RI-भर्ती में 72 रिश्तेदार बैठे...चयन 13 का:जांच कमेटी ने 22 का सिलेक्शन बताया, कैंडिडेट बोला- मैं जनरल, लेकिन OBC–ST को रिश्तेदार बता दिया
छत्तीसगढ़ में राजस्व भर्ती परीक्षा (RI) 2024 में गड़बड़ी की शिकायत के बाद जांच कमेटी की रिपोर्ट पर ही सवाल उठ रहे हैं। RTI से मिले दस्तावेजों के आधार पर जिन अभ्यर्थियों को जांच कमेटी ने रिश्तेदार बताया उनमें से कई अभ्यर्थी एक-दूसरे को जानते तक नहीं। 07 जनवरी 2024 को हुई इस परीक्षा में 2600 से ज्यादा पटवारियों ने हिस्सा लिया। 29 फरवरी 2024 को परीक्षा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें 216 पटवारियों का चयन प्रशिक्षण के लिए हुआ। हालांकि इनमें से सिर्फ 13 अभ्यर्थियों का ही अंतिम चयन हुआ, लेकिन जांच कमेटी ने 22 के सिलेक्शन पर सवाल उठाए हैं। लेकिन शिकायतों में यह प्रमुख मुद्दा बना कि परीक्षा में बड़ी संख्या में परिवारजनों या करीबी रिश्तेदारों को सुनियोजित तरीके से बैठाया गया। विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। भूपेश बघेल ने इसकी CBI जांच मांगी। मंत्री टंकराम वर्मा ने गड़बड़ी मानते हुए EOW को जांच के निर्देश दिए थे। अब दो केस स्टडी के साथ पूरी रिपोर्ट विस्तार से पढ़िए:- केस 1: “जिन्हें रिश्तेदार बताया, हम एक-दूसरे को जानते तक नहीं” नाम: अमित सिन्हा स्थिति: चयनित अभ्यर्थी, राजस्व निरीक्षक परीक्षा 2024 "मैं इस परीक्षा में शामिल हुआ और मेरा चयन हुआ। लेकिन RTI से मिले दस्तावेजों में मुझे लोकनाथ सिन्हा और रविन्द्र कुमार का रिश्तेदार बताया गया है, जबकि सच्चाई यह है कि हम एक-दूसरे को जानते तक नहीं। सिर्फ इसलिए कि हमारे पिता का नाम एक जैसा है और इसी आधार पर हमारी बैठक व्यवस्था पास-पास थी, हमें रिश्तेदार घोषित कर दिया गया। हकीकत ये है कि- हम तीनों का कोई पारिवारिक संबंध नहीं है। हैरानी की बात यह है कि जांच समिति ने हमसे न कोई संपर्क किया, न ही कोई बयान लिया, और न यह परखा कि हम रिश्तेदार हैं भी या नहीं। केस 2: “रोल नंबर पास था, पर बैठने की जगह और नंबर अलग” नाम: जितेन्द्र ध्रुव पद: पटवारी, बिलासपुर संबंधित अभ्यर्थी: भाई निमेश ध्रुव (पटवारी, बेमेतरा) "मैं और मेरा भाई निमेश दोनों ही इस परीक्षा में शामिल हुए। रोल नंबर पिता के नाम के आधार पर अलॉट हुआ, जिससे हमारे रोल नंबर पास-पास आए। लेकिन परीक्षा केंद्र में बैठने की व्यवस्था अलग थी। ये वो अभ्यर्थी है जिन्हें विभागीय परीक्षा में रिश्तेदार बताकर गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। इसी तरह कांकेर जिले की एक महिला पटवारी को भी एक अन्य अभ्यर्थी का रिश्तेदार बताया गया है, लेकिन उन्होंने भी इस रिश्तेदारी से इनकार किया है। इन मामलों से यह स्पष्ट होता है कि जिन अभ्यर्थियों को रिश्तेदार बताकर गड़बड़ी की आशंका जताई गई, उनकी न तो ठीक से जांच हुई और न ही पक्ष सुना गया। इससे न केवल परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल खड़े हुए हैं, बल्कि चयनित अभ्यर्थियों का भविष्य भी अधर में लटक गया है। RI परीक्षा 2024: कैंडिडेट्स जो आपस में रिश्तेदार हैं उनकी लिस्ट परीक्षा में 22 या 13 नहीं, 72 रिश्तेदार शामिल थे जब विभागीय परीक्षा से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल