CG News: छुटभैया नेता अस्पताल में डॉक्टरों से करते हैं मारपीट, FIR दर्ज हो जाती है… लेकिन पुलिस नहीं करती कोई कार्रवाई

CG News: राजधानी के निजी अस्पतालों में भी कई बार हंगामे की खबर आती है। खासकर इस तरह के मामलों में ज्यादा बिलिंग के बाद मरीज की मौत व पैसे नहीं देने पर डेडबॉडी को रोकने जैसे आरोप लगते रहे हैं।

Mar 12, 2025 - 11:08
 0  5
CG News: छुटभैया नेता अस्पताल में डॉक्टरों से करते हैं मारपीट, FIR दर्ज हो जाती है… लेकिन पुलिस नहीं करती कोई कार्रवाई

CG News: प्रदेश में अस्पतालों में मरीजों की सेवा करने वाले डॉक्टर खतरे के बीच काम कर रहे हैं। कब, कौन उन पर हमला कर दे, कहा नहीं जा सकता। खासकर जब मरीज की मौत हो जाती है, तब परिजनों का गुस्सा भड़क जाता है। ऐसे समय में उनका पूरा गुस्सा न केवल डॉक्टरों पर फटता है, बल्कि अन्य स्टाफ भी निशाने पर होते हैं। ये हमले करने वाले छुटभैया नेता व कई बार मरीज के परिजन या परिचित होते हैं।

CG News: तीन साल की हो सकती है सजा

सुकमा हो या वाड्रफनगर, ऐसे मामलों में पुलिस की कार्रवाई भी शून्य रहती है। जांजगीर मामले में जरूर आरोपी को सजा हुई थी, लेकिन अब उसे जमानत मिल गई है और जेल से छूट गया है। बाकी केस में तो कोई कार्रवाई ही नहीं हुई। प्रदेश में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2011 लागू है।

यह गैरजमानती, गैर समझौताकारी है। साथ ही आरोप सही साबित होने पर तीन साल की सजा हो सकती है। कोलकाता की घटना के बाद न केवल मेडिकल कॉलेज व इससे संबद्ध अस्पतालों, जिला अस्पतालों व सीएचसी में सुरक्षा बढ़ाने के दावे किए गए, लेकिन ये दावे केवल दावे रह गए हैं।

सीसीटीवी कैमरा

अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा लगाने व पर्याप्त लाइट लगाने की बातें कही गईं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश के बाद दूसरे राज्यों की तरह प्रदेश में भी मुख्य सचिव के माध्यम से सभी अस्पतालों को सुरक्षा व्यवस्था तगड़ा करने को कहा। साथ ही खासकर महिला डॉक्टर व अन्य स्टाफ की सुरक्षा पर जोर दिया गया, पर ये केवल कागजों में ही दिखता है।

यह भी पढ़ें: CG Medical College: डॉक्टरों के लिए बड़ी खबर! अब कितने मरीज डिस्चार्ज हुए, कितने की मौत हुई, रेफर क्यों किए, सब बताना अनिवार्य…

राजधानी के निजी अस्पतालों में भी कई बार हंगामे की खबर आती है। खासकर इस तरह के मामलों में ज्यादा बिलिंग के बाद मरीज की मौत व पैसे नहीं देने पर डेडबॉडी को रोकने जैसे आरोप लगते रहे हैं। डॉक्टरों से मारपीट जैसी घटना कम ही हुई है। हाल ही में लालपुर स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में बायपास सर्जरी के बाद मरीज की मौत पर जमकर हंगामा बरपा। परिजनों का आरोप था कि डॉक्टरों ने हैल्थ इंश्योरेंस के लालच में एंजियोप्लास्टी के बजाय बायपास सर्जरी कर दी।

छुटभैया नेता सरकारी व निजी अस्पतालों में घुसकर करता है मारपीट

CG News: इसी अस्पताल में पिछले साल एक स्वाइन फ्लू से पीड़ित महिला की मौत एयर एंबुलेंस में हो गई। परिजनों का आरोप था कि एयर एंबुलेंस में बेसिक सुविधा नहीं थी। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने भी लापरवाही बरती, जिससे महिला मरीज की मौत हो गई। इस मामले की जांच के लिए कमेटी भी बनी थी, लेकिन अस्पताल के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, ये किसी को पता नहीं है। दरअसल इस मामले में रेड एयर एंबुलेंस के साथ अस्पताल प्रबंधन को भी दोषी पाया गया था।

डॉ. अशोक त्रिपाठी, मेंबर सेंट्रल वर्किंग कमेटी आईएमए: प्रदेश में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट का पालन नहीं हो रहा है। कोई भी खासकर गुंडे टाइप लोग व छुटभैया नेता सरकारी व निजी अस्पतालों में घुसकर मारपीट करता है। पुलिस भी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय डॉक्टर को दोषी मानकर थाने में बिठा देता है, जो गलत है। कई मामलों में देखने में आता है कि बिल नहीं देने के लिए जमकर हंगामा किया जाता है।

डॉ. देवेंद्र नायक, चेयरमैन, बालाजी मेडिकल कॉलेज: मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लाने का एकमात्र उद्देश्य सरकारी व निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की सुरक्षा करना है। कोई भी अस्पताल हो या डॉक्टर, मरीज का बेस्ट से बेस्ट इलाज करना चाहता है। कुछ मामलों में मरीजों की मौत के बाद हंगामा मच जाता है। डॉक्टरों व स्टाफ के साथ मारपीट की जाती है, जो गलत है। इलाज में लापरवाही कोई नहीं करता।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

PoliceDost Police and Public Relations