जंगल कटवाने में कांग्रेस का हाथ:दस्तावेज लेकर आए वन मंत्री बोले- मनमोहन सरकार ने हसदेव काटने की मंजूरी दी , बैज ने दिया जवाब
छत्तीसगढ़ में कोल खदानों के लिए जंगल काटे जा रहे हैं। लाखों पेड़ जड़ से उखाड़े जा रहे हैं कोयले की तलाश में ताकि बिजली बन सके। इसे लेकर भाजपा पर कांग्रेस, कांग्रेस- भाजपा पर आरोप लगा रही है। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री कह रहे हैं कि जब देश में मनमोहन सिंह PM थे, यानी कि कांग्रेस की सरकार थी, तब छत्तीसगढ़ के जंगलों को काटकर खदान बनाने की अनुमति दी गई। दूसरी तरफ कांग्रेस का दावा है कि सब कुछ केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार का किया धरा है। सबसे पहले कुछ दस्तावेज लेकर वन मंत्री केदार कश्यप मीडिया के सामने आए। उन्होंने मीडिया के सामने एक वीडियो जारी किया और कहा- जब साल 2010 में केन्द्र में काँग्रेस की सरकार थी, तब कोयला मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया था। उसे कांग्रेसी सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने ही सबसे पहले गो एरिया घोषित किया था। भाजपा ने दस्तावेज प्रेजेंटेशन के माध्यम से कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। वनमंत्री कश्यप ने कहा कि कोल खदान और पेड़ कटाई की बात जब कांग्रेस काल में उठाई जाती थी तो भूपेश बघेल कहते थे कि कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध करने वाले अपने-अपने घरों की बिजली बंद कर दें। तो क्या वह अपने घर और राजीव भवन की बिजली बंद करेंगे? मंत्री कश्यप ने कहा कि यह तथ्य है कि न केवल भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक अशोक गहलोत को आवंटित किया था, बल्कि उससे पहले भी मनमोहन सिंह जी की सरकार में तमाम नियमों को धत्ता बताते हुए छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक आवंटन की राह आसान की थी। उन्होंने कहा कि साल 2010 में केन्द्र में काँग्रेस की सरकार थी, तब कोयला मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया था। उसे कांग्रेस नीत सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने ही सबसे पहले गो एरिया घोषित किया था। मंत्री कश्यप ने कहा कि 23 जून 2011 को केन्द्र में कांग्रेस की सरकार रहते ही तारा परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक को खोलने का प्रस्ताव दिया गया। जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, उस वक्त अडानी को दो बड़ी खदानों गारे पेलमा सेक्टर-2 और राजस्थान में केते एक्सटेंशन ब्लॉक का ऑपरेटर बनाया गया। इसी तरह भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही 16 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने पर्यावरण स्वीकृति के लिए सिफारिश भेजी। मंत्री कश्यप ने कहा कि 31 मार्च 2021 को ओपन कास्ट गारे पेलमा सेक्टर-2, मांड-रायगढ़ कोलफील्ड के लिए हुआ समझौता भी सबके सामने है। इसी क्रम में 19 अप्रैल 2022 को भूपेश बघेल जी के मुख्यमंत्री रहते ही कांग्रेस सरकार द्वारा वन स्वीकृति स्टेज-1 और 23 जनवरी 2023 को वन स्वीकृति स्टेज-2 के लिए सिफारिश भेजी गई। मंत्री कश्यप ने कहा कि महाजेंको कोल फील्ड की स्वीकृति में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संलिप्तता को लेकर तब अनेक अखबारों ने समाचार भी प्रकाशित किए थे। 25 मार्च 2022 को भूपेश सरकार ने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के रहते राजस्थान को कोल माइंस का आबंटन किया था। भाजपा ने कांग्रेस से सवाल किया -
- क्या वह मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए निर्णयों के लिए आज माफ़ी मांगेंगे?
