Food Park: कछुआ चाल! 200 फूड पार्क बनाने का ऐलान, अब तक सिर्फ 9 का हुआ निर्माण, जानें किस जिले में कितने?
Food Park: छत्तीसगढ़ कृषक बाहुल्य राज्य है। इसे देखते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 200 फूड पार्क बनाने का वादा किया था।

Food Park: छत्तीसगढ़ कृषक बाहुल्य राज्य है। इसे देखते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 200 फूड पार्क बनाने का वादा किया था। पिछली सरकार में इसके क्रियान्वयन की गति इतनी धीमी है कि गिनती के ही फूड पार्क बन सकें।
अब भाजपा सरकार में कछुआ चाल से काम हो रहा है। स्थिति यह है कि करीब छह साल बाद प्रदेश में सिर्फ नौ फूड पार्क बन सके हैं। हालांकि इनका सही उपयोग अभी तक शुरू नहीं हो सका है। इसके कारण कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित उद्योग स्थापित करने और रोजगार सृजित करने का काम सिर्फ कागजों में दिखाई दे रहा है।
फूड पार्क की स्थापना में सबसे बड़ी समस्या खाली जमीनों को लेकर थी। राजस्व विभाग की जमीन उद्योग विभाग को देने के लिए लंबी कागजी कार्रवाई करनी पड़ी। वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक प्रदेश के कुल 55 विकासखंडों में फूडपार्क की स्थापना के लिए राजस्व विभाग से उद्योग विभाग को शासकीय भूमि हस्तांतरित की गई है।
इनमें से 13 जिलों के 19 फूडपार्क के निर्माण के लिए प्रशासकीय और वित्तीय मंजूरी मिली थी। इनमें से केवल 9 फूड पार्क का निर्माण ही पूरा हो सका है। वहीं स्थापनाधीन 5 फूड पार्क की मंजूरी को राज्य सरकार ने विभिन्न कारणों की वजह से निरस्त कर दिया है। वहीं चार फूड पार्क में अधोसंरचना का काम अभी चल रहा है।
Food Park: पार्क बने, लेकिन उपयोग नहीं
फूड पार्क में अधोसरंचना विकास कार्य पूरा होने के बाद इसकी जमीनों को स्थानीय उद्योगों को उनकी आवश्यकता के अनुसार आवंटन किया जाना था। इसके निर्माण होने के बाद भी अभी तक किसी को जमीन का आवंटन नहीं हुआ है। जबकि सुकमा में करीब तीन साल पहले ही 393 करोड़ से अधिक लागत फूड पार्क का निर्माण हो चुका था। इस वजह से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी निर्मित नहीं हो पा रहे हैं।
यहां बन गए फूड पार्क
जिला- फूड पार्क का नाम
सुकमा- ग्राम सुकमा, तहसील सुकमा
सरगुजा- ग्राम रिखी, तहसील उदयपुर
जशपुर- ग्राम फरसाबहार, तहसील फरसाबहार
सरगुजा- ग्राम उलकिया, तहसील सीतापुर
रायपुर- ग्राम खपरीखुर्द, तहसील तिल्दा
राजनांदगांव- ग्राम पांगुरीखुर्द, तहसील छुरिया
सरगुजा- ग्राम बरबसपुर, तहसील रामानुजनगर
जशपुर- ग्राम नारायण बहली, तहसील कांसाबेल
मुंगेली- ग्राम हथकेरा बिदबिदा, तहसील पथरिया
निर्माणाधीन फूड पार्क
जिला-फूडपार्क का नाम
सुकमा- ग्राम पाकेला, तहसील छिंदगढ़
सुकमा- ग्राम फंदीगुडा, तहसील कोंटा
धमतरी- ग्राम श्यामतराई, तहसील धमतरी
बेमेतरा- ग्राम चन्दनु-रवेली, तहसील बेमेतरा
फूड पार्क से यह होता फायदा
- फूड पार्क किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर बाजार प्रदान करते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।
- यहां किसान अपने उत्पादों को सीधे प्रसंस्करण इकाइयों को बेच सकते हैं, जिससे उन्हें बिचौलियों से छुटकारा मिलता है।
- फूड पार्क स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करते हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
- इन पार्कों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण सुविधाओं, और अन्य संबंधित व्यवसायों के कारण बड़ी संख्या में रोजगार उत्पन्न होते हैं।
- फूड पार्क स्थानीय उत्पादों के प्रसंस्करण और पैकेजिंग को बढ़ावा देते हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ बढ़ती है।
- फूड पार्क खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देते हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
फूड पार्कों के निर्माण की समीक्षा की गई है। नई औद्योगिक नीति के तहत जमीन आवंटन की प्रक्रिया की जाएगी, ताकि लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी निर्मित हो सकें। – लखन लाल देवांगन, उद्योग मंत्री
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