की गई, तो सामने आया कि 2600 से ज्यादा परीक्षार्थियों में कम से कम 72 अभ्यर्थी आपस में रिश्तेदार थे। इन नामों और संबंधों की जानकारी चयनित पटवारियों ने ही एकत्र की है। हालांकि इनमें से सिर्फ 13 अभ्यर्थियों का ही अंतिम चयन हुआ, लेकिन शिकायतों में यह प्रमुख मुद्दा बना कि परीक्षा में बड़ी संख्या में परिवारजनों या करीबी रिश्तेदारों को सुनियोजित तरीके से बैठाया गया। इसके अलावा, कई ऐसे मामले भी सामने आए जहां एक ही परिवार के उम्मीदवारों के अंक अलग-अलग स्थानों पर बैठने के बावजूद काफी करीब या समान थे, जिससे परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठे। मामले की शुरुआत कहां से हुई? 07 जनवरी 2024 राजस्व निरीक्षक के लिए विभागीय परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें 2600 से ज्यादा पटवारियों ने हिस्सा लिया। 29 फरवरी 2024 को परीक्षा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें 216 पटवारियों का चयन प्रशिक्षण के लिए हुआ। इसके बाद राजस्व पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप ने परीक्षा में रिश्तेदारों के चयन और अन्य अनियमितताओं की शिकायत करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। साथ ही संघ ने मंत्री को ज्ञापन सौंपा, विभाग ने एक जांच कमेटी गठित की, जिसने कुछ शिकायतों को सही और कुछ को निराधार माना। हालांकि, जहां जांच कमेटी ने 22 चयनितों पर सवाल उठाए, वहीं विधानसभा में यह संख्या 13 बताई गई। इधर, हाईकोर्ट ने चयनितों की ट्रेनिंग शुरू करने के निर्देश दिए, लेकिन शासन ने मामला गृह विभाग को जांच के लिए भेज दिया। इस बीच कई अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। आखिर में यह मामला तीसरी बार EOW/ACB को सौंपा गया, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जा सके। पुरानी OMR शीट से ही हुई विभागीय परीक्षा साल 2024 में आयोजित राजस्व निरीक्षक (RI) विभागीय परीक्षा को लेकर एक और तकनीकी सवाल उठ खड़ा हुआ है। दरअसल, इस परीक्षा में वही पुरानी OMR शीट इस्तेमाल की गई जो 2018 की भर्ती परीक्षाओं में उपयोग की गई थी। इस OMR शीट में परीक्षार्थियों को अपना मोबाइल नंबर भरना होता था, जो आमतौर पर प्रतियोगी परीक्षाओं में गोपनीयता के मानकों के खिलाफ माना जाता है। हालांकि, कई अभ्यर्थियों का कहना है कि यह विभागीय पदोन्नति परीक्षा थी, ऐसे में विभाग के पास पहले से सभी उम्मीदवारों का डेटा बेस मौजूद था, और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी पहले से विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज थी। बावजूद इसके, OMR के पुराने प्रारूप का प्रयोग परीक्षा की पारदर्शिता और गोपनीयता को लेकर प्रश्न खड़े करता है। चयनित अभ्यर्थियों ने EOW को पत्र लिखा विभागीय परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका और लंबित जांच के कारण चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग अब तक शुरू नहीं हो सकी है। इससे परेशान होकर चयनित पटवारियों ने एकजुट होकर संगठन बनाया और EOW को पत्र लिखकर मांग की है कि मामले की जांच में तेजी लाई जाए और दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाए। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा वैध घोषित हो चुकी है, जांच भी पूरी हो चुक