- क्या भूपेश बघेल यह घोषणा करेंगे कि अब कांग्रेस कभी बिजली का उपयोग नहीं करेगी, क्योंकि स्वयं यह कह चुके हैं कि विरोध करने वाले अपने घर की बिजली बंद कर दें।
- क्या कांग्रेस हर अपराधी के पक्ष में ऐसे ही खड़ी होगी, जैसे आज पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे के लिए हुई है? कांग्रेस बोली सब भाजपा की वजह से गड़बड़
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी सरकार ने राजस्थान को कोयला खनन का अधिकार 2015 मेँ दिया जब केंद्र ने कोयला खनिज (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के तहत कोयला खदानों की नीलामी शुरू की।राजस्थान को कोयला खनन के लिए जो मुख्य ब्लॉक परसा ईस्ट और कांता बासन (PEKB) कोल ब्लॉक हसदेव अरण्य क्षेत्र को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को दिया और परसा कोल ब्लॉक का आवंटन2022 में केंद्र सरकार ने राजस्थान को दिया जो छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मंत्री केदार कश्यप आदिवासी वर्ग से है लेकिन वह जंगल की कटाई का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि जो कांग्रेस पार्टी जंगल कटाई का विरोध कर रही है आदिवासी वर्ग की हक अधिकार की आवाज उठा रही है। केदार कश्यप को स्पष्ट करना चाहिए की आदिवासी समाज जो तमनार की जंगल और हसदेव की जंगल कटाई का विरोध कर रहे हैं तो केदार कश्यप किसके साथ है? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने हसदेव जंगल की कटाई को रोकने के लिए विधानसभा में संकल्प पास करके केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ में नया कॉल खदान आवंटन रद्द करने की मांग किया था तब भी भाजपा के सांसद और विधायक अपनी केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ की हित की बात नहीं किय बल्कि अडानी के बचाव में उतरे थे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा की सरकार ने राजस्थान को कॉल खनन की अनुमति दिया तभी राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया था। भाजपा नेता झूठ बोलकर मोदी सरकार की छत्तीसगढ़ विरोधी आदिवासी विरोधी कार्यों पर पर्दा नहीं कर सकते पूरा प्रदेश जंगल कटाई के खिलाफ है कांग्रेस पार्टी आर्थिक नाकेबंदी करके प्रदेश की खनिज संपदा के लूट को रोकेगी।
छत्तीसगढ़ में कोल खदानों के लिए जंगल काटे जा रहे हैं। लाखों पेड़ जड़ से उखाड़े जा रहे हैं कोयले की तलाश में ताकि बिजली बन सके। इसे लेकर भाजपा पर कांग्रेस, कांग्रेस- भाजपा पर आरोप लगा रही है। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री कह रहे हैं कि जब देश में मनमोहन सिंह PM थे, यानी कि कांग्रेस की सरकार थी, तब छत्तीसगढ़ के जंगलों को काटकर खदान बनाने की अनुमति दी गई। दूसरी तरफ कांग्रेस का दावा है कि सब कुछ केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार का किया धरा है। सबसे पहले कुछ दस्तावेज लेकर वन मंत्री केदार कश्यप मीडिया के सामने आए। उन्होंने मीडिया के सामने एक वीडियो जारी किया और कहा- जब साल 2010 में केन्द्र में काँग्रेस की सरकार थी, तब कोयला मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया था। उसे कांग्रेसी सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने ही सबसे पहले गो एरिया घोषित किया था। भाजपा ने दस्तावेज प्रेजेंटेशन के माध्यम से कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। वनमंत्री कश्यप ने कहा कि कोल खदान और पेड़ कटाई की बात जब कांग्रेस काल में उठाई जाती थी तो भूपेश बघेल कहते थे कि कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध करने वाले अपने-अपने घरों की बिजली बंद कर दें। तो क्या वह अपने घर और राजीव भवन की बिजली बंद करेंगे? मंत्री कश्यप ने कहा कि यह तथ्य है कि न केवल भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक अशोक गहलोत को आवंटित किया था, बल्कि उससे पहले भी मनमोहन सिंह जी की सरकार में तमाम नियमों को धत्ता बताते हुए छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक आवंटन की राह आसान