CG News: सारे घाटों पर खुलेआम रेत चोरी, सुबह कार्रवाई और शाम होते तक फिर एक्टिव हो जाता है तस्करों का गैंग…

CG News: लखना, पारागांव, तर्री, दुलना सहित कई इलाकों में अवैध रेत खनन धड़ल्ले से जारी है। लगातार हो रहे अवैध उत्खनन से त्रस्त ग्रामीणों का गुस्सा अब फूट पड़ा है।

Feb 25, 2025 - 12:37
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CG News: सारे घाटों पर खुलेआम रेत चोरी, सुबह कार्रवाई और शाम होते तक फिर एक्टिव हो जाता है तस्करों का गैंग…

CG News: छत्तीसगढ़ में अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए सरकार के निर्देश केवल कागजों तक सीमित रह गए हैं। जमीनी हकीकत यह है कि प्रशासन की कार्रवाई महज दिखावा बनकर रह गई है। जबकि रेत माफिया बेखौफ होकर महानदी के सीने को छलनी कर रहे हैं। नतीजा, शासन को रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं पर्यावरण को अलग क्षति पहुंच रही है।

CG News: राजनीतिक संरक्षण की चर्चा जोरों पर

माफिया का इतने बेखौफ होकर काम करना इस बात का संकेत देता है कि उन्हें कहीं न कहीं राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है। खनन माफिया, स्थानीय नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते न सिर्फ शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण भी विनाश के कगार पर है। क्या शासन अब भी चुप बैठा रहेगा, या अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई होगी।

खनिज विभाग की गोलमोल बयानबाजी

इस मामले में जब खनिज विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो गोलमोल जवाब मिला। अधिकारी ने कहा टीम उधर ही है दिखवा लेते हैं। वहीं, अभनपुर एसडीएम से पूछने पर जवाब आया टीक है, दिखवाता हूं। इन लापरवाह जवाबों से साफ है कि प्रशासन की रुचि इस अवैध कारोबार को रोकने में नहीं है, बल्कि खानापूर्ति करने में है।

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ग्रामीणों ने उठाई कार्रवाई की मांग

लगातार हो रहे अवैध उत्खनन से त्रस्त ग्रामीणों का गुस्सा अब फूट पड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की ढुलमुल नीति के कारण यह गोरखधंधा फलफूल रहा है। इससे तंग आकर ग्रामीण अब मुख्यमंत्री से मिलने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर अवैध खनन पर रोक नहीं लगी तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।

सिर्फ माफिया को सतर्क करने के लिए ही छापेमारी

CG News: लखना, पारागांव, तर्री, दुलना सहित कई इलाकों में अवैध रेत खनन धड़ल्ले से जारी है। खनिज विभाग और स्थानीय प्रशासन पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि दिन में कार्रवाई दिखाने के बाद रात को फिर खदानें चालू हो जाती हैं। ऐसा लगता है कि खनिज विभाग के अधिकारी सिर्फ माफिया को सतर्क करने के लिए ही छापेमारी करते हैं, ताकि वे कुछ देर के लिए गतिविधि रोक दें और फिर नए जोश के साथ काम पर लग जाएं।

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