Ujjain Mahakal: शनिश्चरी अमावस्या पर पहले लगी भस्म फिर हुआ शृंगार, आज भस्म आरती में कुछ ऐसे सजे बाबा महाकाल
इस दिन शनि देव की विधिवत पूजा, व्रत और दान-पुण्य करने से शनि साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष के प्रभाव कम हो जाते हैं।
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