की थी। उन्होंने कहा कि साल 2010 में केन्द्र में काँग्रेस की सरकार थी, तब कोयला मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया था। उसे कांग्रेस नीत सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने ही सबसे पहले गो एरिया घोषित किया था। मंत्री कश्यप ने कहा कि 23 जून 2011 को केन्द्र में कांग्रेस की सरकार रहते ही तारा परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक को खोलने का प्रस्ताव दिया गया। जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, उस वक्त अडानी को दो बड़ी खदानों गारे पेलमा सेक्टर-2 और राजस्थान में केते एक्सटेंशन ब्लॉक का ऑपरेटर बनाया गया। इसी तरह भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही 16 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने पर्यावरण स्वीकृति के लिए सिफारिश भेजी। मंत्री कश्यप ने कहा कि 31 मार्च 2021 को ओपन कास्ट गारे पेलमा सेक्टर-2, मांड-रायगढ़ कोलफील्ड के लिए हुआ समझौता भी सबके सामने है। इसी क्रम में 19 अप्रैल 2022 को भूपेश बघेल जी के मुख्यमंत्री रहते ही कांग्रेस सरकार द्वारा वन स्वीकृति स्टेज-1 और 23 जनवरी 2023 को वन स्वीकृति स्टेज-2 के लिए सिफारिश भेजी गई। मंत्री कश्यप ने कहा कि महाजेंको कोल फील्ड की स्वीकृति में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संलिप्तता को लेकर तब अनेक अखबारों ने समाचार भी प्रकाशित किए थे। 25 मार्च 2022 को भूपेश सरकार ने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के रहते राजस्थान को कोल माइंस का आबंटन किया था। भाजपा ने कांग्रेस से सवाल किया -
- क्या वह मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए निर्णयों के लिए आज माफ़ी मांगेंगे?
- क्या भूपेश बघेल यह घोषणा करेंगे कि अब कांग्रेस कभी बिजली का उपयोग नहीं करेगी, क्योंकि स्वयं यह कह चुके हैं कि विरोध करने वाले अपने घर की बिजली बंद कर दें।
- क्या कांग्रेस हर अपराधी के पक्ष में ऐसे ही खड़ी होगी, जैसे आज पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे के लिए हुई है? कांग्रेस बोली सब भाजपा की वजह से गड़बड़
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी सरकार ने राजस्थान को कोयला खनन का अधिकार 2015 मेँ दिया जब केंद्र ने कोयला खनिज (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के तहत कोयला खदानों की नीलामी शुरू की।राजस्थान को कोयला खनन के लिए जो मुख्य ब्लॉक परसा ईस्ट और कांता बासन (PEKB) कोल ब्लॉक हसदेव अरण्य क्षेत्र को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को दिया और परसा कोल ब्लॉक का आवंटन2022 में केंद्र सरकार ने राजस्थान को दिया जो छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मंत्री केदार कश्यप आदिवासी वर्ग से है लेकिन वह जंगल की कटाई का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि जो कांग्रेस पार्टी जंगल कटाई का विरोध कर रही है आदिवासी वर्ग की हक अधिकार की आवाज उठा रही है। केदार कश्यप को स्पष्ट करना चाहिए की आदिवासी समाज जो तमनार की जंगल और हसदेव की जंगल कटाई का विरोध कर रहे हैं तो केदार कश्यप किसके साथ है? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने हसदेव जंगल की कटाई को रोकने के लिए विधानसभा में संकल्प पास करके केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ में नया कॉल खदान आवंटन रद्द करने की मांग किया था तब भी भाजपा के सांसद और विधायक अपनी केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ की हित की बात नहीं किय बल्कि अडानी के बचाव में उतरे थे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा की सरकार ने राजस्थान को कॉल खनन की अनुमति दिया तभी राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया था। भाजपा नेता झूठ बोलकर मोदी सरकार की छत्तीसगढ़ विरोधी आदिवासी विरोधी कार्यों पर पर्दा नहीं कर सकते पूरा प्रदेश जंगल कटाई के खिलाफ है कांग्रेस पार्टी आर्थिक नाकेबंदी करके प्रदेश की खनिज संपदा के लूट को रोकेगी।