रामगढ़ पहाड़ को बचाने रामगढ़ संरक्षण व संवर्धन समिति:टीएस सिंहदेव बोले-नए कोल ब्लॉक से रामगढ़ का अस्तित्व खतरे में, ब्लास्टिंग से आ रही हैं दरारें
हसदेव क्षेत्र में नए कोल प्रोजेक्ट के कारण सरगुजा की सांस्कृतिक धरोहर रामगढ़ पर्वत पर संभावित खतरे को देखते पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की पहल पर रामगढ़ संरक्षण और संवर्द्धन समिति नाम के गैर राजनीतिक संस्था का गठन किया गया है। टीएस सिंहदेव ने कहा कि केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक से रामगढ़ के अस्तित्व को खतरा है। विष्णुदेव सरकार बनने के बाद पुराने रिपोर्ट से उलट नया रिपोर्ट पेश कर कोल ब्लॉक को मंजूरी दी जा रही है। पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव शनिवार को रामगढ़ पहुंचे एवं स्थानीय ग्रामीणों के साथ बैठक की। रामगढ़ के ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की मुहिम शुरू करते हुए स्थानीय लोगों के साथ टीएस सिंहदेव ने रामगढ़ संरक्षण और संवर्द्धन समिति के नाम पर गैर राजनैतिक दल का गठन किया है। सिंहदेव ने कहा कि खदान के कारण ऐतिहासिक रामगढ़ पहाड़ के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे के खिलाफ अगर खड़ा नहीं हुआ तो खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में रामगढ पर्वत की विरासत को बचाने और हाथियों के लिये बनाए जा रहे लेमरू प्रोजेक्ट के लिए तत्कालीन केते एक्सटेंशन कोल प्रोजेक्ट को खारिज कर दिया था। वनविभाग ने रिपोर्ट बदली, कांग्रेस ने नहीं दी थी स्वीकृति
टीएस सिंहदेव ने कहा कि केते एक्सटेंशन प्रोजेक्ट को वर्तमान में वनविभाग ने रामगढ़ एवं एलिफेंट कारीडोर से 10 किलोमीटर के दायरे से बाहर बताकर डायवर्सन को मंजूरी दे दी है। जबकि कांग्रेस शासनकाल में वनविभाग ने इसे 10 किलोमीटर के दायरे के अंदर बताया था। सिंहदेव ने कहा कि सरकार बदलने के बाद खनन कंपनी के हितानुसार सर्वे रिपोर्ट के आधार पर खदान को मंजूरी देने की भूमिका बन रही है। उन्होंने कहा कि यह सर्वे रिपोर्ट तथ्यों के विपरीत है। कोल ब्लॉक में विस्फोट से रामगढ़ में दरारें
सिंहदेव ने कहा कि स्थानीय नागरिकों और रामगढ़ के पुजारी का कहना है कि अभी मौजूद खदानों में ब्लास्टिंग के कारण दरारें आ चुकी हैं। नजदीक में खदान खुल जाने पर पहाड़ का अस्तित्व ही संकट में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि रामगढ़ पर्वत हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत है। रामगढ़ पर्वत और क्षेत्र के पर्यावरण को बचाने के लिए न तो कोई राजनीतिक दल मुद्दा है न ही कोई पार्टी, अगर कोई चीज मुद्दा है तो वो रामगढ़ पर्वत और उसकी विरासत है। सिंहदेव ने राजनीति से अलग हटकर सभी लोगों से रामगढ़ संरक्षण एवं संवर्धन समिति से जुड़ने का आह्वान किया। सिंहदेव ने हाल ही में कैबिनेट मंत्री बने स्थानीय विधायक राजेश अग्रवाल के इस बयान का भी स्वागत किया, जिसमें कहा गया है कि खदान के कारण रामगढ़ पर्वत के नुकसान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये रहे उपस्थित
रामगढ़ शेड में उदयपुर में क्षेत्र के नागरिकों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों की बैठक में राकेश गुप्ता, सिद्धार्थ सिंहदेव, ओमप्रकाश सिंह, राजनाथ सिंह, भोजवंती सिंह, अंचल ओझा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के सदस्य और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
