खतरे में सेहत:सुकमा जिले में 15 हजार लोगों की जांच में मिल चुके हैं 468 मलेरिया

जिले में मलेरिया का प्रकोप बारिश के शुरू होने के साथ ही बढ़ने लगा है। इस बीच जिले के आश्रम-पोटाकेबिन में रह रहे बच्चों की जांच की गई। जांच में 350 बच्चे मलेरिया पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा बच्चे एसिंप्टोमैटिक हैं, यानि उनमें मलेरिया के कोई भी लक्षण नहीं मिले हैं। मलेरिया के लक्षण नहीं मिलने के चलते इन 80 फीसदी बच्चों की संख्या ज्यादा चिंताजनक बनी हुई है। बताया जाता है कि जिले के आश्रम-पोटाकेबिन के 3765 बच्चों की जांच की गई थी। सबसे ज्यादा मलेरिया के मामले आश्रमों में पाए गए हैं, जहां मच्छरदानी तक नहीं है। बीते 6 दिनों में जिले के 15 हजार से ज्यादा लोगों की जांच की गई, जिसमें कुल 468 मलेरिया पॉजिटिव मिल चुके हैं। वहीं आश्रम-पोटाकेबिन में मिले मलेरिया पॉजिटिव बच्चों के आंकड़े ज्यादा चिंताजनक हैं। जिला अस्पताल के डॉ. केविन थॉमस बताते हैं कि किट की जांच सस्पेक्टेड होती है। इसलिए बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों की स्लाइड से भी जांच कर उन्हें दवाएं दी जा रही हैं। एनीमिया की समस्या हो सकती है मलेरिया से... डॉ. थॉमस बताते हैं कि मलेरिया खून में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है, जिससे एनीमिया की समस्या हो सकती है। भले ही व्यक्ति में कोई स्पष्ट लक्षण न दिखाई दें, लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी से मलेरिया संक्रमण शरीर पर हावी होकर भयावह रूप ले सकता है। ऐसे में अन्य बीमारियों के प्रति भी शरीर ज्यादा संवेदनशील हो जाता है और शरीर के कमजोर होने से दूसरी तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। बिना लक्षण वाले व्यक्ति भी दूसरों को मच्छरों के जरिए मलेरिया फैला सकते हैं। एसिंप्टोमैटिक मलेरिया में सेरिब्रल मलेरिया का खतरा एसिंप्टोमैटिक मलेरिया का इलाज सही समय पर नहीं किया गया तो सेरिब्रल मलेरिया जैसे भयावह परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल मलेरिया के सिर में चढ़ने या मस्तिष्क में मलेरिया पहुंचने को ही सेरिब्रल मलेरिया कहा जाता है, कुछ मामलों में एसिंप्टोमैटिक मलेरिया दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकता है। रोजाना मिल रहे 90 से 100 पॉजिटिव मरीज मलेरिया मुक्त अभियान के तहत की जा रही जांच में चार ब्लॉकों में बड़ी संख्या में मलेरिया के पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। अभी आश्रम-पोटाकेबिन से जांच की शुरुआत की गई है। जिससे चौंकाने वाले तथ्य मिल रहे हैं। वहीं अभियान के तहत कुछ टीमें ग्रामीण इलाकों तक पहुंच चुकी हैं, जहां रोजाना 90 से 100 पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं।

Jul 16, 2025 - 09:40
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खतरे में सेहत:सुकमा जिले में 15 हजार लोगों की जांच में मिल चुके हैं 468 मलेरिया
जिले में मलेरिया का प्रकोप बारिश के शुरू होने के साथ ही बढ़ने लगा है। इस बीच जिले के आश्रम-पोटाकेबिन में रह रहे बच्चों की जांच की गई। जांच में 350 बच्चे मलेरिया पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा बच्चे एसिंप्टोमैटिक हैं, यानि उनमें मलेरिया के कोई भी लक्षण नहीं मिले हैं। मलेरिया के लक्षण नहीं मिलने के चलते इन 80 फीसदी बच्चों की संख्या ज्यादा चिंताजनक बनी हुई है। बताया जाता है कि जिले के आश्रम-पोटाकेबिन के 3765 बच्चों की जांच की गई थी। सबसे ज्यादा मलेरिया के मामले आश्रमों में पाए गए हैं, जहां मच्छरदानी तक नहीं है। बीते 6 दिनों में जिले के 15 हजार से ज्यादा लोगों की जांच की गई, जिसमें कुल 468 मलेरिया पॉजिटिव मिल चुके हैं। वहीं आश्रम-पोटाकेबिन में मिले मलेरिया पॉजिटिव बच्चों के आंकड़े ज्यादा चिंताजनक हैं। जिला अस्पताल के डॉ. केविन थॉमस बताते हैं कि किट की जांच सस्पेक्टेड होती है। इसलिए बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों की स्लाइड से भी जांच कर उन्हें दवाएं दी जा रही हैं। एनीमिया की समस्या हो सकती है मलेरिया से... डॉ. थॉमस बताते हैं कि मलेरिया खून में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है, जिससे एनीमिया की समस्या हो सकती है। भले ही व्यक्ति में कोई स्पष्ट लक्षण न दिखाई दें, लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी से मलेरिया संक्रमण शरीर पर हावी होकर भयावह रूप ले सकता है। ऐसे में अन्य बीमारियों के प्रति भी शरीर ज्यादा संवेदनशील हो जाता है और शरीर के कमजोर होने से दूसरी तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। बिना लक्षण वाले व्यक्ति भी दूसरों को मच्छरों के जरिए मलेरिया फैला सकते हैं। एसिंप्टोमैटिक मलेरिया में सेरिब्रल मलेरिया का खतरा एसिंप्टोमैटिक मलेरिया का इलाज सही समय पर नहीं किया गया तो सेरिब्रल मलेरिया जैसे भयावह परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल मलेरिया के सिर में चढ़ने या मस्तिष्क में मलेरिया पहुंचने को ही सेरिब्रल मलेरिया कहा जाता है, कुछ मामलों में एसिंप्टोमैटिक मलेरिया दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकता है। रोजाना मिल रहे 90 से 100 पॉजिटिव मरीज मलेरिया मुक्त अभियान के तहत की जा रही जांच में चार ब्लॉकों में बड़ी संख्या में मलेरिया के पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। अभी आश्रम-पोटाकेबिन से जांच की शुरुआत की गई है। जिससे चौंकाने वाले तथ्य मिल रहे हैं। वहीं अभियान के तहत कुछ टीमें ग्रामीण इलाकों तक पहुंच चुकी हैं, जहां रोजाना 90 से 100 पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं।

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