CG News: 50 लाख का सीसी रोड और नाली निर्माण 15 दिनों में उखड़ी, 2 इंजीनियर सस्पेंड
CG News: निर्माण इतना घटिया कराया कि सड़क में पानी डालने से रेती बहने लगी और गिट्टी बाहर निकल आई। निर्माण होने के 15 दिनों के भीतर ही पूरी सड़क उखड़ गई है।
CG News: पीडब्ल्यूडी और नगर निगम में घटिया निर्माण पर रोक नहीं लग पा रही है। शहर के सड्डू-मोवा में 50 लाख की लागत से निगम के जोन-9 के इंजीनियरों ने ऐसा सीसी रोड बनाया कि वह 15 दिनों में ही उखड़ गई। ऐसा घटिया मामला सामने आने पर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने दो सब इंजीनियरों को निलंबित किए और तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए।
CG News: उधड़ने लगा सीसी रोड
निगम के जोन-9 के वार्ड-7 में सड्डू बाजार कैपिटल सिटी फेस-2 के अंतर्गत सीसी रोड बनने के साथ ही पूरी तरह से उखड़ गई। इस जोन के वार्ड-9 दुबे कॉलोनी में सीसी रोड़ और नाली का घटिया निर्माण कराया गया। ठेकेदार के काम की निगरानी जिन इंजीनियरों को करनी थी, वही मिलीभगत में शामिल हो गए।
नतीजा निर्माण पूरा होते ही लाखों रुपए की कंक्रीट सड़क पर पानी फिर गया। सीमेंट रेत में मामूली सीमेंट मिलाकर गिट्टी के ऊपर लेप लगाने का काम कराया गया, उसकी तराई भी नहीं कराई गई। इससे कि सीसी रोड उधड़ने लगा और सड़क पर रेत फैल गई।
उपअभियंता रुचि साहू और जयनंदन डहरिया तत्काल निलंबित
घटिया निर्माण पर निगम आयुक्त ने तत्काल सत कार्रवाई करते हुए उपअभियंता रुचि साहू और जयनंदन डहरिया को निलंबित किया। दोनों को अधीक्षण कार्यालय में अटैच किया गया है। अब केवल गुजारा भत्ता मिलेगा। जारी आदेश में बताया कि सीसी रोड के लिए 41 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति थी। टेंडर में ठेकेदार ने 10 प्रतिशत कम दर पर 32 लाख 47 हजार 110 रुपए का ठेका हासिल किया।
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निर्माण इतना घटिया कराया कि सडक में पानी डालने से रेती बहने लगी और गिट्टी बाहर निकल आई। इसी तरह भीमराव आंबेडकर वार्ड-9 की दुबे कॉलोनी में लोकेश राजपूत के घर से अमित टोप्पो के घर तक सीसी रोड व नाली निर्माण की लागत 19 लाख 85 हजार रुपए थी। निर्माण होने के 15 दिनों के भीतर ही पूरी सड़क उखड़ गई है।
तीन अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच कराने का जिक्र
CG News: इस पूरे मामले में जितना दोषी उपअभियंता हैं, उतना ही कार्यपालन अभियंता पदमाकर श्रीवास भी हैं। परंतु निगम आयुक्त ने श्रीवास के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि जारी आदेश में तीन अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच कराने का जिक्र है।
बता दें कि कई सालों से एक ही जमे इंजीनियरों का नगरीय प्रशासन विभाग ने स्थानांतरण आदेश जारी किया, लेकिन उसका पालन नहीं कराया गया। इसी तबादला आदेश में एसडीओ से कार्यपालन अभियंता बने पदमाकर श्रीवास का स्थानांतरण धमतरी नगर निगम किया गया था। इसके बावजूद आयुक्त मिश्रा ने रिलीव नहीं किया।
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