छत्तीसगढ़ में राजस्व भर्ती परीक्षा (RI) 2024 में गड़बड़ी की शिकायत के बाद जांच कमेटी की रिपोर्ट पर ही सवाल उठ रहे हैं। RTI से मिले दस्तावेजों के आधार पर जिन अभ्यर्थियों को जांच कमेटी ने रिश्तेदार बताया उनमें से कई अभ्यर्थी एक-दूसरे को जानते तक नहीं। 07 जनवरी 2024 को हुई इस परीक्षा में 2600 से ज्यादा पटवारियों ने हिस्सा लिया। 29 फरवरी 2024 को परीक्षा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें 216 पटवारियों का चयन प्रशिक्षण के लिए हुआ। हालांकि इनमें से सिर्फ 13 अभ्यर्थियों का ही अंतिम चयन हुआ, लेकिन जांच कमेटी ने 22 के सिलेक्शन पर सवाल उठाए हैं। लेकिन शिकायतों में यह प्रमुख मुद्दा बना कि परीक्षा में बड़ी संख्या में परिवारजनों या करीबी रिश्तेदारों को सुनियोजित तरीके से बैठाया गया। विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। भूपेश बघेल ने इसकी CBI जांच मांगी। मंत्री टंकराम वर्मा ने गड़बड़ी मानते हुए EOW को जांच के निर्देश दिए थे। अब दो केस स्टडी के साथ पूरी रिपोर्ट विस्तार से पढ़िए:- केस 1: “जिन्हें रिश्तेदार बताया, हम एक-दूसरे को जानते तक नहीं” नाम: अमित सिन्हा स्थिति: चयनित अभ्यर्थी, राजस्व निरीक्षक परीक्षा 2024 "मैं इस परीक्षा में शामिल हुआ और मेरा चयन हुआ। लेकिन RTI से मिले दस्तावेजों में मुझे लोकनाथ सिन्हा और रविन्द्र कुमार का रिश्तेदार बताया गया है, जबकि सच्चाई यह है कि हम एक-दूसरे को जानते तक नहीं। सिर्फ इसलिए कि हमारे पिता का नाम एक जैसा है और इसी आधार पर हमारी बैठक व्यवस्था पास-पास थी, हमें रिश्तेदार घोषित कर दिया गया। हकीकत ये है कि- हम तीनों का कोई पारिवारिक संबंध नहीं है। हैरानी की बात यह है कि जांच समिति ने हमसे न कोई संपर्क किया, न ही कोई बयान लिया, और न यह परखा कि हम रिश्तेदार हैं भी या नहीं। केस 2: “रोल नंबर पास था, पर बैठने की जगह और नंबर अलग” नाम: जितेन्द्र ध्रुव पद: पटवारी, बिलासपुर संबंधित अभ्यर्थी: भाई निमेश ध्रुव (पटवारी, बेमेतरा) "मैं और मेरा भाई निमेश दोनों ही इस परीक्षा में शामिल हुए। रोल नंबर पिता के नाम के आधार पर अलॉट हुआ, जिससे हमारे रोल नंबर पास-पास आए। लेकिन परीक्षा केंद्र में बैठने की व्यवस्था अलग थी। ये वो अभ्यर्थी है जिन्हें विभागीय परीक्षा में रिश्तेदार बताकर गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। इसी तरह कांकेर जिले की एक महिला पटवारी को भी एक अन्य अभ्यर्थी का रिश्तेदार बताया गया है, लेकिन उन्होंने भी इस रिश्तेदारी से इनकार किया है। इन मामलों से यह स्पष्ट होता है कि जिन अभ्यर्थियों को रिश्तेदार बताकर गड़बड़ी की आशंका जताई गई, उनकी न तो ठीक से जांच हुई और न ही पक्ष सुना गया। इससे न केवल परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल खड़े हुए हैं, बल्कि चयनित अभ्यर्थियों का भविष्य भी अधर में लटक गया है। RI परीक्षा 2024: कैंडिडेट्स जो आपस में रिश्तेदार हैं उनकी लिस्ट परीक्षा में 22 या 13 नहीं, 72 रिश्तेदार शामिल थे जब विभागीय परीक्षा से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल की गई, तो सामने आया कि 2600 से ज्यादा परीक्षार्थियों में कम से कम 72 अभ्यर्थी आपस में रिश्तेदार