हसदेव क्षेत्र में नए कोल प्रोजेक्ट के कारण सरगुजा की सांस्कृतिक धरोहर रामगढ़ पर्वत पर संभावित खतरे को देखते पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की पहल पर रामगढ़ संरक्षण और संवर्द्धन समिति नाम के गैर राजनीतिक संस्था का गठन किया गया है। टीएस सिंहदेव ने कहा कि केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक से रामगढ़ के अस्तित्व को खतरा है। विष्णुदेव सरकार बनने के बाद पुराने रिपोर्ट से उलट नया रिपोर्ट पेश कर कोल ब्लॉक को मंजूरी दी जा रही है। पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव शनिवार को रामगढ़ पहुंचे एवं स्थानीय ग्रामीणों के साथ बैठक की। रामगढ़ के ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की मुहिम शुरू करते हुए स्थानीय लोगों के साथ टीएस सिंहदेव ने रामगढ़ संरक्षण और संवर्द्धन समिति के नाम पर गैर राजनैतिक दल का गठन किया है। सिंहदेव ने कहा कि खदान के कारण ऐतिहासिक रामगढ़ पहाड़ के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे के खिलाफ अगर खड़ा नहीं हुआ तो खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में रामगढ पर्वत की विरासत को बचाने और हाथियों के लिये बनाए जा रहे लेमरू प्रोजेक्ट के लिए तत्कालीन केते एक्सटेंशन कोल प्रोजेक्ट को खारिज कर दिया था। वनविभाग ने रिपोर्ट बदली, कांग्रेस ने नहीं दी थी स्वीकृति
टीएस सिंहदेव ने कहा कि केते एक्सटेंशन प्रोजेक्ट को वर्तमान में वनविभाग ने रामगढ़ एवं एलिफेंट कारीडोर से 10 किलोमीटर के दायरे से बाहर बताकर डायवर्सन को मंजूरी दे दी है। जबकि कांग्रेस शासनकाल में वनविभाग ने इसे 10 किलोमीटर के दायरे के अंदर बताया था। सिंहदेव ने कहा कि सरकार बदलने के बाद खनन कंपनी के हितानुसार सर्वे रिपोर्ट के आधार पर खदान को मंजूरी देने की भूमिका बन रही है। उन्होंने कहा कि यह सर्वे रिपोर्ट तथ्यों के विपरीत है। कोल ब्लॉक में विस्फोट से रामगढ़ में दरारें
सिंहदेव ने कहा कि स्थानीय नागरिकों और रामगढ़ के पुजारी का कहना है कि अभी मौजूद खदानों में ब्लास्टिंग के कारण दरारें आ चुकी हैं। नजदीक में खदान खुल जाने पर पहाड़ का अस्तित्व ही संकट में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि रामगढ़ पर्वत हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत है। रामगढ़ पर्वत और क्षेत्र के पर्यावरण को बचाने के लिए न तो कोई राजनीतिक दल मुद्दा है न ही कोई पार्टी, अगर कोई चीज मुद्दा है तो वो रामगढ़ पर्वत और उसकी विरासत है। सिंहदेव ने राजनीति से अलग हटकर सभी लोगों से रामगढ़ संरक्षण एवं संवर्धन समिति से जुड़ने का आह्वान किया। सिंहदेव ने हाल ही में कैबिनेट मंत्री बने स्थानीय विधायक राजेश अग्रवाल के इस बयान का भी स्वागत किया, जिसमें कहा गया है कि खदान के कारण रामगढ़ पर्वत के नुकसान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये रहे उपस्थित
रामगढ़ शेड में उदयपुर में क्षेत्र के नागरिकों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों की बैठक में राकेश गुप्ता, सिद्धार्थ सिंहदेव, ओमप्रकाश सिंह, राजनाथ सिंह, भोजवंती सिंह, अंचल ओझा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के सदस्य और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।