इष्टदेव को प्रसन्न करने के लिए अनोखी परंपरा, 100 बकरे की दी जाती है बलि

आदिवासी समुदाय का मानना है कि यह बलि इष्टदेव को प्रसन्न करने के लिए दी जाती है ताकि गांव में कोई आपदा न आए. उन्हें यह विश्वास है कि दैवीय शक्तियों की नाराजगी से गांव में अकाल, हैजा और अन्य महामारी आ सकती हैं, जिससे गांववाले त्रस्त हो सकते हैं. इस विश्वास के चलते, हर साल विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं, और यह परंपरा अब तक जीवित है.

Feb 17, 2025 - 17:35
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इष्टदेव को प्रसन्न करने के लिए अनोखी परंपरा, 100 बकरे की दी जाती है बलि
आदिवासी समुदाय का मानना है कि यह बलि इष्टदेव को प्रसन्न करने के लिए दी जाती है ताकि गांव में कोई आपदा न आए. उन्हें यह विश्वास है कि दैवीय शक्तियों की नाराजगी से गांव में अकाल, हैजा और अन्य महामारी आ सकती हैं, जिससे गांववाले त्रस्त हो सकते हैं. इस विश्वास के चलते, हर साल विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं, और यह परंपरा अब तक जीवित है.

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