थे। इन नामों और संबंधों की जानकारी चयनित पटवारियों ने ही एकत्र की है। हालांकि इनमें से सिर्फ 13 अभ्यर्थियों का ही अंतिम चयन हुआ, लेकिन शिकायतों में यह प्रमुख मुद्दा बना कि परीक्षा में बड़ी संख्या में परिवारजनों या करीबी रिश्तेदारों को सुनियोजित तरीके से बैठाया गया। इसके अलावा, कई ऐसे मामले भी सामने आए जहां एक ही परिवार के उम्मीदवारों के अंक अलग-अलग स्थानों पर बैठने के बावजूद काफी करीब या समान थे, जिससे परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठे। मामले की शुरुआत कहां से हुई? 07 जनवरी 2024 राजस्व निरीक्षक के लिए विभागीय परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें 2600 से ज्यादा पटवारियों ने हिस्सा लिया। 29 फरवरी 2024 को परीक्षा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें 216 पटवारियों का चयन प्रशिक्षण के लिए हुआ। इसके बाद राजस्व पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप ने परीक्षा में रिश्तेदारों के चयन और अन्य अनियमितताओं की शिकायत करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। साथ ही संघ ने मंत्री को ज्ञापन सौंपा, विभाग ने एक जांच कमेटी गठित की, जिसने कुछ शिकायतों को सही और कुछ को निराधार माना। हालांकि, जहां जांच कमेटी ने 22 चयनितों पर सवाल उठाए, वहीं विधानसभा में यह संख्या 13 बताई गई। इधर, हाईकोर्ट ने चयनितों की ट्रेनिंग शुरू करने के निर्देश दिए, लेकिन शासन ने मामला गृह विभाग को जांच के लिए भेज दिया। इस बीच कई अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। आखिर में यह मामला तीसरी बार EOW/ACB को सौंपा गया, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जा सके। पुरानी OMR शीट से ही हुई विभागीय परीक्षा साल 2024 में आयोजित राजस्व निरीक्षक (RI) विभागीय परीक्षा को लेकर एक और तकनीकी सवाल उठ खड़ा हुआ है। दरअसल, इस परीक्षा में वही पुरानी OMR शीट इस्तेमाल की गई जो 2018 की भर्ती परीक्षाओं में उपयोग की गई थी। इस OMR शीट में परीक्षार्थियों को अपना मोबाइल नंबर भरना होता था, जो आमतौर पर प्रतियोगी परीक्षाओं में गोपनीयता के मानकों के खिलाफ माना जाता है। हालांकि, कई अभ्यर्थियों का कहना है कि यह विभागीय पदोन्नति परीक्षा थी, ऐसे में विभाग के पास पहले से सभी उम्मीदवारों का डेटा बेस मौजूद था, और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी पहले से विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज थी। बावजूद इसके, OMR के पुराने प्रारूप का प्रयोग परीक्षा की पारदर्शिता और गोपनीयता को लेकर प्रश्न खड़े करता है। चयनित अभ्यर्थियों ने EOW को पत्र लिखा विभागीय परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका और लंबित जांच के कारण चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग अब तक शुरू नहीं हो सकी है। इससे परेशान होकर चयनित पटवारियों ने एकजुट होकर संगठन बनाया और EOW को पत्र लिखकर मांग की है कि मामले की जांच में तेजी लाई जाए और दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाए। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा वैध घोषित हो चुकी है, जांच भी पूरी हो चुकी है, फिर भी उन्हें ट्रेनिंग नहीं दी जा रही है।