बैज केदार से बोले- पैंट गीली हो जाएगी:पीसीसी चीफ ने कहा-वन मंत्री हसदेव-तमनार चलें, कश्यप ने कहा था- कांग्रेस ने आदिवासियों से छलावा किया
दिल्ली में राहुल गांधी से मीटिंग के बाद दीपक बैज मंगलवार को रायपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वन मंत्री केदार कश्यप को कहा कि आपको लगता है कि प्रदेश में आदिवासियों का विकास हो रहा है, तो मेरे साथ हसदेव और तमनार चलिए। बैलाडीला और कोरंडम खदान क्षेत्रों में जाकर आदिवासियों से खुद पूछिए। बैज ने कहा कि वन मंत्री वहां जाएंगे और सच सुनेंगे, तो उनकी पैंट गीली हो जाएगी। आपको आदिवासियों के विकास का इतना भरोसा है तो चलिए हसदेव, तमनार, बैलाडीला। आपको पता चल जाएगा की आदिवासियों का विकास हुआ है या विनाश हुआ है। इस पर छत्तीसगढ़ बीजेपी ने कहा कि बात आदिवासी सम्मान की करते हैं, लेकिन टिकट देते समय आदिवासी नेताओं को दरकिनार कर दिया जाता है। कांग्रेस को बताना चाहिए कि आदिवासी सिर्फ चुनाव के समय ही इन्हें याद क्यों आते हैं? अब जानिए क्या है पूरा मामला ? दरअसल, सोमवार को राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के आदिवासी नेताओं के साथ बैठक की थी। इस पर छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने दीपक बैज से सवाल पूछा था। उन्होंने कहा था कि भूपेश सरकार के शासनकाल में प्रदेश के आदिवासियों के साथ तो छलावा और धोखाधड़ी का एक पूरा सिलसिला चला। उन्होंने कहा था कि उस वक्त बैज और मरकाम मुंह में दही जमाए बैठे रहे। मरकाम को तो फिर भी विधानसभा में कोंडागांव जिले के डीएमएफ फंड पर सवाल उठाने की कीमत अध्यक्ष पद खोकर चुकानी पड़ी, लेकिन अभी हाल ही कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में सबके सामने अपने नेतृत्व पर किए गए हमले के बाद भी बैज मौनी बाबा बने रहे। केदार ने कहा था कि आदिवासियों के हक और कल्याण की सोच और दृष्टि से जिस कांग्रेस का दूर-दूर तक कोई रिश्ता ही नहीं है। राहुल गांधी आदिवासी नेताओं से मिलने का सिर्फ पाखंड ही कर रहे हैं। वन मंत्री कश्यप ने राहुल गांधी और प्रदेश के कांग्रेस नेताओं से सवाल किया था कश्यप के सवालों पर क्या बोले दीपक बैज ? कश्यप के सवालों पर पीसीसी अध्यक्ष बैज ने कहा कि आप आदिवासियों के लिए काम नहीं कर सकते। आप वन मंत्री हैं, लेकिन प्रदेश में जंगल काटे जा रहे हैं। मैं समझता हूं, इस कुर्सी पर बने रहने का आपको कोई अधिकार नहीं है। आप कुर्सी छोड़ दीजिए। बैज ने आगे कहा, आप जैसे कई आदिवासी युवा हैं, जो बेरोजगार हैं, जिन्हें नौकरी नहीं मिल रही है। आपकी सरकार नौकरी नहीं दे पा रही है। बैज ने किए वन मंत्री से सवाल कांग्रेस के शासनकाल में आदिवासी छात्रावासों में बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ” भाजपा प्रवक्ता अमित ने कहा कि कांग्रेस शासन में छात्रावासों में पढ़ने वाली आदिवासी बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुईं और जब वे गर्भवती हुईं, तब बातें सामने आती थी। कांग्रेस सरकार के समय तेंदूपत्ता संग्राहकों को समय पर पारिश्रमिक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि महिलाएं सिर पर टोकरी उठाकर दूर-दूर तक तेंदूपत्ता बेचने जाती थीं, लेकिन उनका मेहनताना उन्हें नहीं मिलता था। चिमनानी ने कहा कि दीपक बैज जी आप बेतुके सवाल पूछना बंद कीजिए, पहले अपना हिसाब दीजिए। ................................ इससे संबंधित यह खबर भी पढ़ें राहुल गांधी से मीटिंग....आदिवासियों के लिए अलग धर्म-कोड की मांग: बैज बोले-BJP जल-जंगल-जमीन लूट रही, मंत्री केदार बोले-कांग्रेस ने किसी आदिवासी को राज्यसभा क्यों नहीं भेजा लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेताओं की दिल्ली में बैठक हुई। बैठक में जल, जंगल, जमीन समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान आदिवासी नेताओं ने राहुल गांधी से लोकसभा सदन में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड देने की मांग रखने की अपील की। पढ़ें पूरी खबर....
