कितने सुरक्षित हैं स्कूल : खुले आसमान के नीचे, बारिश में पढ़ाई...छात्रों ने अपने भविष्य की लगाई गुहार
कक्षा 6वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं खुले आसमान के नीचे, कैंटीन या लैब में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल भवन की छत और खंभे जर्जर होकर गिर चुके हैं, जिससे बच्चों की जान को खतरा बना रहता है। सरकार स्मार्ट क्लास, नई शिक्षा नीति और विकास के दावे करती है, लेकिन हसदा का स्कूल 'दिया तले अंधेरा' की मिसाल है।
कक्षा 6वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं खुले आसमान के नीचे, कैंटीन या लैब में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल भवन की छत और खंभे जर्जर होकर गिर चुके हैं, जिससे बच्चों की जान को खतरा बना रहता है। सरकार स्मार्ट क्लास, नई शिक्षा नीति और विकास के दावे करती है, लेकिन हसदा का स्कूल 'दिया तले अंधेरा' की मिसाल है। What's Your Reaction?


