CG News: बर्खास्त B.Ed शिक्षकों का धरना प्रदर्शन, सरकार से समायोजन और सेवा सुरक्षा की मांग

CG News: छत्तीसगढ़ के 2,897 बर्खास्त B.Ed प्रशिक्षित सहायक शिक्षक एक बार फिर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। इन शिक्षकों को हाईकोर्ट के फैसले के बाद नौकरी से बाहर कर दिया गया है।

Mar 8, 2025 - 13:22
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CG News: बर्खास्त B.Ed शिक्षकों का धरना प्रदर्शन, सरकार से समायोजन और सेवा सुरक्षा की मांग

CG News: प्रदेश के 2897 बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों ने विधानसभा रोड पर अपनी सेवा सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इन शिक्षकों ने तख्तियां लेकर और घुटने के बल बैठकर जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की।

CG News: प्रशासन ने नहीं उठाया अब तक कोई ठोस कदम

शिक्षकों का कहना है कि वे सरकार पर भरोसा करके शिक्षा क्षेत्र में सेवा देने आए थे, लेकिन अब अपनी आजीविका के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे पहले भी कई तरह के आंदोलनों में शामिल हो चुके हैं, जैसे भूख हड़ताल, यज्ञ, जल सत्याग्रह और दंडवत, लेकिन उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया गया। शिक्षकों ने कहा कि मरीन ड्राइव में उनके अभिभावकों ने शांतिपूर्ण रैली का आयोजन किया था, जिसे प्रशासन ने दबा दिया था।

शासन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य बड़े नेता जब मौके से गुजर रहे थे, तो बीएड शिक्षकों ने उन्हें अपने पोस्टर और घुटनों के बल बैठकर अपनी समस्या दिखाई। वे अब उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही उनका समायोजन और सेवा सुरक्षा से संबंधित कोई सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।

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क्या है पूरा विवाद?

10 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि सहायक शिक्षक के पद के लिए केवल D.Ed डिग्रीधारी पात्र होंगे। इस फैसले के बाद 2,897 B.Ed धारक सहायक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई। इनमें से 56 शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने दूसरी सरकारी नौकरी छोड़कर यह पद जॉइन किया था। कोर्ट ने सरकार को 15 दिनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया, जिससे इन शिक्षकों के लिए भविष्य अंधकारमय हो गया।

धरना स्थल पर गुस्से में शिक्षक

CG News: धरने पर बैठे एक शिक्षक ने कहा कि सरकार ने हमें खुद भर्ती किया, अब कोर्ट के फैसले की आड़ में बाहर कर रही है। आखिर गलती हमारी है या उनकी? हाईपावर कमेटी बनाई गई तो फैसला भी जल्दी आना था, लेकिन हम अब भी इंतजार ही कर रहे हैं। एक अन्य शिक्षक ने कहा कि हमारा परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। अगर हमारी ही नौकरी छीननी थी, तो पहले क्यों दी थी? तानों के डर से घर से निकलने में भी शर्म आती है।

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