“मालदार ग्राहकों” के लिए लड़कियों की सप्लाई: रायपुर के स्पा सेंटर में देह व्यापार का खुलासा!
रायपुर के एक स्पा सेंटर में पुलिस की कार्रवाई के दौरान देह व्यापार का भंडाफोड़ हुआ है। स्पा की आड़ में कथित तौर पर “मालदार ग्राहकों” को लड़कियों की सप्लाई की जा रही थी। पुलिस ने मौके से कई लोगों को हिरासत में लिया है।
Raipur News : छत्तीसगढ़ की राजधानी में स्पा सेंटरों की आड़ में चल रहा गंदा खेल एक बार फिर बेनकाब हुआ है। न्यू राजेन्द्र नगर स्थित एक स्पा सेंटर से युवतियों की आपत्तिजनक स्थिति में बरामदगी ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या रायपुर अब देह व्यापार का नया अड्डा बनता जा रहा है |
मोटी रकम का लालच, फिर सौदेबाज़ी
पकड़ी गई युवतियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है—उन्हें दूसरे राज्यों से बुलाकर मोटी रकम और लग्ज़री ज़िंदगी का लालच दिया गया। लेकिन हकीकत यह थी कि उन्हें जबरन देह व्यापार के दलदल में धकेला गया। स्पा सेंटर की महिला संचालिका खुद ‘मालदार’ ग्राहकों से सौदा तय करती थी और लड़कियों को मजबूर किया जाता था, उनके पास भेजे जाने के लिए।
पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी
26 मई को रायपुर पुलिस ने 80 से ज्यादा स्पा सेंटरों पर एक साथ छापा मारा था। न्यू राजेन्द्र नगर स्थित सेंटर में जब पुलिस पहुँची, तो वहां से कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुईं और कई युवतियां संदिग्ध हालात में मिलीं थीं
मामला दर्ज, लेकिन…
महिला संचालिका के खिलाफ पीटा एक्ट के तहत अपराध क्रमांक 103/2025 में धारा 3, 4, 5, 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पर क्या यह कार्रवाई काफी है?
कौन हैं संरक्षण देने वाले?
यह पहला मामला नहीं है। कई स्पा सेंटर शहर के पॉश इलाकों और होटलों में अब भी धड़ल्ले से चल रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई अक्सर दिखावटी साबित होती है। सूत्रों का दावा है कि कुछ रसूखदार नेताओं और सफेदपोशों का सीधा संरक्षण इन गोरखधंधों को मिला हुआ है।
धर्मस्थंभ काउंसिल की मांग:
धर्मस्थंभ काउंसिल ने सपा सेंटर की आड़ में चल रहे जिस्मफरोशी के शर्मनाक कारोबार पर बेहद कड़ी आपत्ति जताई है। काउंसिल के अध्यक्ष सौरभ निर्वाणी ने कहा कि ,हमारे रायपुर की पहचान को शर्मसार करने वाले ऐसे नेटवर्क पर अब केवल छापेमारी नहीं, बल्कि इन पर कठोर सज़ा मिलनी चाहिए जो ऐसे काम करने वाले और उन्हें संरक्षण देने वाले लोगों के लिए सबक बने। निर्वाणी ने कहा कि इनकी पहचान को उजागर करने के साथ साथ इन्हें राजनीतिक संरक्षण देने वाले पर भी सीधा प्रहार ज़रूरी है। समाज को भी अब आगे आकर इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी को तोड़ना होगा।
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