दिल्ली में राहुल गांधी से मीटिंग के बाद दीपक बैज मंगलवार को रायपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वन मंत्री केदार कश्यप को कहा कि आपको लगता है कि प्रदेश में आदिवासियों का विकास हो रहा है, तो मेरे साथ हसदेव और तमनार चलिए। बैलाडीला और कोरंडम खदान क्षेत्रों में जाकर आदिवासियों से खुद पूछिए। बैज ने कहा कि वन मंत्री वहां जाएंगे और सच सुनेंगे, तो उनकी पैंट गीली हो जाएगी। आपको आदिवासियों के विकास का इतना भरोसा है तो चलिए हसदेव, तमनार, बैलाडीला। आपको पता चल जाएगा की आदिवासियों का विकास हुआ है या विनाश हुआ है। इस पर छत्तीसगढ़ बीजेपी ने कहा कि बात आदिवासी सम्मान की करते हैं, लेकिन टिकट देते समय आदिवासी नेताओं को दरकिनार कर दिया जाता है। कांग्रेस को बताना चाहिए कि आदिवासी सिर्फ चुनाव के समय ही इन्हें याद क्यों आते हैं? अब जानिए क्या है पूरा मामला ? दरअसल, सोमवार को राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के आदिवासी नेताओं के साथ बैठक की थी। इस पर छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने दीपक बैज से सवाल पूछा था। उन्होंने कहा था कि भूपेश सरकार के शासनकाल में प्रदेश के आदिवासियों के साथ तो छलावा और धोखाधड़ी का एक पूरा सिलसिला चला। उन्होंने कहा था कि उस वक्त बैज और मरकाम मुंह में दही जमाए बैठे रहे। मरकाम को तो फिर भी विधानसभा में कोंडागांव जिले के डीएमएफ फंड पर सवाल उठाने की कीमत अध्यक्ष पद खोकर चुकानी पड़ी, लेकिन अभी हाल ही कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में सबके सामने अपने नेतृत्व पर किए गए हमले के बाद भी बैज मौनी बाबा बने रहे। केदार ने कहा था कि आदिवासियों के हक और कल्याण की सोच और दृष्टि से जिस कांग्रेस का दूर-दूर तक कोई रिश्ता ही नहीं है। राहुल गांधी आदिवासी नेताओं से मिलने का सिर्फ पाखंड ही कर रहे हैं। वन मंत्री कश्यप ने राहुल गांधी और प्रदेश के कांग्रेस नेताओं से सवाल किया था कश्यप के सवालों पर क्या बोले दीपक बैज ? कश्यप के सवालों पर पीसीसी अध्यक्ष बैज ने कहा कि आप आदिवासियों के लिए काम नहीं कर सकते। आप वन मंत्री हैं, लेकिन प्रदेश में जंगल काटे जा रहे हैं। मैं समझता हूं, इस कुर्सी पर बने रहने का आपको कोई अधिकार नहीं है। आप कुर्सी छोड़ दीजिए। बैज ने आगे कहा, आप जैसे कई आदिवासी युवा हैं, जो बेरोजगार हैं, जिन्हें नौकरी नहीं मिल रही है। आपकी सरकार नौकरी नहीं दे पा रही है। बैज ने किए वन मंत्री से सवाल कांग्रेस के शासनकाल में आदिवासी छात्रावासों में बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ” भाजपा प्रवक्ता अमित ने कहा कि कांग्रेस शासन में छात्रावासों में पढ़ने वाली आदिवासी बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुईं और जब वे गर्भवती हुईं, तब बातें सामने आती थी। कांग्रेस सरकार के समय तेंदूपत्ता संग्राहकों को समय पर पारिश्रमिक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि महिलाएं सिर पर टोकरी उठाकर दूर-दूर तक तेंदूपत्ता बेचने जाती थीं, लेकिन उनका मेहनताना उन्हें नहीं मिलता था। चिमनानी ने कहा कि दीपक बैज जी आप बेतुके सवाल पूछना बंद कीजिए, पहले अपना हिसाब दीजिए। ................................ इससे संबंधित यह खबर भी पढ़ें राहुल गांधी से मीटिंग....आदिवासियों के लिए अलग धर्म-कोड की मांग: बैज बोले-BJP जल-जंगल-जमीन लूट रही, मंत्री केदार बोले-कांग्रेस ने किसी आदिवासी को राज्यसभा क्यों नहीं भेजा लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेताओं की दिल्ली में बैठक हुई। बैठक में जल, जंगल, जमीन समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान आदिवासी नेताओं ने राहुल गांधी से लोकसभा सदन में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड देने की मांग रखने की अपील की। पढ़ें पूरी खबर....