कोई नाता ही नहीं था। शिकायत पर जांच के बाद ईओडब्ल्यू द्वारा छापेमारी की गई थी। जिनका तेंदूपत्ता तोड़ाई और संग्रहण कार्य से कोई नाता ही नहीं था। शिकायत पर जांच के बाद ईओडब्ल्यू द्वारा छापेमारी की गई थी।
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